मुजफ्फरपुर के 17 वर्षीय किशोर के अंगदान से मिलेगी छह लोगों को नयी जिंदगी
आइजीआइएमएस में मंगलवार की रात दस बजे ब्रेन डेड घोषित किशोर के अंग अब छह लोगों को नयी जिंदगी देगा. उसके परिजनों ने उसके मुख्य अंगों को दान कर दिया है.
पटना : आइजीआइएमएस में मंगलवार की रात दस बजे ब्रेन डेड घोषित किशोर के अंग अब छह लोगों को नयी जिंदगी देगा. उसके परिजनों ने उसके मुख्य अंगों को दान कर दिया है. राज्य में अंगदान के इस मामले ने एक बड़ी मिसाल पेश की है. आइजीआइएमएस के न्यूरो सर्जरी विभाग में इलाज करा रहे 17 वर्षीय किशोर रोहित कुमार को मंगलवार की रात ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया था. बुधवार की सुबह आठ बजे डॉक्टरों ने दोबारा से इसकी पुष्टि की. इसके बाद अंगदान की प्रक्रिया को पूरा किया गया. सड़क दुर्घटना में हेड इंज्युरी के बाद मृतक रोहित को आठ मार्च को यहां लाया गया था. मुजफ्फरपुर के कांटी में सात मार्च को हुई स्कॉर्पियो व ट्रैक्टर की दुर्घटना में रोहित घायल हो गया था. उसकी जान भले ही नहीं बच सकी. लेकिन, उसके परिजनों के इस फैसले ने रोहित को अमर कर दिया. मृत्यु के बाद रोहित के माता-पिता ने उसकी किडनी, लिवर, हृदय व आंख की कॉर्निया दान करने का निर्णय लिया, इससे जीवन व मृत्यु के बीच झूल रहे छह लोगों को नया जीवन मिलने जा रहा है.
हृदय को कोलकाता भेजा गया
बुधवार को अंगदान से मिले हृदय को कोलकाता भेज दिया गया, जहां एक बच्चे में उसका ट्रांसप्लांट किया जायेगा. यह एक जटिल और चुनौती से भरी प्रक्रिया थी. रोहित के हृदय को ट्रांसप्लांट के लिए ले जाया जाये, इसके लिए कोलकाता से ऑर्गेन ट्रांसप्लांट एक्सपर्ट भी पहुंचे थे. उनकी अगुआई में ग्रीन कॉरिडोर बनाकर उसे पूरी सुरक्षा में पटना एयरपोर्ट ले जाया गया. इस काम में पटना ट्रैफिक पुलिस ने भी भरपूर सहयोग दिया. एयरपोर्ट से विमान से हृदय को कोलकाता भेजा गया. ट्रैफिक पुलिस ने दिन के करीब 1.30 बजे इसके लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाया था. वहीं दान की हुई दो किडनी में से एक किडनी को बुधवार की दोपहर ही ट्रांसप्लांट कर दिया गया. जबकि, दूसरी के आज ट्रांसप्लांट होने की संभावना है. इसके लिए वेटिंग लिस्ट में मौजूद दो व्यक्तियों को बुलाया गया है. दान में मिली दोनों आंखों को आइजीआइएमएस के आइ बैंक में सुरक्षित रख दिया गया है.
रोहित के पिता ने लिया अंगदान का फैसला
दान में मिले लिवर का भी ट्रांसप्लांट बुधवार को आइजीआइएमएस में हो गया है. यह राज्य का पहला लिवर ट्रांसप्लांट था. लिवर 47 वर्षीय व्यक्ति को लगाया गया है, जो नोएडा में रहते हैं और बिहार मूल के हैं. रोहित को सम्मान देने के लिए मां वैष्णो देवी सेवा समिति व रोटरी पाटलिपुत्र की ओर से मुक्तिरथ के जरिये उसका शव आइजीआइएमएस से मुजफ्फरपुर भेजा गया. अंगदान की इस घटना पर मृतक के भाई बबलू साह ने कहा कि रोहित नौवीं का छात्र था. पिता रवींद्र कुमार समाजसेवी हैं और उन्होंने अंगदान का फैसला खुद लिया था. ताकि, इससे दूसरे की जान बचायी जा सके.