Bihar: डिजिटल होंगे सूबे के 261 शहर, 29 नगरों में GIS मैपिंग का काम पूरा, बदल जाएगी इन जिलों की किस्मत

‍Bihar के सभी 261 शहरी निकायों की कार्यप्रणाली को पूरी तरह डिजिटल बनाने के लिए उनकी जीआइएस (भौगोलिक सूचना तंत्र) मैपिंग व प्रॉपर्टी सर्वे का काम कराया जा रहा है. इनमें से अब तक 29 शहरों की जीआइएस मैपिंग पूरी हो गयी है और 28 शहरों की जल्द पूरी होने वाली है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 13, 2023 10:22 PM

‍Bihar के सभी 261 शहरी निकायों की कार्यप्रणाली को पूरी तरह डिजिटल बनाने के लिए उनकी भौगोलिक सूचना तंत्र (GIS) मैपिंग व प्रॉपर्टी सर्वे का काम कराया जा रहा है. इनमें से अब तक 29 शहरों की जीआइएस मैपिंग पूरी हो गयी है और 28 शहरों की जल्द पूरी होने वाली है. फेज वन में जिन 29 शहरों की जीआइएस मैपिंग पूरी हुई है, उनमें से 10 शहरों के प्रोपर्टी सर्वे का काम भी पूरा कर लिया गया है, जबकि पांच शहरों का प्रॉपर्टी सर्वे जल्द पूरा होने वाला है. जीआइएस मैपिंग व प्रॉपर्टी सर्वे का काम पूरा होने पर राज्य सरकार को इन शहरों की आबादी, क्षेत्रफल, भौगोलिक परिस्थिति व विशेषताओं के मुताबिक विकास से जुड़ी योजनाएं तैयार करने में आसानी होगी.

चार फेज में चल रहा सर्वे का काम

जीआइएस मैपिंग व प्रॉपर्टी सर्वे का काम चार फेज में चलाया जा रहा है. पहले फेज में चिह्नित 57 शहरों में से शेष 42 शहरों के लिए प्रॉपर्टी सर्वे की प्रक्रिया चल रही है. शेष 204 शहरों को तीन फेज में बांट कर दूसरे फेज में 85 शहर, तीसरे फेज में 57 शहर और चौथे फेज में 62 शहर की जीआइएस मैपिंग और प्रॉपर्टी सर्वे के लिए एजेंसी चयन को लेकर प्रक्रिया की जा रही है. हर फेज के शहरों को कई समूह में बांट कर अलग-अलग एजेंसियों को जिम्मेदारी दी जा रही है. काम अवार्ड होने के बाद एजेंसी को 52 हफ्ते यानि लगभग एक साल में सर्वे का काम पूरा कर अपनी रिपोर्ट विभाग को सौंप देनी होगी.

सीमाओं के निर्धारण से लेकर डेटा कलेक्शन का करेंगी काम

सर्वे एजेंसी को प्रत्येक शहर की प्रशासनिक व स्लम सीमाएं, भवन निर्माण व प्लॉट विकास क्षेत्र, वॉटर बॉडीज, लैंडमार्क, कॉलोनी बाउंड्री सहित अन्य आधारभूत जानकारी टोपोग्राफिक सर्वे व जीआइएस मैपिंग के माध्यम से इकट्ठा करनी होगी. उनके द्वारा निगम के पास मौजूद आंकड़ों का सत्यापन करने के साथ ही पर्यावरणीय डेटा का मूल्यांकन भी किया जायेगा.

क्या है जीआइएस

भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआइएस) पृथ्वी की सतह पर स्थिति से संबंधित डेटा को कैप्चर करने, स्टोर करने, जांचने और प्रदर्शित करने के लिए एक कंप्यूटर सिस्टम है. जीआइएस एक नक्शे पर सड़क, भवन आदि के कई अलग-अलग प्रकार के डेटा दिखा सकता है. यह लोगों को पैटर्न और संबंधों को अधिक आसानी से देखने, विश्लेषण करने और समझने में सक्षम बनाता है. जीआइएस का उपयोग करके कई अलग-अलग प्रकार की सूचनाओं की तुलना की जा सकती है.

इन 29 शहरों में जीआइएस मैपिंग पूरा

पटना, खगौल, दानापुर, फुलवारीशरीफ, बेगूसराय, सासाराम, डेहरी/डालमिया नगर, गया, औरंगाबाद, नवादा, मुजफ्फरपुर, मोतिहारी, बेतिया, कटिहार, पूर्णिया, किशनगंज, भागलपुर, मुंगेर, जमालपुर, सहरसा, दरभंगा, सीतामढ़ी, बिहारशरीफ, राजगीर, आरा, छपरा, सीवान, हाजीपुर और बोधगया.

इन 28 शहरों में जीआइए मैपिंग अंतिम चरण में

सुल्तानगंज, नवगछिया, कहलगांव, बांका, बीहट, तेघड़ा, खगड़िया, लखीसराय, बड़हिया, शेखपुरा, जमुई, समस्तीपुर, बाढ़, मोकामा, मसौढ़ी, बख्तियारपुर, फतुहा, मनेर, हिलसा, बक्सर, डुमरांव, भभुआ, जहानाबाद, अरवल, सोनपुर, दीघवारा, रिविलगंज, महनार

इन 10 शहरों में प्रॉपर्टी सर्वे का काम पूरा

नवादा, मुजफ्फरपुर, मोतिहारी, बेतिया, कटिहार, पूर्णिया, किशनगंज, भागलपुर, मुंगेर और जमालपुर.

इन पांच शहरों में प्रॉपर्टी सर्वे का काम जल्द होगा पूरा

बेगूसराय, सासाराम, डेहरी/डालमिया नगर, गया, औरंगाबाद.

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