बिहार के 40 पुलिस जिलाें और चार रेल जिलाें में नवगठित 44 साइबर पुलिस थाने शुक्रवार से कार्यरत हो गये. अब साइबर अपराध से पीड़ित कोई भी व्यक्ति सामान्य पुलिस थानों के साथ ही इन साइबर थानों में भी प्राथमिकी दर्ज करा सकेगा. बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (इओयू) के एडीजी नैय्यर हसनैन खान ने बताया कि साइबर अपराध से पीड़ित व्यक्ति अब अपनी शिकायत कहीं भी दर्ज करा सकता है. ऐसे सभी मामलों में घटनास्थल साइबर स्पेस माना जायेगा. कोई थानाध्यक्ष घटनास्थल के आधार पर प्राथमिकी दर्ज करने से इंकार नहीं कर सकते हैं.
एडीजी (इओयू) ने बताया कि साइबर अपराध के मामलों में थानाध्यक्ष प्राथमिकी दर्ज करने के लिए प्राधिकृत होंगे. पीड़ित व्यक्ति सीधे थाने में उपस्थित होकर प्राथमिकी के लिए आवेदन दे सकेंगे. साथ ही इ-मेल और डाक से प्राप्त होने वाली शिकायतों की आवश्यक होने पर जांच कर यथाशीघ्र प्राथमिकी दर्ज करने की कार्रवाई की जायेगी. महिलाओं व बच्चों से संबंधित इ-मेल या डाक से भेजे गये आवेदन पर साइबर थाने के पदाधिकारी उनके पास जाकर संबंधित जांच व कार्रवाई पूर्ण करेंगे. उन्हें थाना नहीं बुलाया जायेगा. इ-मेल से शिकायत प्राप्त करने के लिए एनआइसी पर सभी थानों का इ-मेल आइडी तैयार हो रहा है, जिसे आम जनता के बीच प्रसारित किया जायेगा.
एडीजी ने बताया कि साइबर थानों को उनके जिले के साइबर थाना के नाम से जाना जायेगा. इनमें तकनीकी जानकारी रखने वाले पुलिस पदाधिकारी व कर्मियों को पदस्थापित किया जा रहा है. डीएसपी स्तर के पदाधिकारी इसके थानाध्यक्ष के प्रभार में रहेंगे, जबकि दर्ज कांडों का अनुसंधान इंस्पेक्टर स्तर के पदाधिकारी करेंगे. इन थानों में सभी रजिस्टर और दस्तावेज भी डिजिटली संधारित किया जायेगा. जिले में पूर्व से चल रहे सामान्य थानों में भी साइबर अपराध से संबंधित प्राथमिकी दर्ज करायी जा सकती है. साइबर पुलिस थाना के द्वारा जिले के अन्य थाना में साइबर से संबंधित कांडों में आवश्यक तकनीकी सहयोग प्रदान किया जायेगा.
श्री खान ने बताया कि जिला स्तर पर साइबर थाने खुलने से एफआइआर दर्ज कराना आसान होगा और क्षेत्राधिकार की समस्या नहीं होगी. ठगी की गयी राशि को साइबर अपराधी के खाते में होल्ड कराने एवं पीड़ित व्यक्ति को शीघ्र वापस दिलाने की प्रक्रिया भी तेज होगी. इससे साइबर अपराध के संगठित गिरोहों के विरुद्ध एक अभियान के तहत कार्रवाई करने में आसानी होगी.
– ऑनलाइन या इंटरनेट से संबंधित वित्तीय अपराध की शिकायतें
– महिलाओं के विरुद्ध ऑनलाइन या इंटरनेट उत्पीड़न से संबंधित शिकायतें
– बच्चों-नाबालिगों के विरुद्ध ऑनलाइन अपराध
– आइटी एक्ट 2000 के अधीन परिभाषित किये गये सभी आकार के अपराध से संबंधित मामले
– सूचना प्रौद्योगिकी, नेटवर्क, कंप्यूटर संसाधन, कंप्यूटर सिस्टम से संबंधित कोई भी शिकायत/कांड जिसमें जटिल तकनीकी समस्याएं शामिल हो या साइबर अपराध से संबंधित ऐसे मामले जिन्हें पुलिस अधीक्षक द्वारा सौंपा गया हो.
गोपालगंज में एसपी ने किया उद्घाटन
गोपालगंज. जिले के पहले साइबर थाने का उद्घाटन शुक्रवार को एसपी स्वर्ण प्रभात ने किया. यह नगर थाना परिसर में खोला गया है. यहां अत्याधुनिक तरीके से साइबर फ्रॉड के मामले का उद्भेदन होगा. यहां डीएसपी स्तर के एक अधिकारी के अलावा इंस्पेक्टर रैंक के अपर थानाध्यक्ष व इनकी सहायता के लिए दो सब इंस्पेक्टर, डाटा इंट्री ऑपरेटर और प्रोग्रामर की प्रतियुक्ति की गयी है.
सीवान. एसपी शैलेश कुमार सिन्हा ने महिला थाना परिसर में एससी-एसटी थाना भवन के ऊपर के दो कमरे में साइबर थाने का उद्घाटन वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ फीता काट कर किया. साइबर थाने का अतिरिक्त प्रभार थानाध्यक्ष विनोद कुमार को दिया गया है, जबकि इंस्पेक्टर उमेश कुमार भी मौजूद रहेंगे. साइबर थाना स्वतंत्र रूप से काम करेगा और इसे आधुनिक तकनीक से लैस किया गया है. साइबर थाने में दो महिला प्रोग्रामर, दो डाटा इंट्री ऑपरेटर, चार इंस्पेक्टर, तीन सब इंस्पेक्टर, 44 सिपाही मौजूद रहेंगे.
छपरा के महिला थाना स्थित ऊपरी भवन में डीआइजी विकास कुमार व प्रभारी पुलिस अधीक्षक दीपक बर्णवाल ने साइबर थाना का उद्घाटन किया. इस थाने का प्रभार पुलिस उपाधीक्षक यातायात सह प्रभारी बसंती टूडू को बनाया गया है. साइबर थाना और साइबर सेल दोनों साथ कार्य करेंगे. साइबर सेल में तीन ऑपरेटर एक प्रोग्रामर, एक सब इंस्पेक्टर, एक इंस्पेक्टर समेत कॉन्स्टेबल की प्रतिनियुक्ति की गयी है. इंस्पेक्टर मनोज कुमार सिंह को इसका प्रभारी बनाया गया है.
पुलिस उप महानिरीक्षक बाबूराम ने शुक्रवार को साइबर थाना का उद्घाटन एससी-एसटी थाना परिसर (नवोदय विद्यालय के समीप) में किया. डीएसपी एवं इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारी को एसएचओ के रूप में पदस्थापित करने के साथ सभी अन्य पदाधिकारी और कर्मी भी तकनीकी जानकार होंगे. डीएसपी को एसएचओ का प्रभार दिया गया है.
साइबर थाने का शुभारंभ पुलिस अधीक्षक अशोक मिश्रा ने फीता काटकर किया. साइबर थाना बिहार थाना परिसर में बनाया गया है. एसपी ने बताया कि साइबर थाने में एक डीएसपी, चार इंस्पेक्टर, तीन दरोगा, एक प्रोग्रामर, तीन डाटा ऑपरेटर ,दो सिपाही ,एक चालक सिपाही की पदस्थापना शुरुआत में की गयी है.
टाउन थाना परिसर में साइबर थाना का उद्घाटन एसपी कार्तिकेय शर्मा ने नारियल फोड़कर और फीता काटकर किया. एसपी ने बताया कि इस थाने का प्रभारी डीएसपी मुख्यालय संजीव गोल्डी को बनाया गया है. इनकी सहायता के लिए पुलिस इंस्पेक्टर रैंक के एक पदाधिकारी के अलावा अन्य पुलिस पदाधिकारियों को तैनात किया गया है.
डेहरी (रोहतास ). डेहरी शहर स्थित पुलिस अधीक्षक कार्यालय में शुक्रवार को साइबर थाना खुला. इसका उद्घाटन डीआइजी नवीनचंद्र झा ने किया. इसकी अपर थानाध्यक्ष के रूप में पुलिस निरीक्षक को जिम्मेदारी दी गयी है. इस थाने में दर्ज कांडों का इन्वेस्टिगेशन पुलिस निरीक्षक स्तर के पदाधिकारी करेंगे. स्थायी भवन होने तक एसपी कार्यालय में ही यह थाना संचालित रहेगा. साथ ही 1920 हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया गया है.
भभुआ सदर. कैमूर जिले में साइबर क्राइम करने वाले अपराधियों पर पुलिस का अब सीधा वार होगा. साइबर ठगी के बाद अब साइबर थाने की पुलिस तत्काल मामला दर्ज कर एक्शन लेगी. हाइटेक मशीन और साइबर एक्सपर्ट से लैस थाने में केस दर्ज करने के साथ ही पुलिस अपराधियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई भी शुरू कर देगी. इसके लिए शुक्रवार को भभुआ सदर थाना परिसर में साइबर पुलिस थाने की शुरुआत की गयी. एसपी ललित मोहन शर्मा ने फीता काट कर साइबर थाने का विधिवत उद्घाटन किया गया. फ्रॉड होने के 24 घंटे के अंदर हेल्पलाइन 1930 पर अपनी शिकायत डिटेल्स के साथ दर्ज करा सकते हैं.
जिला मुख्यालय के पुराने ब्लॉक परिसर में शुक्रवार को एसपी दीपक रंजन ने साइबर थाने का शुभारंभ किया गया. इसके थानाध्यक्ष एसडीपीओ राजीव कुमार होंगे. वहीं, थाने में दर्ज प्राथमिकी एवं शिकायत के मामले को निष्पादित करने के लिए इंस्पेक्टर रैंक के पदाधिकारी को जिम्मेदारी सौंपी गयी है. आम लोग मोबाइल, व्हाट्सएप एवं मेल के माध्यम से यहां शिकायत कर सकते हैं.
नगर थाना परिसर स्थित एसएसी-एसटी थाने के ऊपरी तल पर साइबर थाना का उद्घाटन एसपी मो कासिम व डीएसपी राजीव रंजन ने संयुक्त रूप से किया. यह थाना रोटेशन के आधार पर 24 घंटे काम करेगा. साइबर थाना अध्यक्ष अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी राजीव रंजन होंगे. इनके साथ एक इंस्पेक्टर और चार सब इंस्पेक्टर रहेंगे. चार कर्मी कंप्यूटर पर रहेंगे. छह गाड़ियां होगी और पर्याप्त संख्या में पुलिस बल रहेगा.