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गाजे-बाजे के साथ निकली थी बारात, गांव लौटा कफन में लिपटा छह बारातियों का शव

सायरन बजाते हुए बारातियों के शव लेकर गांव पहुंची एंबुलेंस, एक साथ तीन गांवों में पसरा सन्नाटा; परिजनों के करुण क्रंदन से खड़गपुर के गोबड्डा, शिवपुर लौगांय और कौड़िया गांव दहल उठा. मृत बारातियों में दो पश्चिम बंगाल के रिश्तेदार थे, शवों को भेजने की तैयारी की जा रही है

Bihar Accident News : मुंगेर के हवेली खड़गपुर प्रखंड के गोबड्डा गांव से सोमवार की शाम गाजे-बाजे के साथ बरातियों का काफिला भागलपुर जिले के पीरपैंती श्रीमतपुर गांव के लिए निकला. लेकिन मंगलवार को तीन एंबुलेंस पर कफन में लिपटा हुआ छह बरातियों का शव गांव लौटा. सायरन बजाती हुई एंबुलेंस कौड़िया, शिवपुर लौगांय और गोबड्डा बरातियों का शव लेकर पहुंचा तो गांव में कोहराम मच गया. मरने वाले लोगों के परिजनों के करूण क्रंदन से तीनों गांव में चीख-चित्कार से लोगों का दिल दहल उठा. इधर छह बरातियों की मौत के बाद बिना शादी के ही पूरी बरात और दूल्हा वापस लौट गये.

हवेली खड़गपुर प्रखंड के गोबड्डा गांव निवासी सुनील दास के पुत्र मोहित कुमार की शादी भागलपुर पीरपैंती के श्रीमतपुर गांव में तय हुई. सोमवार की शाम गोबड्डा से बरात विभिन्न वाहनों से गाजे-बाजे के साथ निकली. लेकिन भागलपुर-कहलगांव के आमापुर के समीप पत्थर लदा अनियंत्रित ट्रक ने सामने से स्कार्पियों में टक्कर मार दी. स्कार्पियो पर कुल नौ बराती सवार थे. जिसमें चालक सहित छह लोगों की मौत हो गयी. जबकि अन्य तीन बाराती बुरी तरह तरह घायल हो गये.

दुर्घटना में कौडिया गांव का स्कार्पियो चालक शंकर मंडल का पुत्र सत्यम मंडल उर्फ छोटू मंडल, गोबड्डा गांव अशोक दास का 16 वर्षीय पुत्र संचित कुमार उर्फ मुखिया, लालू दास का दस वर्षीय पुत्र अभिषेक कुमार, शिवपुर लौगांय गांव का रहने वाला दूल्हे का दोस्त कमलेश्वरी सिंह का 35 वर्षीय पुत्र पंकज कुमार की मौत हो गयी. ज

बकि पश्चिम बंगाल के चौबीस परगना के पोलथा गांव का रहने वाला दूल्हे का रिश्तेदार 40 वर्षीय परिमल दास, बोहरामपुर मुर्शिदाबाद कृष्णानगर निवासी लब्बू दास का पुुत्र दूल्हे का ममेरा भाई 16 वर्षीय अमित दास की मौत हो गयी. इस दुर्घटना में घायल तीन बराती शिवपुर लौगांय के कैलाश दास, अनूप लाल दास तथा लब्बू दास गंभीर रूप से घायल है. जिसका इलाज भागलपुर में चल रहा है.

एंबुलेंस पहुंचते ही चीख-चीत्कार, गांव में मचा कोहराम

सन्नाटे को चीरती हुई सायरन बजाती हुई एंबुलेंस कफन में लिपटा हुआ छह बरातियों का शव लेकर मंगलवार को कौड़िया, शिवपुर लौगांय और गोबड्डा गांव पहुंचा. मृतकों का शव पहुंचते ही परिजनों की चीख पुकार शुरू हो गयी. जिसके कारण तीनों गांवों का माहौल गमगीन हो गया. दोपहर लगभग 2:35 बजे भागलपुर से तीन अलग-अलग एंबुलेंस पर जैसे ही मृतकों का शव उनके गांव पहुंचा परिजनों की चीत्कार से गांव का माहौल गमगीन हो गया.

आस-पड़ोस के ग्रामीणों के आंसू भी थमने का नाम नहीं ले रहा है. एक एंबुलेंस पर दूल्हे के ममेरे भाई अमित दास जो पश्चिम बंगाल के कृष्णा नगर में रहता था और रिश्ते का भतीजा परिमल दास जो पश्चिम बंगाल के पोलथा गांव का रहने वाला था. उसी एंबुलेंस गोबड्डा गांव निवासी 16 वर्षीय संचित कुमार का शव था. जबकि दूसरे एंबुलेंस पर शिवपुर लौगाय निवासी पंकज कुमार जो दूल्हे का दोस्त था उसका शव लेकर एंबुलेंस गांव पहुंचा. जबकि कौडिया गांव का स्कार्पियो चालक सत्यम मंडल उर्फ छोटू मंडल का एंबुलेंस से गांव पहुंचा. शव पहुंचते ही कोहराम मच गया.

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एक साथ उजड़ गया छह परिवार का घर-संसार

हृदय विदाक घटना से पूरे क्षेत्र के को झकझोर कर रख दिया है. गोबड्डा गांव निवासी पंकज कुमार की मौत के बाद परिवार में कोहराम मच गया है. पंकज कुमार इलेक्ट्रिशियन का काम करता था. उन्होंने अपने पीछे तीन पुत्र 10 वर्षीय हंसराज, सात वर्षीय अमर कुमार एवं तीन वर्षीय अमन कुमार छोड़ गया. वह दो भाइयों में छोटा था. बड़ा भाई दिल्ली में मजदूरी का काम करता है. पत्नी प्रियंका देवी का रो-रो कर बुरा हाल है.

वहीं गोबड्डा के ही लालू दास का छह वर्षीय पुत्र अभिषेक कुमार की भी मौत हो गयी. जो गांव के ही स्कूल में कक्षा तीन का छात्र था. वह तीन भाई और एक बहन में सबसे छोटा था. उसकी मौत के बाद परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है. गोबड्डा गांव निवासी अशोक दास का 17 वर्षीय पुत्र संचित कुमार उर्फ मुखिया की मौत हो गयी. जो पांच भाई-बहन में तीसरे नंबर पर था.

मरने वालों में स्कार्पियों चालक कौड़िया गांव निवासी शंकर मंडल का पुत्र सत्यम मंडल उर्फ छोटू कुमार था. जो अपने पीछे पत्नी नीतू देवी, छह वर्षीय पुत्री राधा कुमारी एवं दो वर्षीय लड्डू कुमार को छोड़ गया. वह स्कार्पियो चला कर अपने परिवार का भरण पोषण करता था. जो घर का एक मात्र कमाऊ सदस्य था. सत्यम की मौत के बाद परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा. पत्नी का रो-रो कर बुरा हाल है.

रिश्तेदार की खुशी में शरीक होने आया था परिमल व अमित

पश्चिम बंगाल से रिश्तेदार की खुशी में शरीक होने आये परिमल व लब्बू की मौत से उनके खुद के घरों में मातम पसर गया. हादसे में पश्चिम बंगाल के 24 परगना जिला के पोलथा गांव निवसी 40 वर्षीय परिमल दास और मुर्शिदाबाद होरमपुर कृष्णा नगर कांव निवासी अमित दास की मौत हो गयी. जिसकी मौत से उसका पूरा परिवार टूट गया.

परिमल रिश्ते में दूल्हे का भतीजा लगता था, जबकि अमित रिश्ते में दूल्हे का ममेरा भाई था. परिमल अपने पीछे पत्नी और 11 वर्षीय पुत्री पूनम कुमारी को छोड़ गया है. जो घर पर परिमल का इंतजार कर रहा था. जबकि अमित का इंतजार पूरा परिवार पश्चिम बंगाल में कर रहा है. ग्रामीणों की माने तो दोनों के शवों को पश्चिम बंगाल भेजने की तैयारी की जा रही है.

घर में ताला लगाकर फरार हुआ दूल्हा और उसका परिवार

इस दर्दनाक सड़क हादसे के बाद दूल्हा बिना शादी किये ही बरातियों के साथ वापस लौट आया. लेकिन जैसे-जैसे ग्रामीणों को घटना की जानकारी मिली और बरातियों के बारे में दूल्हे और उसके पिता सुनील दास से जानकारी लेने ग्रामीण उसके पहुंचने लगे तो पूरा परिवार डर गया. दूल्हा सहित पूरा परिवार घर में ताला लगाकर अज्ञात जगह पर निकल गया. जबकि उसके पश्चिम बंगाल के दो रिश्तेदार का शव गोबड्डा में रखा हुआ है. दूल्हा सहित पूरे परिवार के घर छोड़ कर चले जाने से ग्रामीण काफी नाराज हैं. उनका कहना है कि उन लोगों को ऐसा नहीं करना चाहिये. अब उनके रिश्तेदारों के शवों का क्या होगा.

कोई दुल्हन को, तो कोई बरात ले जाने वालों को कोसता दिखा, सभी तकदीर की बात कह दे रहे थे सांत्वना

इस दर्दनाक घटना के लिए एनएच-80 की दुर्दशा, या फिर उसके लिए काम करने वाले जनप्रतिनिधि, या निर्माण एजेंसी, या फिर हाइवा चालक या फिर बरातियों को लेकर जा रहे कार चालक जिम्मेदार थे, इसका खुलासा तो जांच के बाद ही होगा. मगर फिलहाल छह परिवार के बुझ चुके दीयों के लिए मायागंज अस्पताल से लेकर पोस्टमार्टम हाउस तक मातम पसरा रहा.

वरीय अधिकारियों से लेकर कनीय पदाधिकारियों तक लगातार चक्कर लगाते दिखे. हालांकि लोगों के बीच यह भी चर्चा थी कि रात 12 बजे हुए हादसे के 10 घंटे बाद पुलिस-प्रशासनिक अधिकारियों की नींद टूटी और वे लोग मृतक के परिजनों को सांत्वना देने पहुंचे. पोस्टमार्टम हाउस में एक तरफ जहां मृतकों के शव का पोस्टमार्टम हो रहा था तो दूसरी तरफ बाहर खड़े परिजन विलाप कर कोई दुल्हन को तो कोई बरात ले जाने वाले लोगों को कोसते दिखे.

सभी जुबान पर बस एक ही बात थी, मौत ने जबरदस्ती बुलाया

मृत स्कॉर्पियो चालक सत्यम मंडल के बड़े भाई व अन्य परिवार के लोगों ने बताया कि सत्यम किसी और की गाड़ी चलाता था. सोमवार की रात बगल के गांव के एक कार मालिक ने उसे फोन कर कहा कि वह काफी थका हुआ है और एक बरात जाने के लिए उसकी गाड़ी की बुकिंग है. सत्यम ने पहले तो मना किया पर कार मालिक द्वारा काफी जोर देने के बाद सत्यम तैयार हो गया.

इधर, 17 वर्षीय संचित कुमार जो कि इंटर का छात्र था, उसकी मां बिंदू देवी ने बताया कि उनका बेटा कभी भी किसी बरात में नहीं जाता था. गांव में हो रही शादी को लेकर बरात जाने के लिए उसने अकेले ही जाने की जिद की थी. दोनों ही मृतकों के परिजनों का कहना था कि मौत ने ही दोनों को बुला लिया.

मुंगेर के गबड्डा धबड़ी निवासी मोहित की शादी में जा रहे थे बरात

घटना में मुंगेर जिला के शामपुर थाना क्षेत्र के गबड्डा धबड़ी निवासी मोहित कुमार दास की शादी के लिए जा रहे बारात में कई लोग शामिल हुए थे. जिसमें सत्यम मंडल और संचित सहित लालू दास का 10 वर्षीय बेटा अभिषेक जो कि पांचवीं कक्षा का छात्र है. वह अपने पिता के अलावा पहली बार कहीं जाने के लिए निकला था. कोलकाता के 24 परगना से आये उसके मौसा पोरिमल दास के साथ वह बरात जा रहा था.

घटना में अभिषेक सहित पोरिमल दास की भी मृत्यु हो गयी. घटना में घायल लव रविदास का 16 वर्षीय बेटा अमित दास की भी मौत हो गयी. वह पश्चिम बंगाल के मुर्शीदाबाद स्थित तालगाछी का रहने वाला था और आठवीं कक्षा में पढ़ाई करता था. उक्त घटना में मुंगेर जिला के हवेली खड़गपुर निवासी पंकज कुमार सिंह की भी मृत्यु हो गयी. वह तीन बच्चों के पिता थे. मुंगेर में ही बिजली मिस्त्री का काम करते थे.

मृतक के परिजनों को मिला मुख्यमंत्री पारिवारिक एवं कबीर अंत्येष्टि योजना का लाभ

सड़क दुर्घटना में मौत के शिकार हुए चार मृत बरातियों के परिजनों को प्रशासनिक स्तर पर मुख्यमंत्री पारिवारिक लाभ योजना एवं कबीर अंत्येष्टी योजना के तहत लाभ दिया गया. जबकि मरने वालों में दो बराती पश्चिम बंगाल के थे. जिसके कारण उनको लाभ नहीं दिया जा सका. प्रशासनिक स्तर पर आश्वासन दिया कि सरकारी स्तर पर मिलने वाला अन्य मुआवजा का लाभ भी उन लोगों को दिलाया जायेगा.

बताया जाता है कि खड़गपुर के गोबड्डा से बरात भागलपुर के पिरपैंती के लिए निकली थी. लेकिन सड़क हादसे में छह बरातियों की मौत हो गयी. जिसमें चार बराती पंकज कुमार (35), अभिषेक कुमार (6), संचित कुमार उर्फ मुखिया (17) एवं सत्यम मंडल उर्फ छोटू (30) भी शामिल थे. चारों मृतकों के परिजनों को प्रखंड विकास पदाधिकारी प्रियंका कुमारी एवं अंचलाधिकारी संतोष कुमार सिंह ने संयुक्त रूप से मुख्यमंत्री पारिवारिक लाभ योजना के तहत 20-20 हजार का चेक दिया.

जबकि कबीर अंत्येष्टि योजना के अंतर्गत संबंधित पंचायत के मुखिया द्वारा तीन-तीन हजार की मदद मृतक के परिजनों को दी गयी. बीडीओ व सीओ ने मृतक के परिजनों को ढांढस बंधाते हुए कहा कि इस दुख की घड़ी में प्रशासन आपके साथ है. उन्होंने प्रशासन द्वारा हर संभव मदद दिलाने का आश्वासन दिया है. इधर बिहार के निवासी नहीं होने के कारण पश्चिम बंगाल के रहने वाले दो मृतकों को इस योजना का लाभ नहीं मिल पाया है.

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जहां बजनी थी शहनाई, वहां पसरा मातम

बरात आने की खुशी में कन्या पक्ष के लोग दौड़-दौड़ कर तैयारी कर रहे थे. शादी से पूर्व कन्या के सभी संस्कार यथा देवपूजन, हल्दी की रस्म, धृतढारी आदि कार्यक्रम संपन्न करा कर दूल्हे व बरातियों के आगमन की प्रतीक्षा की जा रही थी. घर के लोग बरात मिलन, वरमाला व बरातियों के लिए नाश्ते का पैकेट लगा रहे थे. रात 11 बजे के बाद अचानक बरातियों के भयानक सड़क दुर्घटना के शिकार होने की खबर आती है.

लड़की वाले परिवार की स्थिति का अंदाजा सिर्फ पीड़ित परिवार ही लगा सकता है. सोमवार की रात श्रीमतपुर के स्व विजय रविदास व भोलिया देवी की चौथी पुत्री लवली कुमारी की शादी के लिए शामपुर मुंगेर के चपडी गवड्डा के मुन्नीलाल दास के पुत्र मोहित कुमार दास के यहां से आ रहे बरातियों का इंतजार हो रहा था. बरातियों के स्वागत की तैयारियों में लगे लड़की के बड़े भाई अशोक दास के पास मोबाइल पर खबर आती है कि बरात की एक गाड़ी पर गिट्टी लदा 14 चक्का का हाइवा पलट गयी है.

वह अपने एक मित्र के साथ तुरंत घटनास्थल की ओर बाइक से रवाना हुए. वहां की स्थिति देख उनके होश उड़ गये. घर पर बरात आगमन की प्रतीक्षा व घटनास्थल पर छह बरातियों की मौत व तीन लोगों के भयानक रूप से चोटग्रस्त होते देख कर वह परेशान हो गये. उसने संतोष की सांस ली कि दूल्हा सहित उसके परिवार के लोग सुरक्षित हैं, लेकिन उस अफरा-तफरी में उसकी हिम्मत बरात को अपने घर चलने की कहने की नहीं हुई.

घर पर गांव के लोग खाना खाने के बाद बरात का इंतजार कर रहे थे, लेकिन उनको बरातियों के नहीं आने से घोर निराशा हुई. मंगलवार को सुबह वर पक्ष के लोगों की मांग पर बनवाया गया चिकन व पुलाव को गड्ढा खोद कर दबा दिया गया. पंडाल, टेंट, शादी का मंडप व अन्य सजावट का सामान ठेकेदार उखाड़ कर ले गये. उन लोगों ने भाड़ा व खर्चा के लिए कोई तगादा नहीं कर मानवीय संवेदना का परिचय दिया.

लड़की पांच बहनों में चौथी है, जबकि उसके चार भाई है. बड़ी बहन ने कहा कि लड़का को अगर वह लोग भेज दिये होते, तो कम से कम शादी तो हो जाती. शादी में चार लाख से अधिक खर्च हुआ थी. गांव के लोगों ने पीड़ित परिवार के प्रति संवेदना जताते ढांढस बंधाया.

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