बिजली आपूर्ति में बिहार ने हासिल की शानदार उपलब्धि, पड़ोसी राज्य यूपी और झारखण्ड को छोड़ा पीछे
ताजा रिपोर्ट के मुताबिक बिजली के मामले में बिहार ने कई राज्यों को पीछे छोड़ दिया है. रूरल इलेक्ट्रिफिकेशन कॉरपोरेशन लिमिटेड की ओर से जारी देश भर की बिजली कंपनियों की रैंकिंग व रेटिंग से यह खुलासा हुआ है.
पटना. बिजली के क्षेत्र में बिहार ने पिछले 10 वर्षों में अविश्वसनीय काम किया है. बिजली आपूर्ति को लेकर एक दशक पहले तक लालटेन युग भी जी रहा बिहार आज बिजली के मामले में आत्मनिर्भर हो चुका है. हर घर बिजली पहुंच चुकी है और शहर के बाद अब गांव में भी प्रीपेड मीटर लगाने का काम शुरू हो चुका है. ताजा रिपोर्ट के मुताबिक बिजली के मामले में बिहार ने कई राज्यों को पीछे छोड़ दिया है. रूरल इलेक्ट्रिफिकेशन कॉरपोरेशन लिमिटेड की ओर से जारी देश भर की बिजली कंपनियों की रैंकिंग व रेटिंग से यह खुलासा हुआ है.
राष्ट्रीय औसत के करीब पहुंचा बिहार
इस रिपोर्ट के अनुसार बिजली आपूर्ति के मामले में बिहार देश में 25 वें स्थान पर है. बिहार अपने पड़ोसी राज्यों यूपी व झारखंड से आगे है. रिपोर्ट में कहा गया है कि बिहार के शहरी क्षेत्रों में 23.1 घंटे बिजली आपूर्ति हो रही है, जो राष्ट्रीय औसत 23.57 घंटे से कम है, लेकिन बिहार से भी पीछे यूपी, झारखंड हैं. यहां तक कि जम्मू कश्मीर भी बिहार से पीछे है. ग्रामीण इलाकों में बिजली आपूर्ति के मामले में बिहार 18 वें पायदान पर है. बिहार के ग्रामीण इलाके में 20.1 घंटे बिजली आपूर्ति हो रही है. बिहार से पीछे मणिपुर, असम, कर्नाटक, झारखंड, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश व जम्मू-कश्मीर है.
दक्षिण के मुकाबले उत्तर बिहार में अधिक गुल होती है बिजली
रिपोर्ट में कहा गया है कि बिहार में बिजली आपूर्ति के दौरान व्यवधान अभी भी काफी अधिक हैं. बार-बार बिजली गुल होने के मामले में दक्षिण के मुकाबले उत्तर बिहार आगे है. रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर बिहार के ग्रामीण इलाकों में एक साल में 760 बार फीडर से बिजली गुल हुई. इस मुकाबले दक्षिण बिहार में 513 बार फीडर से बिजली गुल हुई. वहीं शहरी क्षेत्रों में उत्तर बिहार में एक साल में 418 बार तो दक्षिण बिहार में 351 बार बिजली गुल हुई.