बिहार के दो आईपीएस अधिकारियों के गृह विभाग के द्वारा संस्पेंड कर दिया गया है. इसके लिए विभाग के द्वारा अधिसूचना जारी कर दी गयी है. बता दें कि DGP से जालसाजी के मामले में गया के एसएसपी रह चुके आदित्य कुमार को सरकार के द्वारा निलंबित किया गया है. जबकि आय से अधिक संपत्ति के मामले में पूर्णिया पिछले दिनों एसपी दयाशंकर के कई ठिकानों पर छापेमारी की गयी थी. उनके पास बड़ी मात्रा में कैश और प्रोपर्टी बरामद हुई थी. इसके बार उन दोनों पर कार्रवाई की गयी है. दोनों अधिकारी निलंबन की अवधि में जोनल आइजी केंद्रीय क्षेत्र, पटना से अटैच रहेंगे.
हाइकोर्ट का चीफ जस्टिस बनाकर अपने दोस्त अभिषेक अग्रवाल से डीजीपी को फोन कराकर गया के थाना फतेहपुर में दर्ज कांड को खत्म कराने के मामले में अभियुक्त बनाये गये 2011 बैच के बिहार कैडर के आइपीएस आदित्य कुमार शुक्रवार को अपने परिवार के साथ भूमिगत हो गये हैं. आर्थिक अपराध इकाई की जांच टीम उनकी गिरफ्तारी में लगी हुई है. वे अभी पुलिस महानिरीक्षक के सहायक (निरीक्षण) के पद पर कार्यरत थे. आदित्य कुमार के विरुद्ध आर्थिक अपराध इकाई द्वारा धारा 353/ 387/ 419/ 420/ 467/468/ 120(बी) भादवि तथा 68 (सी) एवं 66 (डी) आइटी एक्ट 2000 के तहत आर्थिक अपराध थाना में 15 अक्टूबर को कांड संख्या सं 33 / 2022 दर्ज कराया गया था.
गृह विभाग ने निलंबन आदेश में कहा है कि आदित्य कुमार ने मुख्य न्यायाधीश पटना उच्च न्यायालय पटना के नाम का छद्म दुरुपयोग कर मोबाइल नंबर 9709303397 से उपयोगकर्ता (अभिषेक अग्रवाल) द्वारा डीजीपी बिहार एवं राज्य प्रशासन के वरीय प्राधिकारों को मोबाइल कॉल व वाट्सएप कॉल के माध्यम से संपर्क किया था. आदित्य कुमार के हित में प्रशासनिक निर्णय लिए जाने के लिए दबाव बनाने के इस मामले की इओयू की जांच में पुष्टि हुई है. सरकार ने इसे संज्ञेय अपराध मानते हुए आदित्य कुमार को तत्कालिक प्रभाव से निलंबित कर दिया है. इस मामले में आदित्य कुमार के इशारे पर डीजीपी को फोन करने वाले अभिषेक अग्रवाल को इओयू ने दो दिन की रिमांड पर ले लिया है. उससे पूछने के लिए सवालों की लिस्ट तैयार कर ली है. आदित्य कुमार की लोकेशन ट्रेस करने के लिए साइबर सेल की टीम को लगाया गया है.
पूर्णिया के एसपी 2014 बैच के आइपीएस अधिकारी दया शंकर को आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में निलंबित किया गया है. स्पेशल विजिलेंस यूनिट (एसवीयू) ने उनके खिलाफ 10 अक्टूबर को कांड दर्ज किया था. 11 अक्टूबर को एसपी आवास सहित एक दर्जन से अधिक ठिकानों पर छापेमारी की गयी थी. एसवीयू ने कार्रवाई में आयकर विभाग की भी मदद ली थी. एसपी के ठिकानों से लाखों का कैश के अलावा करोड़ों रुपये की अवैध संपत्ति और निवेश के दस्तावेज मिले थे. दयाशंकर ने रिश्वत का पैसा लेने के लिए गनर, रीडर थानेदार को अलग- अलग जिम्मेदारी दे रखी थी. दयाशंकर, बिहार कैडर के 2014 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं. वह जगदीशपुर, भोजपुर में एसडीपीओ तथा शेखपुरा के एसपी रह चुके हैं. नियुक्ति के बाद 2016 से अब तक की उनकी पदस्थापना की उक्त अवधि के दौरान भ्रष्ट और अवैध तरीकों से अपने और आश्रितों के नाम पर 71 लाख 14 हजार 666 रुपये की संपत्ति आय के स्रोत से अधिक मिली है.