बेमौसम बारिश से बिहार की कृषि व्यवस्था चरमराई, खलिहान में रखे धान को नुकसान
गुरूवार से मौसम की बेरुखी ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी है. सुबह की पहर में बूंदा-बूंदी व तीसरे पहर के बाद से हल्की बारिश का दौर शुरू हुआ तो देर शाम तक चलता रहा. जिला मुख्यालय के साथ-साथ पूरे जिले में अचानक ठंड का एहसास तेज हो गया.
औरंगाबाद/कुटुंबा. प्रकृति की क्रूरतम निगाहें व बे-मौसम बारिश ने खेतिहरों की चितां बढ़ा दी है. इधर दो -तीन दिनों से आसमान में बादलों का डेरा है. हालांकि, बुधवार को मौसम बिल्कुल साफ रहा पर अचानक धूप तिखी हो गयी थी. अनुभवी व्यक्ति ऐसा अंदाजा लगा रहे थे कि मौसम खराब होने वाला है. इसके पहले मंगलवार की सुबह आसमान में घनघोर बादल छाए हुए थे व बारिश की फुहार भी बरसी. गुरूवार से मौसम की बेरुखी ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी है. सुबह की पहर में बूंदा-बूंदी व तीसरे पहर के बाद से हल्की बारिश का दौर शुरू हुआ तो देर शाम तक चलता रहा. जिला मुख्यालय के साथ-साथ पूरे जिले में अचानक ठंड का एहसास तेज हो गया.
खलिहान में रखे धान को अधिक नुकसान
इधर, बे-मौसम बारिश से किसान परेशान दिख रहे है. उनके खेतों में कटाई कर सूखने के लिए रखे गये धान खराब हो रहा है. ठंडी के दिनों में मौसम के अचानक करवट लेने से खड़े फसल की अपेक्षा कटाई की गयी फसलों को अधिक नुकसान हो रहा है. आखिर किसान कर भी क्या सकते हैं. रामपुर के रामचंद्र सिंह, रसलपुर के शिवनाथ पांडेय, सुही के रामनरेश सिंह, बुमरू गांव के संजय सिंह, भरवार के भीम सिंह, रभान बिगहा के विजय सिंह, करहारा के भगल सिंह, ओरा के प्रदीप सिंह, सोनबरसा के नंदकिशोर सिंह आदि किसान बताते हैं कि बरसात के दिनों में धान की रोपाई के समय चिलचिलाती धूप व उमस भी गर्मी के साथ वर्षापात से किसान जूझ रहे थे. वहीं फसल कटनी के समय बारिश हो रही है.
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बारिश की फुहार से पशुओं को भीगने न दे
बे-मौसम बारिश किसान को ही नहीं पशुपालकों को भी अस्त-व्यस्त कर दिया है. इस तरह के मौसम से दुधार पशुओं व उनके बच्चों के स्वास्थ्य पर असर पड़ रहा है. पशु चिकित्सक चलंत डॉ शैलेंद्र कुमार ने बताया कि बे-मौसम बारिश के दौरान पशुओं को आसमान के तले खुले मैदान में न बाधें. पानी में भींगने पर सर्दी बुखार व निमोनिया होने की आशंका बनी रहती है. उन्होंने बताया कि विपरीत मौसम में पशुपालकों को पशुओं के खान पान व रखरखाव के प्रति एतिहायत बरतने की जरूरत है. पशुओं को ठंठी से बचाव के लिए शरीर पर जुट की बोरी डालें. पीने के लिए ताजा पानी दे. हरा चारा के साथ गेंहू का भूसा खल्ली व चोकर मिलाकर खिलाएं. सूर्य के बादल से बाहर निकलने पर पशुओं को धूप में जरूर रखें. उन्होंने बताया कि पशुओं के स्वास्थ्य प्रभावित होने पर नजदीक के मवेशी अस्पताल के चिकित्सक से संपर्क कर मुफ्त में उपचार कराएं.
दो दिनों तक मौसम रहेगा खराब, छाये रहेगें बादल
कृषि विज्ञान केन्द्र सिरीस के मौसम वैज्ञानिक डॉ अनूप कुमार चौबे ने बताया कि जिले के विभिन्न क्षेत्रों में अभी दो दिनो तक आसमान में बादल छाये रहेंगे. इस दौरान एक एमएम से लेकर पांच एमएम तक बारिश होने की संभावना है. उन्होंने बताया कि मौसम पूर्वानुमान के अनुसार शुक्रवार को वातावरण का अधिकतम तापमान 26.5 डिग्री सेल्सियस, शनिवार को 26डिग्री, रविवार को 29 डिग्री, सोमवार को 29.5 डिग्री तथा मंगलवार को 26.5 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है. इस बीच न्यूनतम तापमान में भी कमी आयेगी. उन्होंने बताया कि किसान ऐसे मौसम में धान की फसल की कटाई का अभी इंतजार करें.