बिहार में अब 24 घंटे के भीतर हो फसल नुकसान का आकलन : कृषि मंत्री
कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने वीडियो कांफ्रेंसिंग कर बिहार के सभी जिला कृषि पदाधिकारियों को दिये निर्देश, 24 घंटे के भीतर फसल नुकसान का हो आकलन
पटना : बिहार सरकार में कृषि मंत्री डाॅ. प्रेम कुमार ने रविवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से एक-एक जिला के जिला कृषि पदाधिकारी से अनियमित वर्षापात से फसल पर हुए प्रभाव के बारे में जानकारी प्राप्त की. इस दौरान कृषि मंत्री ने सभी जिला कृषि पदाधिकारियों को 24 घंटे के भीतर अनियमित वर्षापात से हुए फसल नुकसान का आकलन कर रिपोर्ट देने को कहा है.
बिहार सरकार में कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने रविवार को वीडियो कांफ्रेंसिग के माध्यम से जिला कृषि पदाधिकारियों व प्रमंडलीय संयुक्त निदेशक को निर्देश दिया कि नुकसान के आकलन में कोई भी प्रभावित रकबा और किसान नहीं छूटना चाहिए.
कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने कहा कि सभी किसान सलाहकार, कृषि समन्वयक, सहायक तकनीकी प्रबंधक, प्रखंड तकनीकी प्रबंधक तथा प्रखंड कृषि पदाधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे अपने कार्यक्षेत्र के सभी किसानों के फसलों की वास्तविक स्थिति तथा क्षति का आकलन कर विहित प्रपत्र में प्रतिवेदन उपलब्ध कराएं. अब सोमवार को शाम पांच बजे दोबारा वीडियो कांफ्रेंसिंग से नुकसान की जानकारी ली जायेगी.
दरअसल, बिहार में इस समय खेतों में रबी जैसे गेहूं, तेलहन, दलहन और प्याज जैसे फसल लगे हुए हैं. लेकिन, चैत महीने में हुई बेमौसम बारिश से फसलों को भारी नुकसान पहुंचने का अनुमान लगाया जा रहा है. बताया जा रहा है कि इस बार हुई बारिश ने किसानों को बुरी तरह से तोड़ दिया है. असमय बारिश ने किसानों को झटका दे दिया है. ऐसे में बिहार सरकार किसानों को हुए नुकसान का आकलन करने में जुटी है. सरकार किसानों को लेकर अलर्ट है और हर संभव मदद का भरोसा भी दे रही है.
इससे पहले कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने कहा था कि बिहार में रबी 2019-20 मौसम के फरवरी माह में असमय वर्षा/आंधी/ओलावृष्टि के कारण खड़ी फसलों को हुई क्षति की भरपाई के लिए राज्य सरकार द्वारा प्रतिवेदित 11 जिलों औरंगाबाद, भागलपुर, बक्सर, गया, जहानाबाद, कैमूर, मुजफ्फरपुर, पटना, पूर्वी चंपारण, समस्तीपुर तथा वैशाली में प्रभावित किसानों को कृषि इनपुट अनुदान देने का निर्णय लिया गया है. कृषि मंत्री ने कहा कि इन प्रभावित जिलों के किसानों को यह अनुदान भारत सरकार द्वारा अधिसूचित प्राकृतिक आपदाओं एवं राज्य सरकार द्वारा स्थानीय आपदाओं के अधीन निर्धारित मापदंडों के अनुरूप दिया जायेगा.