19.5 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Bihar: चमकी बुखार को लेकर अलर्ट जारी, अब हर हाइ फीवर वाले बच्चों की होगी एइएस जांच, जानें कैसे करें बचाव

Bihar: मुजफ्फरपुर में इस साल जनवरी व फरवरी में ही एइएस के केस मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग सजग हो गया है. पंचायतों व प्रखंडों में बुखार से पीड़ित बच्चों की खोज करने का निर्देश जारी किया गया है. आशा व आंगनबाड़ी केंद्रों को बीमार बच्चों की खोज के लिए कहा गया है.

Bihar: मुजफ्फरपुर में इस साल जनवरी व फरवरी में ही एइएस के केस मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग सजग हो गया है. पंचायतों व प्रखंडों में बुखार से पीड़ित बच्चों की खोज करने का निर्देश जारी किया गया है. आशा व आंगनबाड़ी केंद्रों को बीमार बच्चों की खोज के लिए कहा गया है. इसमें खासकर मीनापुर, मुशहरी, कांटी, मोतीपुर और सकरा में घर-घर जाकर बच्चों की स्वास्थ्य जांच करने को कहा गया है. अगर बच्चे को हाई फीवर है, तो उसे पीएचसी में लाकर इलाज करने को कहा गया है. डॉक्टरों के मुताबिक, यह लापरवाही घातक हो सकती है. स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों पर गौर करें, तो जेइ पर लगभग नियंत्रण कर लिया गया है. इस कारण सिर्फ एइएस के मरीज मिल रहे हैं. लेकिन इनकी भी संख्या पहले से काफी कम है. एइएस पीड़ित बच्चे के मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग अलर्ट है. लेकिन आम लोगों में जानलेवा बुखार की जानकारी नहीं होने से चिंता बनी हुई है. ग्रामीण डॉक्टर या घरेलू इलाज कर वे बच्चों की जिंदगी जोखिम में डाल सकते हैं.

जेई/एईएस के लक्षण

तेज बुखार, सिर दर्द, गर्दन में अकड़न, उल्टी होना, सुस्ती, भूख कम लगना आदि इसके लक्षण होते हैं. इसकी अनदेखी करने से बीमारी से अचानक अटैक होता है. और अस्पताल आते-आते बच्चा काफी गंभीर हो जाता है. अगर ऐसे में जान बचती भी है तो कई तरह के शारीरिक विकार होने का खतरा अधिक रहता है. कार्यशाला का आयोजन कर सीएचसी व पीएचसी के प्रभारी, स्टाफ नर्सों को इलाज के लिए टिप्स दिए गये हैं.

Also Read: बिहार में बीजेपी के चाणक्य अमित शाह ने कार्यकर्ताओं को अतिपिछड़ा वर्ग को लेकर दिया गुरूमंत्र, कही ये बड़ी बात
बच्चों का ऐसे करें बचाव

बच्चों को गंदे पानी के संपर्क में नहीं आने दें.

मच्छरों से बचाव के लिए घर के आसपास पानी नहीं जमा होने दें.

तेज धूप में बच्चों को घर से बाहर नहीं निकलने दें.

बच्चे में तेज बुखार (चमकी) होते ही नजदीकी पीएचसी लेकर पहुंचें.

अपने मन से और गांव के कथित डॉक्टरों से इलाज नहीं कराएं.

पीएचसी, आशा, सेविका को जानकारी देने पर एंबुलेंस की सुविधा मिलेगी.

एबुलेंस से बच्चे को एसकेएमीएच में इलाज के लिए लाने में कोई परेशानी नहीं होगी.

चमकी व तेज बुखार बीमारी है, यह देवता व भूत प्रेत का लक्षण नहीं है.

झाड़-फूंक के बजाय बीमार बच्चे को सरकारी अस्पताल लेकर आएं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें