पटना. विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने प्रशासनिक अधिकारियों को नसीहत दी है कि वह विधायिका की उपेक्षा नहीं करें. उनके पत्रों का समय से जवाब दें. मंगलवार को विधानसभा स्थित अपने कक्ष में बजट सत्र के पूर्व सर्वदलीय बैठक में कहा कि विधायकों के पत्रों का समय से जवाब नहीं देना एक गंभीर विषय है. कार्यपालिका में बैठे अधिकारीगण भी लोकसेवक हैं, वह विधायिका की उपेक्षा नहीं करें.
उन्हें यह याद रखना होगा कि उन्हें भी जनहित में विधायिका को अपेक्षित सहयोग करना है. श्री सिन्हा ने कहा कि बिहार विधान सभा में उत्कृष्ट विधायक के चयन के लिए लोक सभा की तर्ज पर एक समिति का गठन किया जायेगा. उत्कृष्ट विधायक के चयन की प्रक्रिया शुरू होने पर सभी सदस्यों के बीच अच्छे प्रदर्शन की जिज्ञासा जगेगी, जिससे सदन का माहौल और भी रचनात्मक बन सकेगा.
बैठक के दौरान उपस्थित दलीय नेताओं ने एक स्वर से आगामी सत्र को सुचारू रूप से चलाने में अपना सकारात्मक सहयोग देने की बात दोहरायी. साथ ही सरकार से भी जनहित में पूछे गये प्रश्नों के तार्किक उत्तर समय पर उपलब्ध कराने का आग्रह किया. विधायकों ने अपने पत्रों को जवाब समय पर उपलब्ध नहीं कराने के मामले पर अध्यक्ष का ध्यानाकृष्ट कराते हुए इस पर संज्ञान लेने का आग्रह भी किया. अध्यक्ष ने इस पर विधायिका की गरिमा और मर्यादा के प्रतिकूल बताते हुए समुचित कार्रवाई की बात कही.
बैठक में मौजूद उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने भी सभी दलीय नेताओं को आश्वस्त किया कि सरकार सदस्यों की भावना के अनुरूप जनहित के मामलों पर पूछे जाने वाले प्रश्नों का उत्तर सदन में देगी. बैठक के दौरान शताब्दी स्मृति स्तंभ पर लगाये जाने वाले प्रतीक चिन्ह को बिहार राज्य का लोगों बनाये जाने, बिहार विधान सभा के सौ साल के सफरनामा को संरक्षित करने हेतु डिजिटल संग्रहालय निर्माण तथा गेस्ट हाउस के संबंध में निर्णय के लिए विधानसभा अध्यक्ष को अधिकृत कर दिया.
बैठक में उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी, संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी, उर्जा मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव, ग्रामीण विकास विकास मंत्री श्रवण कुमार, उपमुख्य सचेतक सत्तारूढ़ दल जनक सिंह, नेता विरोधी दल की ओर से आलोक कुमार मेहता, हम की ओर से जीतन राम मांझी, सीपीआइ के रामरतन सिंह सहित बिहार विधान सभा के सचिव शैलेंद्र सिंह तथा संयुक्त सचिव पवन कुमार पांडेय उपस्थित थे.