बिहार और पटना म्यूजियम को जोड़ा जाएगा 1.5 किमी लंबे अंडरग्राउंड टनल से, 500 करोड़ रुपये होंगे खर्च
सीएम नीतीश कुमार ने बिहार और पटना म्यूजियम को जोड़ने वाले टनल का निर्माण कार्य जल्द पूरा कराने का निर्देश दिया. इसके लिए पहले 350 करोड़ खर्च का अनुमान लगाया गया था. इसके लिए 500 करोड़ भी खर्च होगा तो भी इसका निर्माण कराया जायेगा.
पटना स्थित बिहार म्यूजियम के स्थापना दिवस पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार म्यूजियम और पटना म्यूजियम को जोड़ने वाली 1.5 किलोमीटर लंबा अंडरग्राउंड रास्ता के निर्माण के लिए पैसे की कोई कमी नहीं होने दी जायेगी. यह देश का सबसे बड़ा अंडरग्रांउड रास्ता होगा. उन्होंने अधिकारियों से आग्रह किया कि इसका निर्माण का कार्य जल्द से पूरा करवाएं. इसके लिए पहले 350 करोड़ खर्च का अनुमान लगाया गया था. इसके लिए 500 करोड़ भी खर्च होगा तो भी इसका निर्माण कराया जायेगा. अंडरग्राउंड रास्ता का निर्माण होने से बिहार म्यूजियम आने वाले लोग पटना म्यूजियम को देख सकेंगे.
नयी तकनीकी का प्रयोग जिस तरह से हो रहा है उससे लगता है दुनिया खत्म होने में सौ साल भी नहीं लगेगा
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस तरह से नयी तकनीकी का प्रयोग हर समय लोगों द्वारा की जा रही है उससे लगता है कि दुनिया सौ साल में खत्म हो जायेगा. उन्होंने कहा कि नई टेक्नोलॉजी के आने से लोग पुरानी बातों को बहुत जल्द भुलाने लगे हैं. आज कल लोग नई तकनीक पर पूरी तरह से निर्भर हो गये हैं. यह ठीक नहीं है. हम लगातार कहते रहते हैं महत्वपूर्ण चीजों को कागज पर जरूर रखें ताकि आने वाली पीढ़ी के लिए सुरक्षित रहे. उन्होंने कहा कि नयी तकनीकी पर अगर पूरी तरह से निर्भरता होगी तो एक दिन ऐसा आयेगा सब कुछ खत्म हो जायेगा, इसमें 100 साल भी नहीं लगेगा. आने वाली पीढी के लिए सब कुछ सुरक्षित रहना चाहिए. पुरानी चीजों को याद रखने के लिए हमने बिहार म्यूजियम का निर्माण कराया है.
आज कल देखने में मिल रहा है कि हिंदी के शब्दों को भी अंग्रेजी में लिखा जा रहा है
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज कल हर जगह देखने को मिल रहा है कि हिंदी शब्दों को भी अंग्रेजी लिखा जा रहा है. यह उचित नहीं है. हिंदी के साथ अंग्रेजी शब्दों का भी इस्तेमाल करें ताकि अधिक से अधिक लोग चीजों को समझ सकें. उन्होंने कहा कि बिहार म्यूजियम में जितने भी प्रदर्श हैॅ, उसके नीचे हिंदी और अंग्रेजी में वर्णन करने के लिए कहा गया है. उन्होंने अंग्रेजी के बढ़ते प्रभाव पर भी कटाक्ष किया और कहा भारत ब्रिटेन नहीं है, हम लोगों की मातृभाषा हिंदी है और उसे प्राथमिकता मिलनी चाहिए.
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हमलोग इतिहास को सहेज कर रखना चाहते हैं, कुछ लोग खत्म करना चाह रहे हैं : तेजस्वी
वहीं इस मौके पर उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि हम लोग इतिहास को सहेज कर रखना चाहते हैं, कुछ लोग इतिहास को खत्म करना चाह रहे हैं. हम लोग अपने इतिहास और संस्कृति को बचाने का काम कर रहे हैं. भारत की पहचान ही विविधता और भाइचारा है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का बिहार म्यूजियम बनाने का उद्देश्य ही इतिहास और सांस्कृतिक विरासत को सहेज कर अगली पीढ़ी के लिए रखना है. उन्होंने कहा कि महागठबंधन की सरकार समाज के सभी वर्गों अमीर-गरीब, सभी जाति और धर्म के लोगों के विकास के लिए काम कर रही है. उपमुख्यमंत्री ने कहा कि जहां शांति है वहीं समृद्धि है. उन्होंने कहा कि बिहार म्यूजियम द्वारा आयोजित की गयी प्रदर्शनी काफी महत्वपूर्ण है. इसके माध्यम से देश और दुनिया के लोगों को आपस में करीब लाने और अलग-अलग तरह की कला और संस्कृतियों से बिहार के लोगों को रूबरू कराना है. इस म्यूजियम में तकनीक का ऐसा सुंदर समावेश किया गया है कि आज यह देश और दुनिया के किसी भी संग्रहालय से पीछे नहीं है.
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कार्यक्रम में ये रहे मौजूद
कार्यक्रम में विधान परिषद के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर, विधानसभा के उपाध्यक्ष महेश्वर हजारी, उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव, वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी, भूमि सुधार एवं राजस्व मंत्री आलोक मेहता, उद्योग मंत्री समीर कुमार महासेठ, विधि मंत्री शमीम अहमद, एससी-एसटी कल्याण मंत्री रत्नेश सदा, विभाग के अपर मुख्य सचिव हरजोत कौर और अपर सचिव दीपक आनंद आदि उपस्थित थे. कार्यक्रम की अध्यक्षता कला,संस्कृति एवं युवा मंत्री जितेंद्र कुमार राय ने की.अतिथियों का स्वागत बिहार म्यूजियम के महानिदेशक और पूर्व मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह ने किया. इस दौरान अशोक कुमार सिन्हा भी मौजूद थे.