Bihar AQI Today: बिहार में मौसम ने अब फिर एकबार करवट ली है और वातावरण पर भी इसका असर दिख रहा है. अहले सुबह और शाम ढलने के बाद लोगों को हल्की ठंड का एहसास अब होने लगा है. हालांकि ठंड ने अभी दस्तक नहीं दी है और सर्दी को लेकर मौसम विभाग की ओर से अभी कोई पूर्वानुमान जारी नहीं किया गया है. वहीं बिहार की आवोहवा अब खराब होने लगी है. प्रदेश में ठंड और कोहरे की दस्तक के साथ ही वायु प्रदूषण बढ़ा है. दशहरे के बाद अब राजधानी पटना व पूर्णिया समेत कई जिलों की हवा बिगड़ी है. वायु गुणवत्ता सूचकांका(AQI) लेवल इन शहरों में खराब स्थित में पहुंचा है. पिछले कुछ दिनों की बात करें तो बिहार के कई शहरों की स्थिति हैरान करने वाली रही है. कभी पटना का वातावरण सबसे अधिक प्रदूषित पाया गया तो कभी दूसरे शहर पटना को प्रदूषण के मामले में पीछे छोड़ गए.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, दशहरे के बाद बिहार के अधिकतर जिलों में वायु प्रदूषण में बढ़ोतरी दर्ज की गयी है. पटना, पूर्णिया, भागलपुर, गया व कई अन्य शहरों का वातावारण खराब पाया गया. पूर्णिया का एक्यूआई पटना के समनपुरा से भी अधिक दर्ज किया गया. पटना में समनपुरा इलाका सबसे अधिक प्रदूषित पाया गया जहां का एक्यूआई करीब 200 था. जबकि बुधवार की सुबह पूर्णिया का एक्यूआई 200 के ऊपर रहा. हालांकि ये अहले सुबह का डेटा था. धीरे-धीरे इसमें कमी दर्ज की जाने लगी.
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केंद्रीय प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट पर बताया जा रहा है कि गया, आरा, भागलपुर व मुजफ्फरपुर समेत कई अन्य जिलों में एक्यूआई 100 से 200 के बीच दर्ज किया गया. बुधवार की सुबह वातावरण अधिक प्रदूषित पाया गया. मोतिहारी व बेगूसराय की भी हवा बिगड़ी पाई गयी. मुजफ्फरपुर बुद्धा कॉलोनी का एक्यूआई 109 बताया गया है. जबकि MIT के पास 143 है. गया का एक्यूआई 109 मापा गया. बेगूसराय का एक्यूआई 134 मापा गया है. मुंगेर का एक्यूआइ 81 मापा गया.समस्तीपुर का एक्यूआइ 89 मापा गया है.
बता दें कि पिछले हफ्ते सोमवार को पटना में राजवंशीनगर इलाका सबसे अधिक प्रदूषित था.जहां का एक्यूआइ 300 के करीब जा चुका था. जबकि डीआरएम ऑफिस के पास दानापुर में एक्यूआइ 196 था. वहीं इसी दिन भागलपुर जिले की हवा काफी अधिक प्रदूषित पायी गयी थी. पिछले सोमवार को भागलपुर का एक्यूआइ 208 था जिसे बेहद खराब माना जाता है. वहीं आज यानी बुधवार को यह 121 पाया गया है. पिछले सप्ताह जब मौसम ने करवट ली तो दर्जन भर जिलों की वायु प्रदूषित पायी गयी.
गौरतलब है कि बिहार प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने हाल में ही प्रदेश के 11 प्रदूषित उद्योगों को नोटिस जारी किया था. बोर्ड ने कोयले से चलने वाली इन फैक्ट्रियों के मालिकों को ईंधन के रूप में नेचुरल गैस का उपयोग करने का निर्देश दिया है और इसे लेकर तीन महीने का वक्त दिया है. अगर इन फैक्ट्रियों में ये बदलाव नहीं किया गया तो इनपर ताला लगा दिया जाएगा.
आपको हम एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) के बारे में भी बता रहे हैं कि आखिर इसके आंकड़े को कैसे समझा जा सकता है. दरअसल एक्यूआई (AQI) को 0-50 के बीच ‘बेहतर’, 51-100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 से 200 के बीच ‘सामान्य’, 201 से 300 के बीच ‘खराब’, 301 से 400 के बीच ‘बहुत खराब’ और 401 से 500 के बीच ‘गंभीर’ माना जाता है.
बिहार का वातावरण क्यों बदल रहा है और हवा क्यों प्रदूषित हो रही है. इसके अनेकों कारणों में एक मौसम में बदलाव भी है. मौसम मामलों के जानकार बताते हैं कि मानसून की विदाई के साथ ही अब रात का तापमान घटना शुरू हो चुका है. अभी तब बारिश हो रही थी जिसकी वजह से धूलकण की मात्रा कम थी. अब जैसे ही धूलकण की मात्रा हवा में बढ़ने लगी है तो कुहासे के साथ हवा में प्रदूषण का स्तर भी बढ़ रहा है.
बिहार प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अब प्रखंडों में हवा की गुणवत्ता का 48 घंटे पहले पूर्वानुमान लगाने वाली प्रणाली शुरू करने जा रही है. बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष देवेन्द्र कुमार शुक्ला ने कहा कि इस पहल का उद्देश्य सर्दी के मौसम में वायु प्रदूषण से निपटना है. उन्होंने कहा कि राज्य के सभी 534 प्रखंडों के कार्यालयों में कम लागत वाले सेंसर की स्थापना की गयी है. आइआइटी कानपुर के सहयोग से इसे तैयार किया गया है. जो वायु गुणवत्ता पूर्वानुमान प्रणाली अलर्ट जारी करेगी ताकि उसके अनुसार उचित कदम उठाया जा सके.