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पुणे मैराथन में दिखा बिहार के अरुण का जलवा, देसरी के लाल ने जीता दूसरा स्थान

राजधानी दिल्ली से लेकर देश के कई अन्य जगहों पर हाफ और फुल मैराथन में भाग लेने वाले अरुण ने जनवरी 2018 में मुंबई में टाटा मुंबई फुल मैराथन दौड़ में 42.195 किलोमीटर की दौड़ 2 घंटे 55 मिनट 11 सेकेंड में पूरी कर देश स्तर पर 14 वां स्थान प्राप्त किया था.

मनोहर कुमार, देसरी. अगर हौसला बुलंद हो, तो कोई भी मुकाम पाया जा सकता है. यह पंक्ति जिले के सबसे छोटे प्रखंड देसरी के गाजीपुर के रहनेवाले अरुण सहनी पर बिलकुल सटीक बैठती है. गाजीपुर उफरौल चौक पर अपने भाई के साथ साइकिल मरम्मत करने और पंक्चर बनाने की दुकान में बतौर मिस्त्री काम करने वाले अरुण के नाम आज कई उपलब्धियां दर्ज हैं.

अब मुंबई मैराथन की है तैयारी

अरुण सहनी कई मैराथन दौड़ में हिस्सा लेकर पदक और मेडल जीत चुके हैं. अरुण ने तीन दिसंबर, 2023 को पुणे में आयोजित 37वें पुणे इंटरनेशनल मैराथन में 42.195 किलोमीटर की दौड़ में तीन घंटे एक मिनट में दौड़ पूरी कर दूसरा स्थान प्राप्त किया है. अब वह मुंबई में आयोजित अगले मैराथन की तैयारी में जुट गये हैं.

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पुणे मैराथन में दिखा बिहार के अरुण का जलवा, देसरी के लाल ने जीता दूसरा स्थान 2

कई मैराथन में जीत चुके हैं पदक

राजधानी दिल्ली से लेकर देश के कई अन्य जगहों पर हाफ और फुल मैराथन में भाग लेने वाले अरुण ने जनवरी 2018 में मुंबई में टाटा मुंबई फुल मैराथन दौड़ में 42.195 किलोमीटर की दौड़ 2 घंटे 55 मिनट 11 सेकेंड में पूरी कर देश स्तर पर 14 वां स्थान प्राप्त किया था. जनवरी 2018 में सिल्लीगुड़ी में पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से आयोजित 21 किलोमीटर मैराथन दौड़ में उत्कृष्ट स्थान प्राप्त किया था.

पहले भी मिल चुकी है ऐसी सफलता

अरुण ने ऐसी सफलता पहली बार नहीं हासिल की है. इससे पहले 22 अक्टूबर 2017 को दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में बीएसएफकी ओर से आयोजित हाफ मैराथन रन फॉर मिलिट्री में 21.1 किलोमीटर की दौड़ में 26वां स्थान प्राप्त किया था. 29 जनवरी 2017 को पुणे इंटरनेशनल मैराथन में 42.19 किलोमीटर की दौड़ में देश स्तर पर 8वां और विश्व स्तर पर 22वां स्थान प्राप्त किया था.

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सरकारी स्तर पर मदद नहीं मिलने से परिवार में निराशा

धावक अरुण की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है. कई उपलब्धियों के बावजूद सरकारी स्तर से मदद नहीं मिलने से उनके पारिवार में कभी-कभी निराशा होने लगाती है. भाई प्रभु सहनी का कहना है कि मजदूरी और साइकिल का पंक्चर बना कर परिवार चलाने की विवशता के बावजूद अरुण मैराथन में स्वर्ण पदक जीतना चाहता है.

सबसे पहले हैदराबाद में हाफ मैराथन दौड़ में लिया था भाग लिया

अरुण ने सबसे पहले हैदराबाद में 20 अगस्त 2009 को हाफ मैराथन से अपने सफर की शुरुआत की थी. वहां 108वां स्थान मिलने के बाद कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. आर्थिक रूप से कमजोर होने के बाद भी अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए हमेशा तत्पर रहे. अरुण का सपना है कि वह भारत के लिए मैराथन में दौड़ लगाकर स्वर्ण पदक जीते.

धावक को पंचायत वासियों ने चुना पंचायत समिति सदस्य

वर्ष 2021 के पंचायत चुनाव में उफरौल पंचायत के पंचायत समिति सदस्य पद अति पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित हो गया. इस पर गांव के युवाओं ने अरुण सहनी को चुनाव लड़ने के लिए प्रेरित किया. जब अरुण ने पंचायत समिति सदस्य पद पर अपना नामांकन दाखिल किया तो पंचायत वासियों ने उसे भारी मतों से विजयी बनाया.

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