पटना. आगामी 19 फरवरी से आरंभ हो रहे बिहार विधानसभा के बजट सत्र में कुल 22 बैठकें होंगी. दोनों सदनों की कार्यवाही अपने मूल परिसर में होगी. सत्र के पहले दिन राज्यपाल का अभिभाषण सेंट्रल हाल में होगा. इसके बाद सभी बैठकें विधानसभा भवन और विधान परिषद में अलग-अलग होंगी.
विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने बताया कि विधानसभा भवन शताब्दी समारोह सात फरवरी से आरंभ होगा और अगले एक साल तक चलेगा. अप्रैल-मई महीने में इस कार्यक्रम में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी भाग लेंगे.
इसके लिए विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा की ओर से अनुरोध किया गया है. गुरुवार को प्रेस दीर्घा सलाहकार समिति की बैठक में स्पीकर ने इसकी जानकारी दी. उन्होंने बताया कि सात फरवरी को विधानसभा भवन के साै वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आरंभ हो रहे इस समारोह को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार संबोधित करेंगे. रविवार को समारोह में विधायकों के लिए प्रबोधन कार्यक्रम भी रखा गया है.
लोकतंत्र में विधायकों की भूमिका विषय पर आयोजित प्रबोधन कार्यक्रम को देश के संविधान के तहत विधायी शक्तियों एवं दायित्व की जानकारी केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद देंगे. प्रबोधन में वित्तीय संबंधी मामलों की जानकारी पूर्व उपमुख्यमंत्री व सांसद सुशील कुमार मोदी देंगे.
सदन में प्रश्न एवं अन्य विधायी प्रक्रिया की जानकारी संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी देंगे. इसके पहले विधानसभा अध्यक्ष विजय कमार सिन्हा विषय प्रवेश कराते हुए परिचर्चा का आरंभ करेंगे. विधायकों के साथ इस दौरान संवाद भी होगा.
श्री सिन्हा ने बताया कि सात फरवरी, 1921 को विधानसभा के मुख्य भवन का उद्घाटन हुआ था. 1919 में भारत अधिनियम के द्वारा बिहार एवं ओडिशा को स्वतंत्र राज्य का दर्जा मिला था और इसके पहले गवर्नर लॉर्ड सत्येंद्र प्रसन्न सिन्हा हुए थे. साथ ही इस गवर्नर के लिए जो प्रांतीय विधान परिषद थी उसमें सदस्यों की संख्या बढ़ा दी गयी थी. उन सदस्यों के लिए स्वतंत्र सचिवालय भवन और सभा कक्ष की आवश्यकता हुई.
फलस्वरूप 1920 के अंत में बिहार विधानसभा का मुख्य भवन बन कर तैयार हुआ और सात फरवरी, 1921 में इस भवन में बिहार ओडिशा प्रांतीय विधान परिषद की बैठक हुई. इसे लॉर्ड सत्येंद्र प्रसन्न सिन्हा ने गवर्नर के रूप में संबोधित करते हुए इस भवन का उद्घाटन किया था.
Posted by Ashish Jha