बिहार विधानसभा उपचुनाव: BJP के सामने गढ़ बचाने की चुनौती, महागठबंधन के लिए अग्निपरीक्षा
Bihar assembly by election 2022 बीजेपी के लिए इस दफा लालू- नीतीश की जोड़ी एक बड़ी चुनौती है. वैसे उपचुनाव तो बिहार के गोपालगंज और मोकामा सीटों पर होना है. लेकिन, गोपालगंज सदर विधानसभा सीट सबसे ज्यादा हॉट बना हुआ है.
Bihar assembly by election 2022 बिहार की दो विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव की तारीखों का भारत निर्वाचन आयोग ने एलान कर दिया है. गोपालगंज और मोकामा विधान सभा पर होने वाले उपचुनाव में बीजेपी के सामने सबसे बड़ी चुनौती अपना गढ़ बचाने की है. प्रदेश में एनडीए में टूट और महागठबंधन की सरकार बनने के बाद यह पहला उपचुनाव हो रहा है. लालू प्रसाद के गढ़ में पिछले 20 वर्षो से अपना झंडा फहराने वाली बीजेपी के लिए इस दफा लालू- नीतीश की जोड़ी एक बड़ी चुनौती है. वैसे उपचुनाव तो बिहार के गोपालगंज और मोकामा सीटों पर होना है. लेकिन, गोपालगंज सदर विधानसभा सीट सबसे ज्यादा हॉट बन गया है. यह सीट पिछले 20 वर्षो से बीजेपी के खाते में थी.पूर्व सहकारिता मंत्री व दिवंगत विधायक सुभाष सिंह यहां से चुनाव जीते थे. उनके निधन से गोपालगंज का यह सीट खाली हुई है.
महागठबंधन के लिए अग्निपरीक्षा
यही कारण है कि यह सीट बीजेपी के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गया है. इधर, महागठबंधन के लिए भी यह चुनाव अग्निपरीक्षा से कम नहीं होगा.लालू प्रसाद के साले साधु यादव पर भी हर किसी की नजर होगी. देखना होगा कि साधु यादव पिछली बार की तरह खेल खराब करेंगे या फिर भांजे को अपना आर्शिवाद देंगे. इधर विकासशील इंसान पार्टी के भी दोनों सीटों से चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद चुनाव रोचक होगा.
बीजेपी को गढ़ बचाने की चुनौती
गोपालगंज सदर विधानसभा सीट पर बीजेपी का पिछले 20 सालों से कब्जा है. इस उपचुनाव में बीजेपी को अपना गढ़ बचाने की चुनौती भी होगी. 2005 से यहां सुभाष चुनाव जीतते आ रहे थे. 2020 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के सुभाष सिंह ने बसपा के उम्मीदवार और लालू प्रसाद के साले साधु यादव को 36 हजार के वोटों के अंतर से हराया था. इस चुनाव में महागठबंधन के उम्मीदवार रहे कांग्रेस के आसिफ गफूर को सिर्फ 36 हजार वोट मिले थे. हालांकि अभी समीकरण बदले हुए हैं. बीजेपी के साथ वाली जेडीयू महागठबंधन में है. जेडीयू के बदले बीजेपी को कोई अभी नया साथी भी नहीं मिला है.