पटना. विधानसभा में बुधवार को भोजनावकाश के बाद शुरू हुई कार्यवाही में संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि सदन की कार्यवाही सुचारु ढंग से चलाने की जिम्मेदारी सभी की है. सत्तापक्ष के सदस्य और सरकार इस बात का खासतौर से ध्यान रखती है. मंगलवार को विपक्षी सदस्यों ने सत्तापक्ष के सदस्यों को उकसाने के लिए जितनी हरकतें की थीं, इसके बावजूद सत्तापक्ष के सदस्यों ने धैर्य नहीं खोया, यह सबसे बड़ी बात है.
विपक्षी दल के सदस्यों ने सदन में पत्थर एवं कागज फेंके, डिप्टी सीएम एवं मंत्री के हाथ से कागज छीने, सचिव के आगे से कुर्सी हटा दी और आसन की बेइज्जती की, जबकि विधानसभा के सचिव जिला न्यायाधीश स्तर के अधिकारी होते हैं. इतना होने के बाद भी सत्तापक्ष के सदस्यों ने शांतिपूर्वक सहनशीलता की मिसाल पेश की.
इसे पूरी दुनिया ने देखा है. फिर भी इस घटना से सत्तापक्ष के सदस्यों को जोड़ना पूरी तरह से गलत है. उन्होंने कहा कि जहां तक पुलिस बुलाने का मसला है, तो परिस्थिति ही ऐसी उत्पन्न हो गयी थी कि पुलिस को बुलाना मजबूरी हो गयी थी. ऐसी परिस्थिति क्यों पैदा हुई, यह सभी को सोचना चाहिए.
एआइएमआइएम के अख्तरूल इमाम ने इस मामले को उठाते हुए घटना पर कड़ी आपत्ति जतायी. उन्होंने कहा कि सदन में पुलिस बुलाना गलत था. विधायकों का सम्मान होना चाहिए. राजनीति इस समय संक्रमण काल से गुजर रही है. इसके जवाब में संसदीय कार्यमंत्री ने कहा कि जो भी घटनाएं घटी हैं, उसकी पूरी रिकॉर्डिंग है. कोई भी सदस्य इसे देखकर पूरी हकीकत को जान सकते हैं.
उन्होंने कहा कि अंदाज ‘मुंसिफाना’ होना चाहिए. यह अंदाज कहीं से मुंसिफाना नहीं कहा जायेगा. जहां तक संख्या की बात है, तो सत्तापक्ष के सदस्यों की संख्या उनसे कहीं ज्यादा है, स्पष्ट बहुमत से अधिक है. अख्तरूल इमाम की तरफ इशारा करते हुए कहा कि आप आ जायेंगे, तो यह संख्या और अधिक हो जायेगी. फिर भी किसी उकसावे का कोई जवाब नहीं दिया.
Posted by: Radheshyam Kushwaha