Bihar Assembly News: भाकपा- माले (CPI-ML) बुधवार को थाना सचिवालय के इंस्पेक्टर को बर्खास्त करने की मांग के साथ नेता सदन के साथ अभद्रता करने का मुद्दा उठायेगी. इंस्पेक्टर पर कार्रवाई के लिए स्पीकर को भी लिखित में दिया जायेगा. भाकपा -माले (CPI-ML) के नेता सदन महबूब आलम (CPI MLA Mehboob Alam) ने कहा है कि उनके साथ इंस्पेक्टर ने जो किया वह सदन की गरिमा के खिलाफ था. मुख्यमंत्री (CM Mitish Kumar) को भी सदन में इस बात का ध्यान रखना होगा कि उनके कारण किसी सदस्य को असुविधा न हो.
गौरतलब है कि सदन के पोर्च में महबूब आलम मीडिया को संबोधित कर रहे थे, उसी समय मुख्यमंत्री भी सदन से बाहर आ रहे थे. मुख्यमंत्री को आता देख सचिवालय थाना के इंस्पेक्टर ने उनको धक्का देकर हटा दिया. इसके विरोध में विधायक वहीं पर धरने पर बैठ गये. इसके बाद विपक्षी दल के विधायक भी आ गये. मामला स्पीकर के संज्ञान में लाया गया है. सरकार की ओर से इस मामले में उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया गया है.
कटिहार जिले की बलरामपुर विधानसभा सीट से CPI-ML के विधायक महबूब आलम का हंगामा, अपनी मांग को लेकर सड़क पर बैठे…#BiharNews pic.twitter.com/KqPrYjnKWC
— Prabhat Khabar (@prabhatkhabar) February 24, 2021
विपक्ष ने बुधवार को सदन शुरू होने से पहले ही सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था. माले के नेता सदन महबूब आलम, बीरेंद्र प्रसाद गुप्ता, महानंद सिंह, सुदामा प्रसाद, रामबली सिंह यादव, मनोज मंजिल और संदीप सौरव ने सदन के बाहर पोस्टर- बैनर के साथ प्रदर्शन कर कानून व्यवस्था का मुद्दा उठाया.
उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन द्वारा विधान परिषद में गलत शपथ पत्र देने और मंत्री लेसी सिंह के यहां एके 47 राइफल होने का आरोप लगाया. दोनों मंत्रियों का नाम लेते हुए गंभीर अापराधिक छवि वाले 18 मंत्रियों का इस्तीफा लेने की मांग की. वहीं, राजद विधायकों ने महंगाई कम करने, पेट्रो पदार्थों से टैक्स खत्म करने , धान की खरीद की तारीख बढ़ाने आदि मामले को लेकर प्रदर्शन किया.
विधानसभा में महबूब आलम सहित अन्य सदस्य ध्यानाकर्षण सूचना के माध्यम से राज्य में वृद्धा पेंशन पानेवाले हजारों लोगों को पेंशन से वंचित होने की ओर सरकार का ध्यान आकृष्ट कराया. प्रश्नकर्ता का कहना था कि पहले प्रखंड कार्यालय या ग्राम पंचायतों में शिविर लगाकर प्रखंड विकास पदाधिकारी या मुखिया माध्यम से हाथों-हाथ वृद्धा पेंशन की राशि का भुगतान होता था. जब से लाभुकों को बैंक खाते में भुगतान किया जाने लगा तब से पेंशन पाने वाले लाभुक वृद्धों या वृद्धाओं के बैंक खाते में राशि नहीं जा रही है. ऐसे लोग पेंशन पाने से वंचित हो रहे हैं.
इसके जवाब में समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी ने बताया कि डीबीटी के माध्यम से राज्य के 90 लाख लोगों को पेंशन दी जाती है. तीन लाख वैसे लोग हैं जिनकी किसी कारणवश पेंशन रुकी है, उनको पेंशन देने की कार्रवाई की जा रही है. अंत में उन्होंने कहा कि वह यह बात सदन में कहना नहीं चाहते हैं, पर सच तो यह है कि प्रश्न करने वाले दलों का काम ही हाथों-हाथ की पेंशन के कारण चलता है. मंत्री का जवाब सुनते ही पहले माले के सदस्य वेल में आ गये और विरोध करना शुरू कर दिया.
विपक्षी सदस्य समाज कल्याण मंत्री से लगातार माफी मांगने की जिद पर अड़े रहे और इसी बात को लेकर शुरू से अंत तक हंगामा करते रहे.
Posted By: utpal kant