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अपराध के मामले में 25वें नंबर पर बिहार, बोले सीएम नीतीश कुमार- लॉ एंड ऑर्डर सरकार की पहली प्राथमिकता

विधानमंडल के दोनों सदनों में राज्यपाल के अभिभाष पर सरकार की ओर से जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके पूरा होने से राज्य में जमीन विवाद से जुड़े मामलों में काफी कमी आयेगी और अपराध की दर भी कम हो जायेगी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 2, 2022 8:14 PM

पटना. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि राज्य में जमीन के सर्वे सेटलमेंट का काम 2023 तक पूरा कर लिया जायेगा. कौन-सी जमीन किसकी है, यह पूरी तरह से स्पष्ट हो जायेगा. बुधवार को विधानमंडल के दोनों सदनों में राज्यपाल के अभिभाष पर सरकार की ओर से जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके पूरा होने से राज्य में जमीन विवाद से जुड़े मामलों में काफी कमी आयेगी और अपराध की दर भी कम हो जायेगी.

अभी राज्य में होने वाले कुल संज्ञेय अपराध खासकर हत्या से जुड़े मामलों में 60 फीसदी घटनाओं के पीछे की मुख्य वजह सिर्फ जमीन विवाद ही होते हैं. जमीन विवाद कम करने के लिए 100 रुपये में पारिवारिक बंटवारा करने की योजना चल रही है. इसके अलावा थाना से लेकर जिला स्तर पर अधिकारियों की देखरेख में बैठक करके निपटाने की शुरुआत की गयी है. नवंबर 2021 तक 28 हजार 775 बैठकें हो चुकी हैं.

विधानसभा में भोजनावकाश के बाद शुरू हुई दूसरी पाली में राज्यपाल के अभिभाषण पर वाद-विवाद के बाद जवाब दे रहे मुख्यमंत्री के संबोधन के दौरान माले नेता महबूब आलम लगातार टोका-टाकी कर रहे थे. इस पर सीएम ने कहा कि हमने आपकी पूरी बात सुनी, अब आप भी मेरी बात सुनिए. हम काम करने में लगे रहते हैं, जबकि कुछ लोग सिर्फ बोलने में लगे रहते हैं. विधानसभा में उनके संबोधन के दौरान नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने विरोध करते हुए कहा कि सरकार मामलों को सिर्फ ढाकने का काम करती है. इसके बाद उनके साथ सभी विपक्षी दलों के नेता वॉक-ऑउट कर बाहर चले गये.

यह देखना चाहिये कि 2005 के पहले क्या स्थिति थी

अपने करीब सवा घंटे के संबोधन में उन्होंने कहा कि अपराध नियंत्रण और विधि-व्यवस्था पर सवाल उठाने वालों को पहले यह देखना चाहिए कि 2005 में क्या स्थिति थी. उस समय फिरौती के लिए अपहरण के 251 मामले दर्ज हुए थे, अभी इनकी संख्या घटकर 37 हो गयी है. तब हत्या के तीन हजार 423 मामले थे, अब दो हजार 799 मामले दर्ज हैं. जबकि उस समय राज्य की आबादी भी आठ से दस करोड़ थी. अभी बढ़कर यह 12 करोड़ के आसपास हो गयी है. 2020 के राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के स्तर से जारी आंकड़ों के अनुसार अपराध में बिहार का देश में 25वां स्थान है. जबकि सूबे का आबादी में देश में 12वां और जनसंख्या में तीसरा स्थान है.

अपराध के मामलों में आयी कमी

सीएम ने कहा कि बीते सालों से तुलना करें, तो यहां हत्या में 11.14 प्रतिशत, दंगा में 33.16 प्रतिशत, फिरौती के लिए अपहरण में 11.90, दहेज उत्पीड़न के मामले में 4.40 प्रतिशत की कमी आयी है. 2005 में महिलाओं के प्रति अपराध के मामले में बिहार का देश में तीसरा स्थान था, आज 30वां स्थान है. उन्होंने कहा कि राज्य में सांप्रदायिक सौहार्द कायम है. इसके बिगड़ने के इक्का-दुक्का मामलों को छोड़कर नहीं के बराबर घटना होती हैं. कब्रिस्तान की घेराबंदी करने का काम 2005 के बाद से शुरू किया गया है. अब तक नौ हजार में छह हजार 623 कब्रिस्तानों की घेराबंदी हो चुकी है.

पुलिस बल की संख्या बढ़ायी जा रही

मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी 90 हजार 682 है. 10 हजार 884 की नियुक्ति प्रक्रिया चल रही है. वर्तमान में प्रति एक लाख की आबादी पर पुलिस कर्मियों की संख्या 115 करने लक्ष्य तय था, जिसे अब बढ़ाकर अधिक किया जायेगा. राज्य में सिर्फ 57 ही भूमि और भवनहीन थाने एवं ओपी बचे हैं, जिनकी प्रक्रिया भी अंतिम चरण में चल रही है.

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