अनिकेत त्रिवेदी, पटना. राज्य में साइबर क्राइम की घटनाएं बढ़ी हैं. कोरोना काल के दौरान वर्ष 2019 से लेकर 2021 तक तीन वर्षों में साइबर फ्रॉड की घटनाओं में सबसे अधिक वृद्धि देखने को मिली है. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की ओर से जारी वर्ष 2021 की रिपोर्ट के अनुसार राज्य में वर्ष 2019 के दौरान कुल 1050 साइबर क्राइम के मामले दर्ज दिये गये थे, जबकि दो वर्षबाद वर्ष 2021 केे अंत तक कुल घटनाओं की संख्या बढ़ कर 1413 दर्ज की गयी. खास बात यह है कि बिहार में साइबर क्राइम के मामलों में रिकवरी तो दूर चार्जशीट संख्या 50.2% ही रही है. मालूम हो कि वर्ष 2021 के दौरान देश भर में साइबर क्राइम के 52, 430 मामले दर्ज किये गये थे और चार्जशीट का आंकड़ा मात्र 33.6% ही रहा.
राज्य में साइबर क्राइम से जुड़े अन्य अपराधों के मुकाबले एटीएम फ्रॉड की संख्या अधिक है. राज्य में वर्ष 2021 के दौरान एटीएम फ्रॉड से जुड़े 775 मामले दर्ज किये गये, जबकि इस दौरान ऑनलाइन बैंकिंग फ्रॉड की संख्या 117 और ओटीपी फ्रॉड की संख्या मात्र 23 दर्ज की गयी. वहीं साइबर सेक्शन 420 आर/ डब्ल्यू, सेक्शन 465, 468-471 के जुड अन्य अपराधों के 78 और चीटिंग के 10 मामले सामने आये. वहीं, देश भर में कुल एटीएम फ्रॉड 1898 से अधिक ऑनलाइन बैंकिंग फ्रॉड 4816 और ओटीपी फ्रॉड 2028 मामले दर्ज किये गये.
एटीएम फ्रॉड के अलावा राज्य में क्रेडिट कार्ड फ्रॉड का मामला देश भर में दूसरे नंबर पर है. वर्ष 2021 के दौरान राज्य में क्रेडिट कार्ड फ्रॉड से संबंधित कुल 380 शिकायतें दर्ज की गयी हैं, जबकि बिहार से अधिक देश में नंबर वन तेलंगाना में 703 मामले सामने आये थे. वहीं, देश भर में केडिट कार्ड फ्रॉड संबंधित 1622 मामले दर्जकिये हैं. इसके अलावा महिलाओं और बच्चों के प्रति साइबर बुलिंग के 31 मामले बिहार में दर्जकिये गये हैं. ऐसे में साइबर ठगों से सावधान रहने की जरूरत है.
साइबर क्राइम में अब प्रैंक करने, एक्सटॉर्शन (जबरन वसूल) करने और कजिंग डिस्प्यूट (बदनाम करने की कोशिश) की शिकायतें भी दर्ज होने लगी हैं. बिहार में वर्ष 2021 के दौरान इंटरनेट के माध्यम से बदला लेने की 51 शिकायतें, क्रोध में साइबर क्राइम करने की 98 शिकायतें, जबरन वसूली की 93 शिकायतें, बदनाम करने की 19 शिकायतें और प्रैंक करने की 31 शिकायतें पुलिस के पास पहुंची हैं.