पटना. नौकरियों में 75 फीसदी तक आरक्षण का दायरा बढ़ाने को लेकर जहां सरकार गुरुवार को विधानसभा में बिल ला रही है, वहीं पिछड़े मुसलमानों से अपने लिये पांच प्रतिशत का कोटा आरक्षित करने की मांग सरकार से कर दी है. सत्ताधारी दल जदयू के वरिष्ठ नेता एवं विधान पार्षद प्रो गुलाम गौस ने बिहार में आरक्षण का दायरा बढ़ा कर 75 प्रतिशत किये जाने के राज्य सरकार के फैसले का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि 75 में पांच प्रतिशत कोटा पिछड़े मुसलमानों के लिए तय हो. परसमांदा को भी उनका हक दिया जाये. उनकी हिस्सेदारी भी काफी कम है.
नीतीश कुमार ने परसमांदा समाज को आगे बढ़ाया
उन्होंने कहा कि परसमांदा को बढ़ाने का काम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया है. उन्होंने इसके लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को मुबारकबाद पेश की है. उन्होंने कहा है कि मुख्यमंत्री ने जाति आधारित गणना एवं आर्थिक सर्वेक्षण कराकर तथा इसकी रिपोर्ट पेश करने के साथ ही इसके अनुसार अब पिछड़ों, अतिपिछड़ों एवं दलितों के आरक्षण की सीमा को भी बढ़ाने के उद्देश्य से राज्य में 75 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की है. पूरे देश में आरक्षण के मामले में भी बिहार सबसे ऊपर हो गया है.
शुक्रवार को विधान परिषद में पेश होगा विधेयक
बिहार में आरक्षण का दायरा बढा़ये जाने को लेकर गुरुवार को विधानसभा में बिल पेश किया जायेगा. राज्य सरकार गुरुवार को सदन में आरक्षण के मौजूदा दायरा को 15 प्रतिशत और बढाने को लेकर बिल पेश करेगी. शुक्रवार को ही इस पर चर्चा और मतदान भी होगा. शुक्रवार को विधान परिषद में इसे पेश किया जायेगा और पारित कराया जायेगा. दोनों सदनों में पारित हो जाने के बाद इसे मंजूरी के लिए राजभवन भेजा जायेगा. इस संबंध में विधानसभा में गुरुवार को बिहार पदों एवं सेवाओं में पदों में आरक्षण एससी-एसटी एवं अन्य पिछड़े वर्गों के लिए संशोधन विधेयक 2023 एवं बिहार शैक्षणिक संस्थानों में नामांकन आरक्षण संशोधन विधेयक 2023 पेश किया जायेगा.
यह होगा बदलाव
राज्य में अनुसूचित जाति की आबादी 16 से बढ़ कर 19.65 प्रतिशत और अनुसूचित जनजाति की आबादी एक फीसदी से बढ़ कर 1.68 फीसदी हो गयी है. ऐसे में उनको दिया जाने वाला आरक्षण एससी को 16 फीसदी को बढ़ा कर 20 फीसदी और एसटी की मौजूदा एक फीसदी आरक्षण को बढ़ाकर दो फीसदी किया जायेगा. इस प्रकार एससी-एसटी का आरक्षण 22 फीसदी हो जायेगा. जाति गणना में पिछड़ी जातियों की आबादी 63 फीसदी दर्शायी गयी है. इसलिए उनका आरक्षण का दायरा 50 फीसदी की सीमा को बढ़ा कर 65 फीसदी करने का प्रस्ताव किया जायेगा. सामान्य कोटि में कमजोर वर्ग (इडब्लूएस) को भी 10 फीसदी आरक्षण देने का भी प्रस्ताव बिल में होगा. इस प्रकार राज्य सरकार की नौकरियों में आरक्षण की सीमा बढ़ कर 75 फीसदी हो जायेगी और पहले के 40 फीसदी की जगह अब 25 फीसदी सीटें सामान्य वर्ग के लिए होगी.
94 लाख गरीब परिवारों को दो-दो लाख रुपये दिये जाने का भी हो सकता है जिक्र
रिपोर्ट के अनुसार बिहार में सभी जातियों के मिला कर कुल 94 लाख गरीब परिवार है. गुरुवार को पेश किये जाने वाले बिल में राज्य सरकार ऐसे हर गरीब परिवार को कम से कम दो-दो लाख रुपये की नि:शुल्क मदद करने की चर्चा होगी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को इसकी घोषणा विधानमंडल के दोनों सदनों में की है. दो लाख की यह राशि सभी जाति के गरीब परिवारों को मिलेगी. इसके साथ ही 63,850 परिवारों को अपना घर नहीं होने की जानकारी है.