Bihar Sand Mining News: बिहार में बालू खनन शुरू हो गया है और पटना समेत 9 जिलों में इसकी अनुमति दे दी गयी है. अब नए बंदोबस्तधारियों के माध्यम से बालू खनन का काम शुरू किया गया है. नयी नीति के तहत नदी घाटों के छोटे क्लस्टर बनाकर उनकी नीलामी की गयी है. वहीं अब राज्य सरकार के राजस्व को होने वाली हानि को रोकने के लिए अब विशेष तैयारियां की गयी हैं. जिसके तहत बालू घाटों की निगरानी में सख्ती बरती जाएगी. बालू के अवैध खनन, गलत तरीके से बिक्री और अवैध तरीके से हो रही बालू की ढुलाई को रोकने के लिए अब कई निर्देश दए गए हैं. बता दें कि बालू खनन की अनुमति मिलने के बाद इसका असर घर-मकान बनाने और बालू की कीमत पर भी पड़ेगा. बालू की रेट पर इसका असर पड़ने से कंस्ट्रक्शन के काम में खर्चे को लेकर राहत मिलेगी.
बिहार में बालू खनन पर लगी रोक अब खत्म हो गयी है और पटना व भोजपुर समेत 9 जिलों में बालू का खनन शुरू हो गया है. इसका असर अब बालू के रेट पर भी दिखेगा. बालू के अवैध खनन और पर्याप्त आपूर्ति नहीं होने की वजह से अभी अनाप-शनाप रेट में बालू मिल रहा था. बालू के खनन पर रोक लगने से पर्याप्त मात्रा में बालू बाजार में उपलब्ध नहीं हो पा रहा था. वहीं खनन माफियाओं का आतंक इस बीच जारी रहा. बालू का अवैध खनन करके उसे बाजार में अनाप-शनाप रेट में बेचा जाता रहा. एक तरफ जहां पुलिस कार्रवाई कर रही थी वहीं दूसरी ओर बालू का अवैध खनन और खरीद-बिक्री चोरी छिपे जारी ही थी. इसका परिणाम ही था कि बालू को मनमाने रेट पर ब्लैक में बेचा जाता रहा और मजबूरन लोग खरीदते रहे.
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कंफेडरेशन ऑफ रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (क्रेडाई) के उपाध्यक्ष भागलपुर निवासी आलोक अग्रवाल ने बताया कि बालू खनन शुरू होने से काफी राहत मिलेगी. इसका एक फायदा तो यह है कि सरकारी राजस्व को इसका लाभ मिलेगा और सरकारी खजाने भरेंगे. वहीं दूसरी ओर आम लोगों को भी उचित दर पर बालू मिल सकेगा. बालू की कम उपलब्धता कंस्ट्रक्शन कार्यों में बड़ी बाधक रही, जिसकी समस्या अब खत्म होगी और समय पर निर्माण कार्य पूरे हो सकेंगे. बिल्डर्स को बड़ी राहत मिलेगी.
बता दें कि बिहार में 15 अक्टूबर से बालू खनन शुरू करने के लिए नये 266 बालू घाटों की पांच साल के लिए बंदोबस्ती प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है, लेकिन पर्यावरणीय मंजूरी अब तक केवल 62 नदी घाटों को ही मिली है. इस कारण पटना सहित नौ जिलों में केवल 62 नये नदी घाटों से ही बालू के खनन की प्रक्रिया शुरू हुई है. अन्य नदी घाटों की पर्यावरणीय मंजूरी मिलने के बाद बालू खनन शुरू होगा. इसकी प्रक्रिया चल रही है.
सूत्रों के अनुसार अब पांच-पांच हेक्टेयर के नये नदी घाट बनाये गये हैं. राज्य के करीब 35 जिलों के करीब 525 इन नये नदी घाटों से बालू का खनन शुरू करने की तैयारी थी. इसमें से अब तक 266 नदी घाटों की बंदोबस्ती बालू खनन के लिए हो चुकी है. अन्य नदी घाटों की बंदोबस्ती प्रक्रिया जिलों में चल रही है.
भोजपुर जिले में 21 घाटों को पर्यावरणीय मंजूरी मिली है. पटना जिले में 10, औरंगाबाद जिले में छह, रोहतास जिले में आठ, गया जिले में पांच, नवादा जिले में चार, अरवल जिले में तीन, बांका जिले में तीन और लखीसराय जिले में दो बालू घाटों को पर्यावरणीय मंजूरी मिली है.
खान एवं भूतत्व विभाग के अपर मुख्य सचिव परमार रवि मनुभाई ने बताया कि 15 अक्टूबर से बालू खनन शुरू हुआ है. बालू का अवैध खनन, ढुलाई और भंडारण रोकने की पहल के तहत बंदोबस्तधारियों को अपने-अपने घाटों का सीमांकन करना होगा. वहां सीसीटीवी और वजन की माप के लिए वे-ब्रिज लगाना होगा. बालू ढोने वाले वाहनों का रजिस्ट्रेशन होने पर ही चालान बनेगा. वाहनों पर लदे बालू को ढककर ले जाना होगा. साथ ही एनजीटी के सभी मानकों का पालन करते हुए तीन मीटर तक ही बालू खनन करना होगा. इन सभी निर्देशों का पालन नहीं करने वाले बंदोबस्तधारियों पर जुर्माना लगाया जायेगा.