भ्रष्टाचार का अनोखा मॉडल बना बिहार, सुधाकर सिंह का नीतीश कुमार पर हमला, बोले- लूट पकड़ने में पुलिस भी यहां फेल
पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने एक बार फिर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तीखा हमला किया है. उन्होंने कहा है कि इस देश ने इंडिया इज इंडिया वाली सरकार भी देखी है और आज बिहार में बहार है नीतीशे कुमार है वाली सरकार देख रही है. ऐसे में अब सरकार से नहीं नीतीश कुमार से ही की जायेगी.
खगड़िया. पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने एक बार फिर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तीखा हमला किया है. उन्होंने कहा है कि इस देश ने इंडिया इज इंडिया वाली सरकार भी देखी है और आज बिहार में बहार है नीतीशे कुमार है वाली सरकार भी देख रही है. राज्य से लेकर केंद्र तक में आज संस्था पर व्यक्ति कब्जा कर चुका है. अब भारत सरकार नहीं, मोदी सरकार दिल्ली में है. ऐसे में अब सरकार से नहीं नीतीश कुमार से ही सवाल किया जायेगा. उन्होंने कहा कि बिहार में न्याय का शासन नहीं चल रहा है, बल्कि बिहार में लूट का ऐसा मॉडल विकसित किया गया है जिसे जांचना पुलिस के बस की बात नहीं है. बिहार में लूट की जांच में पुलिस भी फेल है, क्योंकि लूट का मॉडल सत्ता संरक्षित है.
बिहार के किसानों के पास एक ही विकल्प
मंगलवार को किसान आक्रोश सभा में शामिल होने खगड़िया पहुंचे पूर्व कृषिमंत्री सुधाकर सिंह ने कहा कि केंद्र की सरकार हो या राज्य की सरकार कहीं भी आज किसानों की आवाज नहीं सुनी जा रही है. केंद्र सरकार ने कहा था कि किसानों की आय दो गुना कर देंगे, लेकिन उसमें महज 8 प्रतिशत की बढोतरी हुई है. यह बढोतरी भी तब दिखायी जा रही है जब न्यूनतम समर्थन मूल्य को मानक माना गया है. आज उस दाम पर कौन किसान अपनी फसल बेच रहा है. किसानों की सुननेवाला आज कोई नहीं है. बिहार के किसानों के पास बस एक ही रास्ता है. जैसे पंजाब और हरियाणा के किसानों ने 13 माह सड़क पर बैठक कर सरकार को झुकाया, वैसे ही बिहार में अगर 13 दिन भी बैठने की हैसियत हम लोग पा लें तो सरकार सुई की तरह सीधी हो जायेगी.
धर्म नितांत निजी मामला, सार्वजनिक बहस उचित नहीं
शिक्षामंत्री चंद्रशेखर के बयान पर जब पत्रकारों ने उनसे सवाल किया तो उन्होंने कहा कि वो प्रोफेसर हैं, पढ़े लिखे हैं, हम उनके ज्ञान पर सवाल नहीं उठा सकते. हमारे नेता तेजस्वी यादव और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने इस मसले पर बयान दे दिया है. जब सुधाकर सिंह ने उनका निजी राय पूछी गयी तो उन्होंने कहा कि धर्म नितांत निजी मामला है, इसपर सार्वजनिक राय अनुचित है. देश में जिसे जिस धर्म में विश्वास है वो उसे मानने को स्वतंत्र हैं. इस देश में आस्तिक और नास्तिक दोनों को रहने का संविधान ने अधिकार दे रखा है और संविधान से बड़ा कोई ग्रंथ नहीं है. जदयू के नेताओं के बयान पर सुधाकर सिंह ने कहा कि जदयू नेता अभी भी भाजपा के लाइन पर काम कर रहे हैं, तभी तो जदयू के मंत्री से लेकर बड़े नेता तक राम चरितमानस प्रकरण में भाजपा की भाषा बोल रहे हैं.