महिलाओं के लिए सुरक्षित हुआ बिहार, पिछले साल की तुलना में दर्ज हुए अत्याचार के कम मामले
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार महिलाओं के लिए सुरक्षित प्रदेश बनता जा रहा है. जहां देश में महिलाओं पर अत्याचार के मामले बढ़ रहे हैं, वहीं बिहार में इसकी संख्या लगातार कम होती जा रही है. मौजूदा वर्ष की पहली तिमाही में महिला अपराध के मामलों में कमी आयी है.
पटना. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार महिलाओं के लिए सुरक्षित प्रदेश बनता जा रहा है. जहां देश में महिलाओं पर अत्याचार के मामले बढ़ रहे हैं, वहीं बिहार में इसकी संख्या लगातार कम होती जा रही है. मौजूदा वर्ष की पहली तिमाही (जनवरी से मार्च) की तुलना में पिछले वर्ष की पहली तिमाही में महिला अपराध के मामलों में कमी आयी है.
11.20 प्रतिशत की आयी कमी
पुलिस मुख्यालय ने बताया गया है कि 2021 की पहली तिमाही में रेप से जुड़े 357 मामले दर्ज किये गये थे. इस वर्ष की पहली तिमाही में इनकी संख्या घट कर 317 हो गयी. इसमें 11.20 प्रतिशत की कमी आयी. छेड़खानी के मामले 140 से घट कर 92 हो गये, यानी 34.3 प्रतिशत की कमी आयी. इसी तरह दहेज प्रताड़ना के मामले 846 से घट कर 761, महिला अत्याचार अधिनियम के तहत अन्य तरह के मामले 490 से घट कर 380 हो गये हैं.
59 प्रतिशत की आयी कमी
इस तरह पिछले वर्ष की पहली तिमाही में कुल चार हजार 289 मामले दर्ज किये गये थे, जो 2022 में घट कर चार हजार 36 हो गये. इसमें 59 प्रतिशत की कमी आयी है. इसी तरह मानव व्यापार निरोध और बाल श्रम से संबंधित मामलों में वर्ष 2022 (जनवरी से मार्च तक) पुलिस ने 34 मामले दर्ज किये. मुक्त करायी गयी महिलाओं में 13 व्यस्क एवं 18 वर्ष से कम आयु की 19 महिलाएं हैं.
बाल अपराध में भी आयी कमी
इसी तरह मुक्त कराये गये बच्चों की संख्या 52 है. ये सभी 18 वर्ष से कम उम्र के हैं. इन मामलों में मानव तस्करों की संख्या 42 है, जिसमें 36 पुरुष और छह महिलाएं हैं. बाल अपराध की रोकथाम के लिए पॉक्सो एक्ट के तहत 2021 की पहली तिमाही में 396 मामले सामने आये और 2022 की तिमाही में 342 मामले सामने आये. इसमें सभी मामलों का निष्पादन कर दिया गया है. पीड़ितों को मुआवजा के लिए 241 मामलों में प्रस्ताव भेजे गये हैं.