बिहार के इस जिले में बढ़ा बाघ का खौफ, हर रात पालतु जानवर हो रहे गायब, शाम ढलते होता है ऐसा…

बेतिया के गौनाहा वाल्मीकि व्याघ्र परियोजना के मंगुराहा व गोवर्धन वन क्षेत्र के जंगलों के रिहायशी इलाकों में जंगली जानवरों ने आतंक मचा दिया. जंगली जानवरों के आतंक से प्रखंड क्षेत्र के दर्जनों गांव के ग्रामीण दहशत के साए में जी रहे हैं. लोग शाम होते घरों में बंद हो जाते हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 11, 2022 7:47 PM

बेतिया के गौनाहा वाल्मीकि व्याघ्र परियोजना के मंगुराहा व गोवर्धन वन क्षेत्र के जंगलों के रिहायशी इलाकों में जंगली जानवरों ने आतंक मचा दिया. जंगली जानवरों के आतंक से प्रखंड क्षेत्र के दर्जनों गांव के ग्रामीण दहशत के साए में जी रहे हैं. विदित हो कि रविवार को मंगुराहा वन क्षेत्र के गेनहरिया भवानीपुर जंगल में बकरी चराने गये चरवाहों पर बाघ ने अचानक हमला बोल दिया. इस दौरान चरवाहों ने शोर मचाते हुए भागकर अपनी जान बचाई, लेकिन बाघ ने जंगल के किनारे चर रही पांच बकरियों को जान से मार डाला. वही दो बकरियों को गंभीर रूप से जख्मी कर दिया है. वही गोवर्धन क्षेत्र के सीरीसिया रेंज के बेलसंडी गांव से पश्चिम भाजपा नेता धर्मसेन राम के गन्ने के खेत में बाघ ने अपना आशियाना बना लिया. जबकि मितानी मरजदी गांव से पश्चिम सरेह में भालू ने तीन दिनों से डेरा डाला है.

बाघ ने किया जंगली सूअरों का शिकार

बेलसंडी गांव के ग्रामीण लोकेश राम, रूदल पटवारी, बाल्मीकि महतो, अजमेर आलम, सुनैना देवी, सरस्वती देवी, नसीम अख्तर, अमरजीत राम, सरपंच आदि बताते हैं कि उक्त गन्ने के खेत में जंगली सूअर कई महीनों से काफी संख्या में रह रहे हैं. वहीं बाघ वहां पहुंचकर इन जंगली सूअरों का शिकार कर रहा हैं तथा उस गन्ने के खेत के बगल से एक बहुत बड़ी जंगली सोता निकली है. इसमें सालो भर पानी बहता रहता है. इसको लेकर इस बाघ को ठहरने का बहुत बड़ा जरिया बन गया है. वहीं गेनहरिया गांव के दर्जनों ग्रामीण बाघ को गेन्हरिया के जंगल में चहलकदमी करते हुए देखा‌ है.

गांव से गायब हुई कई बकरियां

भवानीपुर गांव के वार्ड नंबर 14 के मेवा लाल महतो की एक बकरी, आजादी लाल महतो की एक बकरी, मर्कट महतो की एक बकरी तथा सियाराम महतो की तीन बकरियों को बाघ के‌‌ मारने‌ से‌‌ मौत हो गई है. जबकि‌‌ हरिराम की तीन बकरीयां लापता हो गई हैं. इसको लेकर इनका कहना है कि बार-बार जंगली जानवरों को लेकर कभी गाय कभी भैंस तो कहीं बकरी तो कभी आदमी के साथ जंगली जानवरों के हमले से इस तरह की घटनाएं होती रहती हैं. लेकिन वन विभाग इसके रोकथाम के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रही हैं.

क्षेत्र में फैला डर का माहौल

इस तरह की तमाम घटनाओं को लेकर प्रखंड क्षेत्र में दहशत का माहौल व्याप्त हो गया है. रात में लोगों को घर से निकलना काफी मुश्किल हो गया है. जबकि दिन के उजाले में भी सुनसान रास्तों से गुजरना आमजनों के लिए बड़ी मुश्किल काम हो गयी है. वही मंगुराहा वन क्षेत्र के पदाधिकारी सुनील कुमार पाठक से संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि जंगल तक गन्ने की खेती के कारण जंगली जानवरों अपना शिकार करने जंगल से बाहर निकलते हैं. वही दिशा भटक जाने के कारण कहीं अन्यत्र जगहों पर चल जाते‌ है‌ तथा सैकड़ों बीघा गन्ने का प्लॉट इन जंगली जानवरों के लिए पनाहगाह बन गया है. इन्हें वापस लाने के लिए टाइगर टेकर की टीम को लगा दिया गया है. बकरी की घटना के संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि आवेदन मिलने पर घटना की जांच कर मुआवजा के लिए वरीय पदाधिकारी को लिखा जाएगा.

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