भागलपुर: प्रेम संबंध में प्रेमी ने शादीशुदा प्रेमिका के गले में मारा चाकू, फोन पर होती थी बात
बबिता मरांडी को उनके ही चचेरे देवर अनूप लाल हांसदा ने गुरुवार की सुबह करीब तीन बजे गले में चाकू मार कर जान लेने की कोशिश की. बबिता की चीख सुन कर पड़ोसी सहित मुखिया प्रतिनिधि निरंजन कुमार व पंसस प्रतिनिधि मो अनवर ने घायल को इलाज के लिए रेफरल अस्पताल ले गये.
भागलपुर: पीरपैंती के इशीपुर थानाक्षेत्र के परसबन्ना पंचायत राजबान के शीतलाल हांसडा की पत्नी बबिता मरांडी को उनके ही चचेरे देवर अनूप लाल हांसदा ने गुरुवार की सुबह करीब तीन बजे गले में चाकू मार कर जान लेने की कोशिश की. बबिता की चीख सुन कर पड़ोसी सहित मुखिया प्रतिनिधि निरंजन कुमार व पंसस प्रतिनिधि मो अनवर ने घायल को इलाज के लिए रेफरल अस्पताल ले गये, जहां डॉक्टरों ने घायल महिला की स्थिति खतरे से बाहर बताया. इस बीच इशीपुर बाराहाट थाना को सूचना मिलते ही अनि विकास कुमार सदलबल अस्पताल पहुंचे.
बचाव करने के क्रम में गले में लगा चाकू
घायल बबिता मरांडी ने पुलिस को बताया कि रात को घर का दरवाजा बंद कर अपनी पांच वर्षीय पुत्री आयुषी हांसदा के साथ सोई थी कि अचानक संजूल हांसदा का पुत्र अनूपलाल हांसदा ने मेरे ऊपर चाकू से हमला कर दिया. बचाव करने के क्रम में उसके गले में चाकू लग गया. वह चिल्लायी, तो आसपास के ग्रामीण के दौड़ने की आहट सुनते ही अनूपलाल हांसदा भाग निकला. उसने कहा कि अनूपलाल हांसदा से फोन से हमेशा बातचीत होती थी, दोनों में अच्छा संबंध था .अनूपलाल हांसदा उससे अपने पति शीतलाल हांसदा को छोड़ अपने साथ रहने का दबाव बनाता था व दोनों मां-बेटी को अपना लेने की बात कहता था. इंकार करने पर भी वह जिद करता था. अंततः अनूपलाल तमिलनाडु से आकर चाकू मार घर व गांव से फरार हो गया है.
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अब पति साथ रखने से कर रहा मना
पीड़िता ने बताया कि पति शीतलाल हांसदा आंध्र में मेहनत मजदूरी करते हैं, करीब 10 दिन पहले ही घर से मजदूरी करने गये हैं. अब मेरा पति घटना की जानकारी मिलने पर मुझे रखने से इंकार कर रहा है व मुझे अपने मायका चले जाने को कह रहा है, या जिससे बात करती थी उसी के साथ रहने को कह रहा है. मैं अपने पति के साथ ही रहना चाहती हूं, जो मजदूरी करने हैदराबाद गया है. एसआइ विकास कुमार ने घटनास्थल पहुंच कर जांच की व ग्रामीणों से पूछताछ की. उन्होंने अनूपलाल हांसदा को फोन किया, लेकिन फोन बंद बताया जा रहा था. समाचार लिखे जाने तक दोनों पक्षों में ग्रामीणों द्वारा समझौता कराने का प्रयास किया जा रहा है.