मनोज कुमार, पटना
राज्य के 20 जिलों में भूमि विवाद समाप्त करने की कवायद अंतिम चरण में है. बेगूसराय, लखीसराय, खगड़िया, पूर्णिया, कटिहार, अररिया, किशनगंज, सुपौल, सहरसा, मधेपुरा, पश्चिमी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, जमुई, बांका, शेखपुरा, नालंदा, जहानाबाद, मुंगेर व अरवल में बंदोबस्त और सर्वेक्षण कार्य अंतिम चरण में है. इन 20 जिलों के 220 अंचलों के 16228 गांवों में इस साल मार्च तक भूमि सर्वेक्षण और बंदोबस्त कार्य पूर्ण कर लिये जायेंगे. चौथे कृषि रोडमैप में शेष 18 जिलों में भी भूमि बंदोबस्त व सर्वेक्षण कार्य की टाइम लाइन निर्धारित कर दी गयी है. इस साल नवंबर तक 18 जिलों के 28611 गांवों में बंदोबस्त व सर्वेक्षण कार्य पूर्ण करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.
पहले और दूसरे चरण का कार्य इस साल मार्च में पूर्ण करने का समय निर्धारित है. तीसरे चरण में छह जिलों के 102 प्रखंडों के 8862 गांवों में भूमि बंदोबस्त और सर्वेक्षण कार्य होंगे. सितंबर माह तक इसे पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है. चौथे चरण में कुल सात जिलों के 103 अंचलों के 12342 गांवों में अक्तूबर और पांचवें चरण में पांच जिलों के 109 अंचलों के 7587 गांवों में इस साल नवंबर तक बंदोबस्त व सर्वेक्षण कार्य पूर्ण करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.
चौथे कृषि रोडमैप की रिपोर्ट के अनुसार शेष लक्ष्य को पूर्ण करने के लिए 10101 पदों पर बहाली होगी. बंदोबस्त पदाधिकारी के 355, विशेष सर्वेक्षण कानूनगो के 758 पदों पर बहाली होगी. विशेष सर्वेक्षण अमीन के 8244 तथा विशेष सर्वेक्षण लिपिक के 744 पदों पर नियोजन किया जायेगा.
इस कार्य पर इस साल पांच अरब 69 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे. उक्त राशि वित्तीय वर्ष 2024-25 में खर्च की जायेगी. वहीं, वित्तीय वर्ष 2023-24 में पांच अरब 64 करोड़ रुपया खर्च किया गया. इस कार्य पर कुल 11 अरब 33 करोड़ रुपये खर्च होंगे.