मेरिट वाले सच्चे अभ्यर्थियों का हक मार कर और उनके करियर को दांव लगा कर फर्जी कागजात के आधार पर नौकरी करने वाले शिक्षक-शिक्षिकाओं पर कार्रवाई से हडकंप मच गया है. मामला गया के गुरुआ प्रखंड का है. जहां प्राथमिक विद्यालयों में 2013 व उसके बाद से बहाल 20 शिक्षक व शिक्षिकाओं के कागजात फर्जी पाये जाने पर नौकरी खत्म करने व उन पर प्रशासनिक व अनुशासनिक कार्रवाई का निर्देश दिया गया है. जिला शिक्षा पदाधिकारी राजदेव राम ने संबंध में गुरुवार को निर्देश जारी किया है.
जांच के दौरान उक्त शिक्षक-शिक्षिकाओं का प्रमाण पत्र फर्जी पाये जाने पर उनका वेतन स्थगित किया गया था. फरवरी 2018 से वेतन बंद था. और मामला जांच व कार्रवाई के अधीन था. सूत्रों के अनुसार वेतन बंद होने के बाद भी कार्य के दौरान कथित शिक्षक-शिक्षकाएं नौकरी बचाने के साथ वेतन भुगतान की जुगत में लगे थे. हालांकि इस दौरान सरकारी आदेश के तहत उनके वेतन का भुगतान नहीं किया गया. प्रशासनिक स्तर पर मामले की पूरी गंभीरता के साथ जांच गयी. अधिकारियों का कहना है कि जिले में फर्जी कागज पर शिक्षक की नौकरी लेने वालों पर बड़े स्तर पर कार्रवाई होगी. इसके लिए विभिन्न स्तर पर प्रशासन जांच अभियान भी चलाया जाएगा.
कुमारी वंदना रानी, प्राथमिक विद्यालय बाजितपुर
सरोज कुमारी सिन्हा प्रा वि चुनूक विगहा
कुमारी अर्चना रानी, प्राथमिक विद्यालय नवाबचक
सुरेन्द्र कुमार, मध्य विद्याालय गोसपुर
बसंती कुमारी, मध्य विद्याालय जयनगर हसनली
सूर्यदेव पासवान, मध्य विद्याालय झिकटिया
रीता कुमारी, मध्य विद्याालय काज
स्वाती कुमारी, उर्दू मध्य विद्यालय डुमरी
रीणा कुमारी, उर्दू मध्य विद्यालय सेसारी
नवनीत कुमार प्राथमिक विद्यालय मल्लाह टोली
कुमारी सुषमा सिन्हा, प्राथमिक विद्यालय चिलौरी
रीना कुमारी, प्राथमिक विद्यालय नदिआइन
सरिता कुमारी, प्राथमिक विद्यालय टरइ
रीता कुामरी, प्राथमिक विद्यालय बहलडीह
कुमारी सुनिता सिन्हा, प्राथमिक विद्यालय पचरूखिया
गजाला प्रवीण, प्राथमिक विद्यालय मोरहर
खालदा जैया, उर्दू प्राथमिक विद्यालय सेनीचक
याष्मीन प्रवीण, उर्दू प्राथमिक विद्यालय चॉसीवैदा
नाजरा प्रवीण, उर्दू प्राथमिक विद्यालय चॉसी वैदा
जिन्नत प्रवीण, प्राथमिक विद्यालय बाजितपुर