बिहार के सभी लोकसभा क्षेत्र में भाजपा ने तैनात किए प्रभारी, मिशन-40 के लिए जानिए किन कंधों पर सौंपा भार..
Bihar BJP Loksabha Prabhari List: बिहार के सभी 40 लोकसभा क्षेत्र में भाजपा ने अपना प्रभारी तैनात कर दिया है. मिशन 40 को लेकर अब भाजपा ने अपनी तैयारी तेज कर दी है. जानिए किस लोकसभा की जिम्मेवारी भाजपा ने अपने खेमे के किस नेता को सौंपी है..
Bihar BJP Loksabha Prabhari List: बिहार में भाजपा ने मिशन 40 के लिए अब एक कदम और आगे बढ़ाया है. बिहार भाजपा ने सभी 40 लोकसभा क्षेत्रों के लिए लोकसभा प्रभारी की नियुक्ति कर दी है. प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी के निर्देश पर प्रदेश कार्यालय प्रभारी द्वारा सभी लोकसभा क्षेत्र के प्रभारियों की सूची जारी कर दी गयी है. इन 40 चेहरों के ऊपर भाजपा ने अब लोकसभा क्षेत्रों में संगठन की तैयारी का भार सौंपा है.
भाजपा ने 40 लोकसभा प्रभारी बनाए..
जारी की गयी सूची में अखिलेश कुमार सिंह को बाल्मिकीनगर, शैलेंद्र मिश्र को पश्चिमी चंपारण, अशोक सहनी को पूर्वी चंपारण, सियाराम शाह को शिवहर, नीरज गुप्ता को झंझारपुर, सुनील कुमार को सुपौल, रोहित पांडेय को अररिया, प्रफुल्ल रंजन वर्मा को किशनगंज, अभय वर्मन को पूर्णिया और विनोद मंडल को कटिहार का लोकसभा प्रभारी बनाया गया है. इनके साथ ही विजय शंकर चौधरी को मधेपुरा, रत्नेश कुमार सिंह को मुजफ्फरपुर, अनिल मिश्र को वैशाली, उमेश प्रधान को सीवान, संजीत अग्रवाल को हाजीपुर, सुशील चौधरी को उजियारपुर, विकास सिंह को बेगूसराय, कुमार प्रणय को खगड़िया, कुमार राघवेंद्र को नालंदा, राम वीरेंद्र सिंह को पटना साहिब की कमान दी गयी है.
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आरा-बक्सर-भागलपुर समेत अन्य लोकसभा के प्रभारी..
जितेंद्र पांडेय को आरा, अनिल स्वामी को बक्सर, संजय मेहता को सासाराम, अनिल सिंह को औरंगाबाद, अनिल सिंह को काराकाट, सीडी शर्मा को गया, नवीन केशरी को जहानाबाद, रवींद्र सिंह कल्लु को जमुई, शशि रंजन को महाराजगंज, अरविंद सिंह को सारण, कृष्ण मोहन शर्मा को पाटलिपुत्रा, विवेक कुमार को सीतामढ़ी, हरेंद्र सिंह को समस्तीपुर, डॉ वीरेंद्र कुशवाहा को गोपालगंज, सुबोध कुशवाहा को बांका, अर्जुन शर्मा को भागलपुर, अर्जुन सहनी को मधुबनी, उमेश कुशवाहा को दरभंगा और प्रकाश भगत को मुंगेर का लोकसभा प्रभारी मनोनीत किया गया है.
बिहार में इस बार बदल गया है गठबंधन का स्वरूप..
गौरतलब है कि बिहार में 40 लोकसभा सीटों पर अगले साल यानी 2024 के लोकसभा चुनाव में घमासान होना है. इस बार सूबे के सियासी समीकरण बदले हुए हैं. भाजपा इस बार जदयू के साथ नहीं है. जदयू अब राजद और कांग्रेस व वामदलों के साथ महागठबंधन के साथ सरकार में है. वहीं भाजपा के साथ पूर्व सीएम जीतन राम मांझी व जदयू के बागी नेता उपेंद्र कुशवाहा की नयी पार्टी भी है. एनडीए को मात देने के लिए नीतीश कुमार के नेतृत्व में इस बार विपक्षी खेमा एकजुट होने के प्रयास में है. विपक्षी खेमों ने मिलकर एक गठबंधन भी तैयार किया है. I-N-D-I-A गठबंधन की कई बैठकें हो चुकी हैं. देश के पांच राज्यों में हुए चुनाव के बाद अब इंडिया गठबंधन में आगे की रणनीति बन सकती है. वहीं बिहार में इन दिनों कई मुद्दों पर सियासी पारा चढ़ा हुआ है.
बिहार का सियासी मुद्दा क्या रहेगा?
बिहार में इन दिनों जातीय सर्वे और आरक्षण सियासी मुद्दा बना हुआ है. नीतीश सरकार की ओर से प्रदेश में जातीय सर्वे कराया गया. जातीय सर्वे के आंकड़े आने के बाद इसकी रिपोर्ट को सरकार ने विधानमंडल में पेश किया और इसी रिपोर्ट को आधार बनाते हुए बिहार में आरक्षण के दायरे को 60 प्रतिशत से बढ़ाकर 75 प्रतिशत अब कर दिया गया है. वहीं जातीय सर्वे कराने को लेकर एकतरफ जहां नीतीश सरकार अपना पीठ थपथपा रही है वहीं दूसरी ओर केंद्र सरकार पर जदयू-राजद समेत महागठबंधन की अन्य दलें हमलावर भी है. वहीं आरक्षण का दायरा बढ़ा तो राज्य सरकार ने भाजपा को आरक्षण के मामले पर घेरने की भी कोशिश की. आरक्षण के बढ़े दायरे के खिलाफ याचिका अदालत तक पहुंच चुकी है. भाजपा और राज्य सरकार एक दूसरे को इसके लिए घेर रही है. वहीं शराबबंदी को भी अब नीतीश सरकार मुद्दा बनाते हुए दिख रही है. दूसरी ओर भाजपा को घेरने के लिए अब राजद ने भी अपनी तैयारी की है. तेजस्वी यादव ने अपनी पार्टी के प्रवक्ताओं को साफ निर्देश दिए हैं कि वो भाजपा का मुंह तोड़ जवाब दें.
अमित शाह का बिहार दौरा
गौरतलब है कि भाजपा और जदयू जब पिछली बार लोकसभा चुनाव 2019 में साथ थी तो 40 में 39 सीटें पर एनडीए को जीत मिली थी. इस बार एनडीए को 40 में 40 सीटों पर जीत दिलाने के लिए खुद पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ताबड़तोड़ बिहार दौरा कर रहे हैं. भाजपा ने सम्राट चौधरी को बिहार में अपना प्रदेश अध्यक्ष बनाया है.