पटना विरोध मार्च में शामिल तीन शिक्षकों पर हुआ एक्शन, जानें क्या था पूरा मामला..
बिहार के सीएम भ्रष्टाचार के किले को बचाने के लिए लोकतंत्र पर हमला कर रही है. जिस व्यक्ति पर चार्जशीट हुई है, बिहार के मुख्यमंत्री उसको बचाने के लिए अपनी नैतिकता तक भूल गये हैं.
पटना में बीजेपी की ओर से (BJP)आयोजित विधानसभा मार्च में हिस्सा लेने पर सरकार ने तीन शिक्षकों को निलंबित ( bettiah three teacher suspended) कर दिया है. इस हफ्ते की शुरुआत में बीजेपी की ओर से विधान सबा मार्च का आयोजन किया गया था. इसी मार्च में बिहार के पश्चिम चंपारण जिले के तीन शिक्षक शामिल होने के लिए पटना आए थे. उक्त सूचना मिलने के बाद पश्चिम चंपारण जिले के शिक्षा विभाग ने ये कार्रवाई की है. विरोध मार्च के एक दिन बाद बुधवार को तीनों शिक्षकों पर यह एक्शन हुआ है. शिक्षा विभाग की ओर से टीचर नंदन कुमार, परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ पश्चिमी चंपारण के जिला अध्यक्ष राज कुमार और सिद्धार्थ तिवारी को इस संबंध में पत्र जारी किया गया है.
प्रदर्शनकारियों पर हल्का लाठीचार्ज हुआ था
शिक्षा विभाग के सूत्रों का कहना है कि बेतिया में तैनात तीनों शिक्षकों को निलंबित किया गया है. बिहार पंचायत प्रारंभिक शिक्षक सेवा दिशानिर्देश, 2020 के मॉडल कोड 17 के तहत यह कार्रवाई की गई है. बताते चलें कि राज्य कर्मचारी का दर्जा देने की मांग को लेकर मंगलवार को राज्यभर से बड़ी संख्या में शिक्षकों ने प्रदर्शन में हिस्सा लिया था. पुलिस को प्रदर्शनकारियों पर हल्का लाठीचार्ज भी करना पड़ा था. इस लाठीचार्ज में बीजेपी जहानाबाद जिला के भाजपा के महामंत्री विजय कुमार सिंह की मौत हो गई थी. जबकि तीन दर्जन से ज्यादा लोग जख्मी हो गए थे. जबकि बड़ी संख्या में बीजेपी के कार्यकर्ता जख्मी हो गए थे. इस पूरे घटना पर जिला प्रशासन ने एक वीडियो शेयर कर कहा था कि पुलिस लाठीचार्ज से किसी की मौत नहीं हुई है. इधर, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इस पूरे मामले पर ट्वीट कर कहा था कि भाजपा कार्यकर्ताओं पर पटना में हुआ लाठीचार्ज राज्य सरकार की विफलता और बौखलाहट का नतीजा है. महागठबंधन की सरकार भ्रष्टाचार के किले को बचाने के लिए लोकतंत्र पर हमला कर रही है. जिस व्यक्ति पर चार्जशीट हुई है, उसको बचाने के लिए बिहार के मुख्यमंत्री अपनी नैतिकता तक भूल गये हैं. इसके साथ ही उन्होंने इस पूरे मामले की झारखंड के पूर्व सीएम रघुवर दास, सांसद बीडी राम, मनोज तिवारी को जांच करने का निर्देश भी दिया था.
59 के खिलाफ नामजद प्राथमिकी
राजधानी पटना के डाकबंगला चौराहे पर हुए इस हंगामा व लाठीचार्ज के मामले में पटना पुलिस की ओर से बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद, रेणू देवी, विधान पार्षद शाहनबाज हुसैन, सांसद सुशील कुमार सिंह, जनार्दन सिंह सिग्रीवाल, विधायक नितिन नवीन, संजय सरागबी समेत 59 भाजपा नेताओं को नामजद अभियुक्त बनाया गया है. इसके अलावा 1000 से अधिक अज्ञात को भी आरोपित बनाते हुए कोतवाली थाने में मजिस्ट्रेट के बयान पर केस दर्ज किया गया है. इस मामले में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी को आरोपित नहीं बनाये गये हैं. अज्ञात की पहचान सीसीटीवी (CCTV) फुटेज के माध्यम से की जायेगी.
पटना जाम से कराह उठा था
इन सभी पर पुलिस पर हमला, सरकारी कार्य में बाधा डालने, पथराव करने, पुलिसकर्मियों के आंखों में मिर्ची पाउडर झोंकने, बिना अनुमति के प्रदर्शन व मार्च करने आदि का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज किया गया है. एसएसपी राजीव मिश्रा ने बताया कि 59 नामजद के खिलाफ में कोतवाली थाने में प्राथमिकी दर्ज कर ली गयी है. भाजपा की ओर से आयोजित इस विधानसभा मार्च के दौरान गुरुवार की सुबह 11 बजे से लेकर शाम चार बजे तक पूरा पटना जाम से कराह उठा था. छह घंटे के भीषण जाम से स्टेशन रोड, एग्जीबिशन रोड, गांधी मैदान, बेली रोड, अशोक राजपथ, बारी पथ, कंकड़बाग, दीघा रोड, करबिगहिया फ्लाइओवर आदि विभिन्न इलाकों में वाहनों की लंबी कतार लग गयी थी. इस लंबी कतार में स्कूली बच्चों के अलावा कई एंबुलेंस भी फंसे दिखे थे. हालत यह हो गयी थी कि डाकबंगला चौराहे के पास जाम में फंसे स्कूली वाहनों से उतार कर अपने बच्चों को घर ले गये. जाम में फंसे बच्चे गर्मी की वजह से भी छटपटा रहे थे.
ट्रैफिक एसपी व डीएसपी को सड़क पर उतरे
प्रदर्शन खत्म होने के बाद भीषण जाम पटना के लोगों को शीघ्र मुक्ति दिलाने के लिए पटना के ट्रैफिक एसपी पूरन कुमार झा और डीएसपी समेत सभी थानों की पुलिस अपने क्षेत्रों में सड़क पर उतर जाम को छुड़ाने में जुट गये थे. करीब डेढ़ घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद छह बजे तक गांधी मैदान को छोड़कर अन्य इलाकों का जाम खत्म हुआ था. वहीं, गांधी मैदान के संपर्क पथ अशोक राजपथ और बारी पथ देर शाम सात बजे तक जाम लगा रहा.