जमुई. कहते हैं जब कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो फिर एक छोटी सी घटना एक पूरी फिल्म बन जाती है. ऐसे एक कहानी को बड़ा बनाया है जमुई जिले के सदर प्रखंड के रहने वाली श्वेता कुमारी ने. जिसके माता-पिता मैट्रिक परीक्षा उत्तीर्ण नहीं कर सके और इसी बात को अपने दिमाग में बिठा कर श्वेता ने कुछ ऐसा कर दिखाया है जिसके बाद अब चारों ओर उसकी सराहना हो रही है. जिले के सदर प्रखंड के ग्रामीण क्षेत्र क्षेत्र नवीनगर की रहने वाली अशोक साव एवं कल्पना देवी की बेटी श्वेता कुमारी ने मैट्रिक परीक्षा में 483 अंक हासिल किया है और पूरे बिहार भर में चौथा स्थान भी हासिल किया है. श्वेता की इस कामयाबी पर अब हर तरफ उसकी सराहना हो रही है.
श्वेता कुमारी के माता पिता दोनों ही मैट्रिक की परीक्षा पास नहीं कर सके हैं. इतना ही नहीं उसके दादा महेश्वर साह भी मात्र साक्षर हैं और वह भी बोर्ड की परीक्षा पास नहीं कर सके हैं जबकि उसकी दादी लीला देवी निरक्षर हैं. उसके पिता किसान हैं और खेती किसानी कर अपने बच्चों की परवरिश कर रहे हैं. श्वेता अपने तीन भाई बहनों में दूसरे नंबर पर है तथा उत्क्रमित उच्च विद्यालय नवीनगर की छात्रा रही है. श्वेता कुमारी की सफलता के बाद उसके पूरे परिवार में जश्न का माहौल है. रिजल्ट की घोषणा होते ही परिजनों ने श्वेता को मिठाई खिलाकर बधाई दी.
प्रभात खबर से खास बातचीत में श्वेता ने बताया कि वह आईएएस बनना चाहती है. उसने बताया कि मैट्रिक परीक्षा की तैयारी में प्रतिदिन 6 से 10 घंटे पढ़ाई की तथा स्कूल और सेल्फ स्टडी के बाद मैंने यह स्थान हासिल किया है. उसने कहा कि जो बच्चे अच्छा करना चाहते हैं उन्हें स्कूल की पढ़ाई के साथ-साथ सेल्फ स्टडी पर भी ध्यान देना चाहिए, तभी वह सफलता हासिल कर सकते हैं. श्वेता की इस सफलता पर परिवार ही नहीं पूरे ग्रामीणों में हर्ष है और लोग उसकी सफलता पर फूले नहीं समा रहे हैं.