पटना. BESB ने परीक्षा के 29 दिनों बाद इंटरमीडिएट परीक्षा का रिजल्ट जारी किया गया है. शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने तीनों संकाय का रिजल्ट जारी किया है. 13 लाख 25 हजार 749 परीक्षार्थी इंटर की परीक्षा में शामिल हुए थे.
इंटर परीक्षा में 80.15% परीक्षार्थियों ने सफलता हासिल की है. साइंस संकाय में नवादा के सौरभ कुमार टॉपर बने है. साइंस संकाय में नवादा के सौरभ कुमार को पहला स्थान मिला है जबकि औरंगाबाद के अर्जुन कुमार को दूसरा स्थान मिला है.
पूर्वी चंपारण के राज रंजन ने तीसरे स्थान पर कब्जा किया है. इस साल पहले तीन स्थान पर लड़कों का कब्जा रहा है. इस साल लड़कियों ने पहले तीन स्थान पर बाजी नहीं मार पायी. विज्ञान संकाय के परीक्षाफल पर गौर किया जाये तो इंटरमीडिएट वार्षिक परीक्षा, 2022 के विज्ञान संकाय में कुल 5,67,473 परीक्षार्थी सम्मिलित हुए, जिसमें कुल 3,80,065 छात्र तथा 1,87.408 छात्राएँ थे.
इंटरमीडिएट वार्षिक परीक्षा, 2022 के विज्ञान संकाय में कुल 2,65,218 परीक्षार्थी प्रथम श्रेणी में, 1,82,919 परीक्षार्थी द्वितीय श्रेणी में तथा 4,764 परीक्षार्थी तृतीय श्रेणी में उत्तीर्ण हुए हैं. इस प्रकार, विज्ञान संकाय में कुल 4,52,901 परीक्षार्थी उत्तीर्ण हुए हैं, जो इस संकाय की परीक्षा में सम्मिलित परीक्षार्थियों का 79.81% है.
मालूम हो कि लगातार तीसरी बार बिहार बोर्ड ने समय से पहले इंटर के नतीजे जारी करते हुए नया रिकॉर्ड बनाया है. देश भर में बिहार बोर्ड ने सबसे पहले रिजल्ट जारी करने का रिकॉर्ड बनाया है. जहां पिछले साल परीक्षा होने के 40 दिनों बाद रिजल्ट जारी किया गया था, वहीं इस साल महज 29 दिनों में बिहार बोर्ड रिजल्ट जारी किया जा रहा है.
इंटर की परीक्षा में कुल 13 लाख 46 हजार परीक्षार्थी शामिल हुए थे. बिहार में इंटर की परीक्षा के बाद 24 फरवरी से 10 मार्च तक कॉपियों का मूल्यांकन हुआ था और कॉपियों के मूल्यांकन के महज 6 दिनों बाद ही रिजल्ट जारी हो रहा है. बिहार बोर्ड की इंटर परीक्षा के नतीजे परीक्षार्थी बोर्ड की वेबसाइट पर देख सकेंगे. बिहार बोर्ड 10वीं का रिजल्ट भी होली के तुरंत बाद जारी होने की संभावना है.
सौरव कुमार चेन्नई में फर्नीचर दुकान में कारीगरी करने वाले शत्रुघ्न मिस्त्री का बेटा है और उनका सपना IAS अधिकारी बनने का है. नवादा जिले के काशीचक प्रखंड स्थित उपरावां गांव के रहने वाले सौरव ने प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद मिली इस सफलता को अपने माता-पिता और शिक्षकों को समर्पित किया है. सौरव की मां हाउस वाइफ हैं और अपने बेटे के लिए काफी खुश हैं.