परीक्षा में कदाचार रोकने को लेकर बिहार बोर्ड का बड़ा फैसला, परीक्षा देने के लिए अब जरूरी होगा फिंगरप्रिंट
बिहार में बोर्ड परीक्षा को कदाचार मुक्त बनाने के लिए बीएसइबी लगातार प्रयासरत है. पिछले कुछ वर्षों में बिहार बोर्ड ने न केवल रिकार्ड समय पर परीक्षा परिणाम घोषित किये हैं, बल्कि टॉपरों को लेकर भी पहले की तरह कोई मामला उजागर नहीं हुआ है. पूरी तरह जांच पड़ताल के बाद ही मैरिट लिस्ट जारी की जा रही है.
पटना. बिहार में बोर्ड परीक्षा को कदाचार मुक्त बनाने के लिए बीएसइबी लगातार प्रयासरत है. पिछले कुछ वर्षों में बिहार बोर्ड ने न केवल रिकार्ड समय पर परीक्षा परिणाम घोषित किये हैं, बल्कि टॉपरों को लेकर भी पहले की तरह कोई मामला उजागर नहीं हुआ है. पूरी तरह जांच पड़ताल के बाद ही मैरिट लिस्ट जारी की जा रही है.
कोई मुन्नाभाई शामिल ना हो सके
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने परीक्षा में सुधार के तहत अब एक और बड़ा कदम उठाने जा रहा है. बिहार बोर्ड अब मैट्रिक और इंटर की परीक्षा में कोई मुन्नाभाई शामिल ना हो सके, इसे लेकर अपनी आगे की रणनीति तैयार कर ली है. अब परीक्षा फॉर्म भरने के समय ही सभी परीक्षार्थियों के फिंगर प्रिंट लिए जाएंगे.
छात्र-छात्राओं का फिंगर प्रिंट लिये जाएंगे
बिहार में नौवीं से 12वीं तक के 60 लाख से अधिक छात्र-छात्राओं का फिंगर प्रिंट लिये जाएंगे. इसके लिए राज्यभर के सभी माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्कूलों में बायोमेट्रिक मशीन लगायी जाएगी. अगले साल से बिहार बोर्ड में कई तरह के और बदलाव देखने को मिलेगा. इस बात की जानकारी बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष आनंद किशोर ने दी है.
परीक्षा की प्रणाली को और मजबूत बनाया जाएगा
आनंद किशोर ने बताया कि मैट्रिक और इंटर परीक्षा की प्रणाली को और मजबूत बनाया जाएगा. इन परीक्षाओं में मुन्नाभाई शामिल ना हो पाएं, इसको लेकर पूरी तैयारी की जा रही है. मैट्रिक और इंटर की परीक्षा फॉर्म भरे जाने के वक्त ही परीक्षार्थियों का फिंगर प्रिंट ले लिया जाएगा. जब परीक्षार्थी परीक्षा में शामिल होंगे, तब इसी फिंगर प्रिंट के जरिय उनकी एंट्री परीक्षा केंद्र पर होगी. परीक्षा केंद्र पर में लगाए जाने वाले बायोमेट्रिक मशीन में पहले फिगर प्रिंट लिया जाएगा, तब ही परीक्षा हॉल में एंट्री मिल पाएगी.