बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (Bihar School Examination Board) की ओर से इंटरमीडिएट एवं मैट्रिक की परीक्षाओं में सामने आने वाली कठिनाइयों को दूर करने के उद्देश्य से तीन दिवसीय परिचर्चा का आयोजन किया गया. अध्यक्षता समिति के अध्यक्ष आनंद किशोर ने की. इसमें वर्ष 2024 में आयोजित की जाने वाली परीक्षाओं में उच्च तकनीक का प्रयोग करते हुए परीक्षा प्रणाली को बेहतर एवं उत्कृष्ट बनाने के लिए निर्देश दिया गया. अध्यक्ष आनंद किशोर ने कहा कि आगामी मैट्रिक और इंटर परीक्षाओं में राज्य के सभी जिलों में वीक्षकों की प्रतिनियुक्ति के लिए रैंडमाइजेशन सॉफ्टवेयर तैयार किया जायेगा. इस सॉफ्टवेयर द्वारा जिलों के विभिन्न परीक्षा केंद्रों पर वीक्षकों की प्रतिनियुक्ति की जायेगी.
वर्ष 2024 से इंटर एवं मैट्रिक की वार्षिक परीक्षा में अपने एडमिट कार्ड के साथ विद्यार्थियों को अपने आधार की काॅपी या एक फोटोयुक्त पहचान पत्र भी परीक्षा केंद्र पर लाना अनिवार्य होगा. इस तरह उत्तरपुस्तिका पर पूर्व से ही प्रिंटेड विद्यार्थी के फोटो के साथसाथ पहचान पत्र में दिए गए फोटो से भी विद्यार्थियों की पहचान करने में आसानी होगी. विद्यालय स्तर पर 10 वीं एवं 12 वीं के विद्यार्थियों को डमी ओएमआर शीट समिति द्वारा उपलब्ध कराया जाएगा, ताकि वे ओएमआर शीट पर अभ्यस्त हो सकें. नौवीं के विद्यार्थियों के लिए भी डमी ओएमआर शीट की व्यवस्था की जायेगी.
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परिचर्चा में 10 जिलों से आये मूल्यांकन केंद्रों के एमपीपी को संबोधित करते हुए यह भी निर्देश दिया गया कि आगामी वर्ष की बोर्ड परीक्षाओं से परीक्षा केंद्रों तथा मूल्यांकन केंद्रों का निर्धारण समिति द्वारा किया जायेगा. इसके लिए समिति के पदाधिकारियों को पहले से सभी जिलों में उक्त केंद्रों के भौतिक सत्यापन के लिए भी भेजा जायेगा. वर्ष 2024 से नौवीं कक्षा में नामांकन के समय ही विद्यार्थियों के रजिस्ट्रेशन की कार्रवाई की जायेगी, ताकि रजिस्ट्रेशन आसानी से किया जा सके. इसके साथ ही वर्ष 2024 में समिति द्वारा आयोजित इंटर एवं मैट्रिक की वार्षिक परीक्षाओं से प्रत्येक विद्यार्थी के सीट पर उस विद्यार्थी का रौल नंबर, रौल कोड एवं विषय पूर्वसे ही प्रिंट कर लगाया जायेगा.