अनुपस्थिति पर सख्ती: 2.66 लाख विद्यार्थी नहीं दे सकेंगे मैट्रिक व इंटर की परीक्षा, जानें क्यों?
अनुपस्थित रहने वाले विद्यार्थियों को वर्ष 2024 की वार्षिक माध्यमिक और उच्च माध्यमिक परीक्षा के लिए होने वाली सेंटअप परीक्षा में शामिल नहीं होने दिया जाये. शिक्षा विभाग द्वारा बोर्ड को ऐसे 2,66,564 विद्यार्थियों की सूची भेजी गयी है.
माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में शैक्षणिक सत्र 2023- 24 में कक्षा नौवीं से 12वीं के लगातार विद्यालय से अनुपस्थित रहने वाले विद्यार्थियों को सेंटअप परीक्षा में शामिल नहीं होने दिया जायेगा. इस संबंध में सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि जिन विद्यार्थियों का विद्यालय से लगातार अनुपस्थित रहने के कारण नामांकन रद्द किया गया है, उन्हें वर्ष 2024 की वार्षिक माध्यमिक और उच्च माध्यमिक परीक्षा के लिए होने वाली सेंटअप परीक्षा में शामिल नहीं होने दिया जाये. शिक्षा विभाग द्वारा बोर्ड को ऐसे 2,66,564 विद्यार्थियों की सूची भेजी गयी है.
ये छात्र 2024 में होने वाली मैट्रिक या इंटर की परीक्षा भी नहीं दे पायेंगे. समिति ने कहा है कि शिक्षा विभाग के निर्देश के आलोक में सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी अपने स्तर से जिला के सभी माध्यमिक, उच्च माध्यमिक विद्यालयों, कॉलेजों के प्रधानाध्यापक, प्राचार्य को पत्र द्वारा व दैनिक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सूचित करने को कहा गया है. इसके साथ ही कार्रवाई की सूचना समिति को शीघ्र उपलब्ध कराने को भी कहा गया है. जिले के विद्यालय-महाविद्यालय के वैसे विद्यार्थियों की सूची भी उपलब्ध कराने को कहा गया है.
20 लाख से अधिक बच्चों के काटे गये नाम
राज्य के 80 हजार से अधिक सरकारी स्कूलों में 19 अक्तूबर तक 20.60 लाख बच्चों के नाम काट दिये गये हैं. यह सभी विद्यार्थी स्कूल से लंबे समय से अनुपस्थित रहे थे. शिक्षा विभाग ने नोटिस के बाद ये नाम काटे हैं. पूर्वी चंपारण ,पश्चिमी चंपारण और वैशाली में एक-एक लाख से अधिक लगातार अनुपस्थित रहे बच्चों के नाम काटे गये हैं. शिक्षा विभाग की तरफ से जारी आधिकारिक जानकारी के मुताबिक 19 अक्तूबर तक कक्षा एक से आठवीं तक के करीब 18.24 लाख बच्चों के नाम काटे गये हैं,जबकि कक्षा नौ से 12 वीं तक के करीब 2.35 लाख विद्यार्थियों के नाम काटे जा चुके हैं.
आधिकारिक रिपोर्ट के मुताबिक सर्वाधिक पूर्वी चंपारण जिले के 1.38 लाख विद्यार्थियों के नाम कटे हैं. पश्चिमी चंपारण में 1.17 लाख और वैशाली एक लाख से अधिक विद्यार्थियों के नाम काटेजा चुके हैं, जबकि मुजफ्फरपुर के सरकारी स्कूलों से 99413 विद्यार्थियों के, पटना जिले के 9557 बच्चों के नाम काटे गये हैं. इसके अलावा दरभंगा जिले के सरकारी स्कूलों से 88 हजार से अधिक नाम काटेजा चुके हैं. विभागीय जानकारों का कहना है कि अधिकतर उन बच्चों के नाम कटे हैं, जिन्होंने विभिन्न फायदों के लिए नाम सरकारी स्कूलों में लिखा रहे थे.