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Bihar Board Result 2022: टॉपर्स जिनकी वजह से बिहार बोर्ड हुआ था बदनाम, कितनी बार रहा विवादों में रिजल्ट

Bihar Board Result 2022: बिहार बोर्ड रिजल्ट आज जारी होने वाला है. बिहार बोर्ड रिजल्ट (Bihar Board Results) कई बार विवादों में रह चुका है. साल 2016 में बिहार बोर्ड परीक्षा की टॉपर घोषित हुई रूबी राय का स्कैम पकडे जाने के बाद से बिहार बोर्ड रिजल्ट पर कई सवाल उठ गए थे.

बिहार बोर्ड का रिजल्ट आज जारी होने वाला है. परीक्षा में शामिल होने वाले छात्र रिजल्ट जारी होने के बाद ऑफिशियल वेबसाइट biharboardonline.bihar.gov.in पर जाकर रिजल्ट चेक कर सकते है. छात्र और उनके अभिभावक लगातार बिहार बोर्ड के ऑफिशियल वेबसाइट पर नज़र टिकाये हुए है. बिहार बोर्ड परीक्षा का रिजल्ट हर साल सुर्खियों में रहता है. 2016 में बिहार बोर्ड रिजल्ट में बड़ा घोटाला सामने आया था. उसके बाद से ही बिहार बोर्ड रिजल्ट पर कड़ी नजर रखी जाने लगी.

बिहार बोर्ड रिजल्ट (Bihar Board Results) कई बार विवादों में रह चुका है. साल 2016 में बिहार बोर्ड परीक्षा की टॉपर घोषित हुई रूबी राय का स्कैम पकडे जाने के बाद से बिहार बोर्ड रिजल्ट पर कई सवाल उठ गए थे (Bihar Board Topper Scam). उसके बाद से बिहार बोर्ड ने कॉपियों के मूल्यांकन और रिजल्ट घोषित करने के तरीकों में काफी बदलाव किया है. अब बिहार बोर्ड आंसर कॉपी चेक होने के बाद टॉपर छात्रों का फिजिकल वेरिफिकेशन भी किया जाता है. आइये जानते के पिछले कुछ सालों के बिहार बोर्ड के विवादित टॉपर्स के बारे में.

2016 की टॉपर रूबी राय ने खोली पोल

साल 2016 में इंटर आर्ट्स की टॉपर रूबी राय अपने विषय तक का नाम ठीक से नहीं बता सकी थी. उन्होने पॉलिटिकल साइंस को न केवल ‘प्रोडिगल साइंस’ बताया था बल्कि कहा था कि इसमें खाना बनाना सिखाया जाता है. बता दें कि 2016 के रिजल्ट में इस घोटाले के बाद जब बिहार बोर्ड ने कई टॉपर्स का दोबारा टेस्ट लिया तो उसमें रूबी राय, सौरभ श्रेष्ठ और राहुल कुमार तीनों फेल हो गए. उसके बाद बोर्ड ने इन तीनों का रिजल्ट रद्द कर दिया था. इस घटना के बाद रूबी राय ने बिहार छोर दिया और वो अब पिछले 2 साल से गांव मे नहीं रहती है. रूबी के पिता पंजाब में रहते हैं और वहीं रूबी राय साथ मे रहती है. गांव में सिर्फ रूबी राय के दादा और भाई-भाभी रहते हैं.

2017 में टॉपर गणेश ने किया था उम्र में घोटाला

रूबी राय की घटना को अभी एक साल ही हुआ था कि साल 2017 में गणेश नाम के टॉपर ने बिहार एजुकेशन सिस्टम को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया. गणेश ने आर्ट्स स्ट्रीम में टॉप किया था. उसको हिंदी में 100 में से 80 अंक, संगीत में 100 में से 83, सोशल साइंस में 100 में से 80 अंक और मनोविज्ञान में 100 में से 50 अंक एनआरए में 50 में से 42 और एमएएल में 50 में से 36 अंक मिले थे. संगीत विषय में टॉप करने वाले गणेश को संगीत का जरा भी ज्ञान नहीं था. गणेश कुमार पर परीक्षा के दौरान नकल करके पास होने और अपनी उम्र छिपाने का आरोप लगाया गया था. गणेश की चोरी की पोल खुलने के बाद उनका रिजल्ट रद्द किया गया और नेहा कुमारी को आर्ट्स का टॉपर घोषित किया गया था.

2018 में टॉपर कल्पना फंसी से अटेंडेंस के चक्कर में

साल 2018 में भी बिहार बोर्ड से जुड़ा एक विवाद सामने आया था. इंटरमीडिएट परीक्षा 2018 के नतीजे आने के बाद टॉपर कल्पना कुमारी विवादों में घिर गई. कल्पना ने साइंस स्ट्रीम से टॉप किया था, लेकिन स्कूल में उसकी उपस्थिति 75 प्रतिशत से कम थी. ऐसे में यह सवाल उठने लगा था कि उपस्थिति कम होने के बाद भी कल्पना को परीक्षा में शामिल होने की अनुमति कैसे मिली. हालांकि, कल्पना कुमारी ने कई जगहों पर इंटरव्यू में बताया था कि वह पिछले 2 साल से दिल्ली में मेडिकल की तैयारी कर रही थीं. इन घटनाओं के बाद बिहार बोर्ड ने रिजल्ट को लेकर काफी सावधानी बरतीं हैं. यही कारण है कि बिहार बोर्ड सबसे पहले बोर्ड परीक्षा कराने और रिजल्ट जारी करने में सफल रहा है.

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