पटना. लगातार पांचवें वर्ष भी बिहार बोर्ड ने देश में सबसे पहले मैट्रिक का रिजल्ट जारी कर रिकॉर्ड कायम किया है. समिति के इतिहास में यह दूसरा अवसर है जब मैट्रिक परीक्षा का रिजल्ट 31 मार्च को जारी हुआ है. 2022 में भी रिजल्ट 31 मार्च को जारी कर दिया गया था. इससे पहले 2021 में पांच अप्रैल को रिजल्ट जारी किया गया था. 2020 में 26 मई को रिजल्ट जारी किया गया था. 2019 में मैट्रिक का रिजल्ट छह अप्रैल को जारी हुआ था.
रिजल्ट प्रोसेसिंग काफी तेज गति से हुई
कोरोना महामारी से जनित चुनौतियों के बीच बिहार बोर्ड ने देश में सबसे पहले इंटर व मैट्रिक की परीक्षा आयोजित कर रिजल्ट जारी किया था. लगातार देश में तीसरी बार विद्यार्थी के फोटो के साथ प्रत्येक विद्यार्थी के नाम से हर विषय में बारकोड व लिथोकोड के साथ अलग-अलग कॉपी एवं अलग-अलग ओएमआर शीट छपवाया गया. सभी विद्यार्थियों के फोटो के साथ नाम के साथ प्रिंटेड कॉपी थी. कंप्यूटराइज्ड प्रपत्रों की स्क्रिनिंग करा कर डाटा तैयार कराया गया, जिसके चलते रिजल्ट प्रोसेसिंग काफी तेज गति से हुई.
बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशोर ने तैयार किया है नये टेक्नोलॉजी का डिजाइन
नये टेक्नोलॉजी का डिजाइन स्वयं बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशोर ने तैयार किया है. पहली बार इस वर्ष मैट्रिक परीक्षा में समिति द्वारा स्टूडेंट्स के हित में सभी विषयों के ऑब्जेक्टिव एवं सब्जेक्टिव प्रश्नों में 100 प्रतिशत अतिरिक्त प्रश्नों का विकल्प दिया गया था. संबंधित विषय में इस वर्ष स्टूडेंट्स से 50 ऑब्जेक्टिव प्रश्नों का उत्तर देना था. इसी तरह दो और पांच अंकों के सब्जेक्टिव प्रश्नों में भी स्टूडेंट्स को 100 प्रतिशत प्रश्नों का विकल्प दिया गया था. आनंद किशोर ने कहा कि आधुनिकतम तकनीक का प्रयोग करते हुए न सिर्फ अग्रणी, तकनीक के मामले में भी बिहार बोर्ड देश का सर्वश्रेष्ठ बोर्ड बन गया है.
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