बिहार के सारण और सिवान में कैसे ढह गए 5 पुल? कोई ब्रिज 88 तो कोई 32 साल से बना था लोगों का सहारा
बिहार के सारण और सिवान में एक ही दिन के अंदर 5 पुल गिरे हैं. इनमें कोई पुल 88 साल पुराना था तो कोई पुल 32 साल से सहारा बना था.
Bihar Bridge Collapse: बिहार में बारिश का सिस्टम पूरी तरह सक्रिय हो चुका है. वहीं दूसरी ओर पुल-पुलिया गिरने का सिलसिला जारी है. सिवान और सारण में हाल में पांच पुल गिरे हैं. इनमें सारण में दो पुल और सिवान में तीन पुल गिरे. सारण में अंग्रेज जमाने में बना एक पुल भी ढह गया. सिवान में एक ही प्रखंड में तीन पुल गिरे तो हजारों की आबादी का आवागमन प्रभावित हुआ है.
सिवान में तीन पुल ध्वस्त हुए
सीवान में मानसून की पहली बारिश में ही जिले के गंडकी नदी पर बने तीन पुल के एक ही रात ध्वस्त हो गए. मंगलवार की रात्रि में गंडकी नदी पर बना तीन पुल जहां ध्वस्त हो गया, वहीं दस दिन पूर्व भी एक और पुल यहां ध्वस्त हो गया था. बाढ़ नियंत्रण व जलसंसाधन विभाग के मुताबिक गंडकी नदी पर कुल 98 पुल हैं, जिनमें से दस दिनों के अंदर चार पुल ध्वस्त हो चुके हैं.
क्यों मंडराया पुलों पर खतरा?
मालूम हो कि गोपालगंज जिले के यादवपुर से गंडक नदी से निकली छारी नदी को बोलचाल में गंडकी नहीं कहा जाता है. गंडकी नदी सीवान जिले के गोरेयाकोठी, बसंतपुर, भगवानपुर, दरौंदा प्रखंड क्षेत्र से होते हुए सारण जिले के शितलपुर में गंडक नदी में जाकर मिल जाती है.इस गंडकी नदी पर ही कुल 98 पुलों का निर्माण कराया गया था.पिछले तीन माह पूर्व गंडकी नदी की सफाई कार्य के लिये पोकलेन लगाया गया था. इसकी खुदाई काफी गहराई तक करने के बाद बारिश के दबाव में तेजी से कटान के चलते इन पुलों पर खतरा मंडराने लगा है.इन्ही पुलों में से दस दिनों के अंदर चार पुल ध्वस्त हो चुके हैं.
पुल टुटने से बड़ी आबादी प्रभावित
नवतन पुल के टूट जाने से सिकंदरपुर, नौतन, तेवथा, टेघड़ा, आकाशी मोर बाजार, गोहपुर, बजरहिया, पराईन टोला, भैया बहिनी सहित दर्जनों गांवों का संपर्क टूट गया है. ऐसे में इन गांव के लोगों को एक दूसरे के यहां जाने के लिए अधिक दूरी तय करनी पड़ेगी.जबकि सिकंदरपुर गांव का अनुमंडल मुख्यालय से संपर्क टूट गया है.गांव के ग्रामीणों को प्रखंड या अनुमंडल जाने के लिए सात किलोमीटर अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ेगी. पुलिया के टूटने से सबसे ज्यादा प्रभावित सिकंदरपुर गांव के लोग हुए हैं. पुल के नजदीक सिकंदरपुर हाई स्कूल है. जहां आनेवाले छात्रों के पढ़ाई प्रभावित होगी.वहीं पड़ाईन टोला पुल के ध्वस्त होने से दो प्रखंड महाराजगंज व दरौंदा का संपर्क कट गया है.
तत्कालीन सांसद व स्थानीय प्रयास से बने थे ये पुल
दो जुलाई की रात्रि दरौंदा-महाराजगंज सीमा के महुआरी गांव के पड़ाइन टोला और भीखाबांध गांव की सीमा पर निर्मित पुल महाराजगंज के तत्कालीन सांसद प्रभुनाथ सिंह के प्रयास से 2004 में 10 लाख की लागत से बना था .वही टेघड़ा बंगरा गांव के बीच 1936 में पुल स्थानीय ग्रामीणों के प्रयास से बना था. यह पुल ध्वस्त होने के साथ ही नदी के धारा में बह गया है. वहीं सिकंदरपुर नौतन पुल 1991 में महाराजगंज के तत्कालीन सांसद प्रमुनाथ सिंह के प्रयास से लगभग छह लाख की लागत से बनाया गया था. इस पुल के निर्माण में सिकंदरपुर उच्च विद्यालय के संस्थापक सिकंदरपुर निवासी स्व लालदेव सिंह की भूमिका अहम थी . बताते चलें पुल के पूरब हाई स्कूल है.स्कूल के पीछे से नदी बहती है. विद्यालय में नौतन, तेवथा बजरहिया समेत अन्य गांव के बच्चे उसी पुल से विद्यालय में आते-जाते रहे हैं. इसके अतिरिक्त कई गांवों के लोगों का महाराजगंज मुख्यालय व सीवान जिला मुख्यालय के आने-जाने का रास्ता यही पुल रहा है.
सारण में गिरे दो पुलों का इतिहास
सारण जिले में दो पुल गिरने से लोगों की मुश्किलें बढ़ी है. जनता बाजार में ढ़ोढ़नाथ मंदिर से करीब पांच सौ मीटर उत्तर में वर्ष 2005 में तत्कालीन विधायक धुमल सिंह के विधायक कोष से इस पुल का निर्माण हुआ था. बीच में दो-तीन बार पुल के उपरी सतह का मेंटेनेंस भी हुआ. इसी बीच बुधवार करीब दो बजे यह पुल धराशायी हो गया. अभी इस पुल गिरने के हादसे की चर्चा जिले के अलग-अलग प्रखंडों तक फैलनी शुरू ही हुई थी. इसी बीच महज एक घंटे बाद दोपहर तीन बजे इसी पुल से करीब 800 मीटर दूर गंडकी नदी पर ही बने दंदासपुर जंगल विलास टोला स्थित वर्ष 1936 में बना ब्रिटिशकालीन पुल भी ध्वस्त हो गया. इस पुल को भेटवलिया गांव के कुशवाहा परिवार के लोगों ने बनवाया था.
गंडकी नदी से कुछ दिन पहले ही हुई है गाद की सफाई
प्राप्त जानकारी के अनुसार कुछ दिन पहले ही गंडकी नदी में जमा हुए कचरे व गाज की सफाई करायी गयी है. जिसमें जेसीबी का भी इस्तेमाल हुआ है. ठेकेदार ने गाज की सफाई के दौरान कुछ अधिक मिट्टी निकाल ली है. जिस कारण पुल के पाये के पास गड्ढ़ा हो गया था. यह नदी गोपालगंज के भैसालोटन से होकर सोनपुर तक जाती है. जहां मुख्य नदी में मिल जाती है. बीते कुछ दिनों से भारी बारिश हो रही है. वहीं नेपाल से भी पानी छोड़ दिया गया है जो गंडकी में होकर गुजर रहा है. इसी बीच पानी का दबाव बढ़ा और जहां पर गाद की सफाई करायी गयी थी वहां कटाव होना शुरू हुआ. यह कटाव देखते-देखते पुल के पीलर तक पहुंच गया. पानी की धार काफी तेज थी जिस कारण पुल का पीलर क्षतिग्रस्त होकर नीचे गिर गया.
बोले कार्यपालक अभियंता
महाराजगंज प्रखंड के नवतन,तेवथा तथा देवरिया पडाईन टोला गांव के बीचोंबीच बनी गंडकी नदी पुल करीब 35 से 40 वर्ष पुरानी पुल था.गंडकी नदी की साफ- सफाई के बाद पानी का दबाव बढ़ने के चलते फाउंडेशन पानी के दबाव से धंस जाने के कारण पुल नीचे के तरफ बैठ गया.जिसके चलते पुल ध्वस्त हो गया.इसमें किसी प्रकार का कोई हताहत की सूचना नहीं है.
मनंजय कुमार,कार्यपालक अभियंता,आरडब्लूडी, महाराजगंज
दशकों पुराने पुल और पुलिया जर्जर, नये पुल-पुलिया अब बनेंगे
जल संसाधन विभाग के अपर मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद ने कहा कि गोपालगंज जिले के बरौली प्रखंड सहित सीवान जिले के महाराजगंज, दरौंदा और लहलादपुर में छाड़ी नदी पर बने दशकों पुराने पुल और पुलिया जर्जर हो चुके हैं. इनकी जगह नये पुल-पुलिया बनाये जायेंगे. साथ ही इनके क्षतिग्रस्त होने की जांच उड़नदस्ता संगठन, जल संसाधन विभाग से करायी जा रही है. जांच रिपोर्ट में दोषी पदाधिकारियों की जिम्मेवारी निर्धारित कर कार्रवाई की जायेगी.