Bihar Bridge Collapse: बिहार में पुल ध्वस्त होने का सिलसिला जारी है. अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी एक्शन में आए हैं और बुधवार को हुई समीक्षा बैठक में ग्रामीण पुलों के भी मेंटनेंस की पॉलिसी बनाने की बात कहकर अधिकारियों को निर्देश दिए हैं. मंगलवार रात से लेकर बुधवार तक सारण में दो पुल और सीवान में तीन पुल गिरे हैं. जिसके बाद अब बिहार में सियासी आरोप-प्रत्यारोप भी तेज हुए हैं. सारण में 2005 में बना एक पुल गिरा और उसके बाद ब्रिटिश काल में बना एक पुल ध्वस्त हुआ है. जबकि सिवान के महराजगंज प्रखंड में अलग-अलग जगहों पर तीन पुल ढहे.
सिवान में तीन पुल ध्वस्त
सिवान जिले के महराजगंज प्रखंड क्षेत्र में नवतन, तेवथा और देवरिया पड़ाईन टोले में बने तीन पुल मंगलवार की रात को ध्वस्त (Siwan Bridge Collapse) हो गए. जबकि दस दिन पूर्व भी एक और पुल यहां ध्वस्त हो गया था. बाढ़ नियंत्रण व जलसंसाधन विभाग के मुताबिक गंडकी नदी पर कुल 98 पुल हैं, जिनमें से दस दिनों के अंदर चार पुल ध्वस्त हो चुके हैं. मालूम हो कि गोपालगंज जिले के यादवपुर से गंडक नदी से निकली छारी नदी को बोलचाल में गंडकी नहीं कहा जाता है.गंडकी नदी सीवान जिले के गोरेयाकोठी, बसंतपुर, भगवानपुर, दरौंदा प्रखंड क्षेत्र से होते हुए सारण जिले के शितलपुर में गंडक नदी में जाकर मिल जाती है.
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डीएम भी पुल का निरीक्षण करने पहुंचे
इस गंडकी नदी पर ही कुल 98 पुलों का निर्माण कराया गया था.पिछले तीन माह पूर्व गंडकी नदी की सफाई कार्य के लिये पोकलेन लगाया गया था.इसकी खुदाई काफी गहराई तक करने के बाद बारिश के दबाव में तेजी से कटान के चलते इन पुलों पर खतरा मंडराने लगा है.इन्ही पुलों में से दस दिनों के अंदर चार पुल ध्वस्त हो चुके हैं.महाराजगंज प्रखंड क्षेत्र के तेवथा व नवतन के ध्वस्त पुलों का डीएम मुकुल कुमार गुप्ता ने निरीक्षण किया . साथ में बाढ़ विभाग ,आरडब्ल्लूडी के कार्यपालक अभियंता के अलावा अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे.
सारण में दो पुल ढहे
इधर सारण जिले में दो पुल बुधवार को गिर (Saran Bridge Collapse) गए. लहलादपुर प्रखंड में बुधवार की दोपहर गंडकी नदी पर बने दो पुलों के गिरने के बाद लोगों में दहशत का माहौल है. महज एक घंटे के अंतराल पर प्रखंड के जनता बाजार के पास 40 फुट लंबे और करीब 15 फुट चौड़े पुल के धराशायी हो जाने के बाद लोगों में दहशत का माहौल है. अब लोग प्रखंड के दूसरे पुलों से अब गुजरने से भी परहेज करने लगे हैं. पुल के धराशायी होने के बाद डरे सहमे ग्रामीणों ने प्रखंड क्षेत्र के बसहीं गांव स्थित गंडकी नदी पर बने पुराने पुल को अवरुद्ध कर दिया. सारण के दंदासपुर जंगल विलास टोला स्थित वर्ष 1936 में बना ब्रिटिशकालीन पुल ध्वस्त हुआ है. जबकि दूसरा पुल जनता बाजार में ढ़ोढ़नाथ मंदिर से करीब पांच सौ मीटर उत्तर में वर्ष 2005 में तत्कालीन विधायक धुमल सिंह के विधायक कोष से बना था.
पुल गिरने की जांच होगी
इधर, जल संसाधन विभाग के अपर मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद ने कहा कि सीवान जिले के महाराजगंज, दरौंदा और लहलादपुर में छाड़ी नदी पर बने दशकों पुराने पुल और पुलिया जर्जर हो चुके हैं. इनकी जगह नये पुल-पुलिया बनाये जायेंगे. साथ ही इनके क्षतिग्रस्त होने की जांच उड़नदस्ता संगठन, जल संसाधन विभाग से करायी जा रही है. जांच रिपोर्ट में दोषी पदाधिकारियों की जिम्मेवारी निर्धारित कर कार्रवाई की जायेगी.