Bihar Budget 2022 दुग्ध उत्पादन बढ़ाने को आधुनिक तकनीक पर जोर, 40 फीसद होंगी महिला दुग्ध समितियां
एक हजार समितियों के गठन की प्रक्रिया चल रही है. सभी नगर निकाय- प्रखंड स्तर पर सुधा उत्पादों की बिक्री केंद्र खोले जा रहे हैं. मुर्गी - मछली पालन को बढ़ावा देगी. चौर क्षेत्र का विकास बड़े पैमाने पर किया जायेगा. तालाबों- पोखरों एवं बड़े जलाशयों में मछली पालन की योजनां केंद्र में रहेंगी.
पटना. सरकार आत्मनिर्भर बिहार के सात निश्चित – 2 के तहत आगामी वित्त वर्ष में आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल कर दुग्ग्ध उत्पादन एवं प्रसंस्करण क्षमता का विस्तार करेगी. बेहतर पशु स्वास्थ्य प्रबंधन की आधारभूत संरचनाओं को मजबूतर किया जायेगा. देशी गोवंश के संरक्षण एवं विकास के लिये बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय में गोवंश विकास संस्थान की स्थापना की जायेगी.
2024-25 तक सात हजार गांवों को दुग्ध सहकारी समितियों से आच्छादित किया जाना है. इसमें 40 फीसद महिला दुग्ध समितियों का गठन किया जायेगा. एक हजार समितियों के गठन की प्रक्रिया चल रही है. सभी नगर निकाय- प्रखंड स्तर पर सुधा उत्पादों की बिक्री केंद्र खोले जा रहे हैं. मुर्गी – मछली पालन को बढ़ावा देगी. चौर क्षेत्र का विकास बड़े पैमाने पर किया जायेगा. तालाबों- पोखरों एवं बड़े जलाशयों में मछली पालन की योजनां केंद्र में रहेंगी. 6.83 लाख टन मत्स्य उत्पादन कर बिहार देश का चौथा राज्य हो गया है. राज्य में प्रतिव्यक्ति मत्स्य की उपलब्धता 9.60 किग्रा है. 2025 तक 30.10 करोड़ से शहरी- ग्रामीण क्षेत्रों में विपणन तंत्र विस्तारित किया जायेगा.
लॉकडाउन में 2970.54 टन दुग्ध चूर्ण वितरित
वित्तीय वर्ष 2021- 22 में लॉकडाउन की अवधि में 2970.54 टन दुग्ध चूर्ण की आपूर्ति की गयी. आंगनबाड़ी केंद्रों के बच्चों को दुग्ध चूर्ण ‘ पोषक सुधा ‘ के 200 ग्राम के पैकेट प्रत्येक बच्चे के लिये होम डिलीवरी के रूप में हर महीने उपलब्ध कराया गया. इसके अलावा कोरोना संक्रमित व्यक्तियों के लिये बनाये गये क्वारंटाईन केंद्रों में भी काम्फेड से दुग्ग्ध चूर्ण की आपूर्ति की गयी.
विभाग की उपलब्धि
वित्तीय वर्ष 2008 से 2020- 21 की तुलना करें तो दूध का उत्पादन 57.67 लाख टन से बढ़कर 115.02 टन हो गया है. अंडा का वार्षिक उत्पादन 10667 लाख प्रतिवर्ष से बढ़कर 30132.15 लाख पर पहुंच गया है. 192 लाख पशुओं का टीकाकरण तथा 189 लाख पशुओं का ईयर टैगिंग किया. 2019-21 तक 6116 खटाल (डेयरी फार्म) पर 7172.06 लाख अनुदान दिया. 150 नये विपणन केंद्र की स्थापना की गयी.