बजट 2023: बिहार के कारोबारी भी महंगाई की मार से त्रस्त, जानिए समस्या व नरेंद्र मोदी सरकार से उम्मीदें..
केंद्र सरकार के द्वारा पेश किए जाने वाले बजट 2023 से कारोबारियों को भी काफी उम्मीदें है. नरेंद्र मोदी सरकार से वो किन क्षेत्रों में राहत की उम्मीद रखते हैं. जानिए प्रभात खबर से बातचीत और संभावनाएं व अपेक्षा...
Union Budget 2023: 1 फरवरी को केंद्र सरकार अपना बजट (Budget 2023) पेश करेगी. आगामी केंद्रीय बजट 2023-24 में आम लोगों से लेकर कारोबारियों को भी कई संभावनाओं की उम्मीदें रहेंगी. कोरोनाकाल ने जनजीवन को पटरी से काफी नीचे धकेल दिया है और अब इससे धीरे-धीरे लोग उबर रहे हैं. वहीं कुछ कारोबारियों की राय प्रभात खबर ने ली है कि उनकी क्या अपेक्षाएं हैं. आप भी जानिए.
निर्माण सामग्री के दामों में हो रही बढ़ोतरी से परेशान
भागलपुर के कारोबारी अनिल खेतान रियल इस्टेट कारोबारी हैं. निर्माण सामग्री के दामों में हो रही बढ़ोतरी उनकी बड़ी चिंता है. खेतान कहते हैं कि पिछले साल भी निर्माण सामग्री की कीमत बढ़ी थी, जो पहले की कीमत पर नहीं लौटी. रियल इस्टेट क्षेत्र में महंगाई की मार है और इसपर नियंत्रण लगाना जरुरी है.
टेक्सटाइल इंडस्ट्री को भी उम्मीदें
टेक्सटाइल चैंबर ऑफ कॉमर्स के उपाध्यक्ष सुनील जैन कहते हैं कि देश के सबसे बड़े सेक्टर टेक्सटाइल में हाथ से बुने कपड़े से लेकर मिल तक शामिल है. सिंगल फैसिलिटी सेंटर बनाया जाना चाहिए. इससे टेक्सटाइल एक्सपोर्ट इंडस्ट्री को मदद मिलेगी. विदेशी खरीदार अधिक सहूलियत और बेहतर तरीके से ट्रांजेक्शन कर सकेंगे.
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इन तीन क्षेत्रों को भी प्रोत्साहन की जरुरत, बढ़ेंगे रोजगार के अवसर
क्रेडाई के अध्यक्ष आलोक अग्रवाल कहते हैं कि वित्त मंत्री को तीव्र विकास, संरचनात्मक सुधार और रोजगार के अवसर पैदा करने की चुनौती रहेगी. मैनुफक्चरिंग, रियल स्टेट और निर्यात ऐसे क्षेत्र हैं जो बड़े स्तर पर रोजगार सृजन करते हैं. इन्हें प्रोत्साहन की जरुरत है.
करोबारियों की चिंता व उम्मीदें
मसाला कारोबारी राकेश रंजन केसरी कहते हैं कि बजट में जरुरी खाद्य पदार्थों पर टैक्स की छूट होनी चाहिए. ताकि गरीबों पर इसका भार नहीं पड़े. रोजमर्रा के व्यवहार आनेवाली खाद्य सामग्री गरीबों की पहुंच में रहे. महंगाई पर नियंत्रण जरुरी है. वहीं कारोबारी नवीन चिंटु कृषि में उपयोग होने वाली मशीन, आटा मिल, धान मिल, तेल मिल के बारे में कहते हैं कि ये अभी 18 % GST के दायरे में है. इसे कम करना चाहिए. यानी कारोबारियों को इस बार बजट से काफी उम्मीदें रहेंगी.
Posted By: Thakur Shaktilochan