बिहार का 2023-24 के बजट का आकार पहुंच सकता है 2.60 लाख करोड़ तक, रोजगार के साथ इन मुद्दों पर रहेगा फोकस

बिहार में चालू वित्तीय वर्ष का बजट आकार 2.37 लाख करोड़ है. जो वर्ष 2021-22 की तुलना में 10 फीसदी अधिक है. अगले वित्तीय वर्ष के बजट आकार में 10-15 फीसदी की बढ़ोतरी होने की संभावना है. अगर बजट आकार में 10 फीसदी बढ़ोतरी होती है तो यह बढ़कर करीब 2.60 लाख करोड़ हो जाएगा.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 18, 2023 3:14 AM
an image

वित्त विभाग में अगले वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट की तैयारी अंतिम चरण में है. बजट शाखा के अधिकारी और कर्मचारी जोड़-घटाव में लगे हुए हैं. कहां से कितनी राशि आएगी और कहां कितना खर्च होगा इसकी माथापच्ची में लगे हुए हैं. महागठबंधन सरकार के फोकस एरिया को देखते हुए बजट में राशि का प्रावधान किया जा रहा है. अगले वित्तीय वर्ष का बजट आकार चालू वित्तीय वर्ष 2022-23 की तुलना में काफी बड़ा होने की संभावना है.

बजट आकार में 10-15% की बढ़ोतरी होने की संभावना

चालू वित्तीय वर्ष का बजट आकार 2.37 लाख करोड़ है. जो वर्ष 2021-22 की तुलना में 10% अधिक है. अगले वित्तीय वर्ष के बजट आकार में 10-15% की बढ़ोतरी होने की संभावना है. अगर बजट आकार में 10% बढ़ोतरी होती है तो यह बढ़कर करीब 2.60 लाख करोड़ और यदि 15% की बढ़ोतरी होती है तो यह बढ़कर 2.72 लाख करोड़ होने की संभावना है. इसमें स्थापना एवं प्रतिबद्ध मद में व्यय 1.37 लाख करोड़ से बढ़कर 1.60 से 1.70 लाख करोड़ तक हो सकती है.

बजट में रोजगार के साथ-साथ शिक्षा,स्वास्थ्य और कृषि पर मुख्य फोकस

बजट में रोजगार के साथ-साथ शिक्षा, स्वास्थ्य और कृषि पर मुख्य फोकस रहेगा. चालू वित्तीय वर्ष 2022-23 और 2021-22 का बजट चालू वित्तीय वर्ष 2022-23 का बजट आकार 2.37 लाख करोड़ है. जिसमें योजना यानी स्कीम मद में एक लाख करोड़ और स्थापना एवं प्रतिबद्ध मद में 1.37 लाख करोड़ का प्रवधान किया गया है. जिसमें वेतन मद के लिए 64788 करोड़ का प्रावधान है.

Also Read: बजट सत्र से पहले बिहार विधानसभा को किया जाएगा दुरुस्त, सदस्यों के लिए लगेगा नया माइक, जानिए और क्या होगा बेहतर

बजट प्रावधान में लगातार वृद्धि हो रही

वहीं, वर्ष 2021-22 के कुल बजट व्यय का आकार 2.18 लाख करोड़ है जिसमें राज्य के विकास योजना मद में एक लाख करोड़ और स्थापना और प्रतिबद्ध व्यय मद में 1.17 लाख करोड़ है. इसमें साल दर साल शिक्षा, स्वास्थ्य और कृषि के लिए बजट प्रावधान में लगातार वृद्धि हो रही है.

Exit mobile version