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Bihar Budget : बिहार में बढ़ा वन क्षेत्र, नये जल स्रोतों का हुआ निर्माण, छह हजार तालाब हुए पुनर्जीवित

आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार 2020-21 में लगभग 4436 हेक्टेयर वनक्षेत्र को मृदा और नमी संरक्षण कार्य के तहत बेहतर बनाया गया.

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 28, 2022 12:16 PM

पटना. जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत मार्च 2022 तक मनरेगा के माध्यम से करीब दो करोड़ पौधे राज्य में लगाये जायेंगे. 2021-22 में राज्य में पांच करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य है. नवंबर 2021 तक 3.88 करोड़ पौधे लगाए जा चुके हैं. 2020-21 के लिए 2.51 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य तय किया गया था, लेकिन लक्ष्य से बढ़कर 3.92 करोड़ पौधे लगाए गए.

यह जानकारी 2021-22 के बिहार आर्थिक सर्वेक्षण में सामने आयी है. इसे उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने शुक्रवार को विधानमंडल के बजट सत्र की शुरुआत के बाद विधान परिषद के विस्तारित भवन के सभागार में आयोजित आयोजित संवाददाता सम्मेलन में सार्वजनिक किया.

आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार 2020-21 में लगभग 4436 हेक्टेयर वनक्षेत्र को मृदा और नमी संरक्षण कार्य के तहत बेहतर बनाया गया. इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए 439.64 लाख पौधे प्राप्त करने के लिए 275 विभागीय पौधशालाओं और 365 किसान पौधशालाओं की स्थापना की गई थी.

मनरेगा के जरिए 2020-21 में 6097 तालाबों को पुनर्जीवित किया गया. सोख्ता गड्ढों, पुनर्भरण ढांचों और अन्य जल संग्रहण ढांचों, सार्वजनिक नलकूपों के निकाले गए पानी को बर्बाद होने से बचाने के लिए प्रयास किया जा रहा है. ग्राउंड वाटर लेवल संतुलित बनाए रखने के लिए ऐसे ढांचों का निर्माण जरूरी है. वर्ष 2020-21 में कुल 85 हजार 233 सोख्ता बनाए गये.

नए जल स्रोतों का निर्माण

मनरेगा के तहत 2020-21 में चिन्हित व्यक्तिगत लाभार्थियों की जमीनों पर 4952 तालाब बनाए गए. छोटी नदियों और बड़े नालों तथा पहाड़ी क्षेत्रों के जलग्रहण क्षेत्रों में चेक डैम सहित अन्य संरचनाएं बनायी गयीं. इनका निर्माण पानी का नुकसान रोकने और उस पानी को सिंचाई के काम में उपयोग के लिए 2020-21 में 1701 चेक डैम बनाए गए. सरकारी भवनों की छतों पर 1326 वर्षा जल संग्रहण ढांचों का निर्माण किया गया जिससे कि वर्षा जल बर्बाद नहीं हो.

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