Bihar Budget : राष्ट्रीय औसत से कम रहा बिहार में शिशु मृत्यु दर, सूबे के लोगों की औसत उम्र भी एक साल बढ़ी

राज्य के लोगों की औसत जीने की उम्र 69.1 साल हो गयी है. 2010-14 में यह 68.1 साल रही है. पुरुषों की तुलना में महिलाओं की उम्र कम है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 28, 2022 7:01 AM

पटना. राज्य में प्रति हजार पर शिशु मृत्यु दर राष्ट्रीय औसत से कम है. राष्ट्रीय औसत प्रति हजार पर 30 है. जबकि बिहार में यह 29 आंकी गयी है. राज्य में संस्थागत प्रसव छह सालों में 10.2 प्रतिशत की बढोतरी हुई है. 2014-15 के 14.98 लाख से बढ़ कर 2019-20 में 16.47 लाख हो गयी है.

औसत उम्र बढ़ गयी एक साल, अब 69.1 साल औसत उम्र

राज्य के लोगों की औसत उम्र एक साल बढ़ गयी है. अब राज्य के लोगों की औसत जीने की उम्र 69.1 साल हो गयी है. 2010-14 में यह 68.1 साल रही है. पुरुषों की तुलना में महिलाओं की उम्र कम है. 2014-18 के आंकड़ों के अनुसार पुरुषों की औसत उम्र 69.4 आंकी गयी है. जबकि महिलाओं की औसत उम्र 68.7 आंकी गयी.

राष्ट्रीय स्तर पर करीब डेढ़ साल की बढ़ाेतरी हुई है. 2010-14 में राष्ट्रीय स्तर पर औसत जीने की संभावना 67.9 वर्ष रही थी. यह बढ़ कर 2014-18 में बढ़ कर 69.4 हो गयी है. राज्यों में देखा जाये तो बिहार से अधिक औसत उम्र सीमा यूपी में पायी गयी है. यहां औसत उम्र 70.9 है. जबकि छत्तीसगढ़ में 65.2,झारखंड में बिहार की तरह 69.1, मध्य प्रदेश में 66.5, ओड़िसा में 69.3, राजस्थान में 68.7 और उतराखंड में 65.3 औसत उम्र है.

आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक बिहार में 2036 तक सबसे अधिक 15 से 59 वर्ष के उम्र वालों की कार्यशील आबादी हो जायेगी. कार्यशील आबादी का 2011 में हिस्सेदारी बिहार में 53.5 प्रतिशत रही. 2036 में यह बढ़ कर 61.4 प्रतिशत हो जाने का अनुमान है. दूसरी ओर बुजुर्ग आबादी का हिस्सा धीमी गति से बढ़ेगा.

राज्य में बुजुर्गों की आबादी 2011 में 6.3 प्रतिशत रही है. 2036 में यह बढ़ कर यह कुल आबादी का 10.9 प्रतिशत हो जायेगा. राज्य में यह बढ़ोतरी 4.6 प्रतिशत की होगी. जबकि, राष्ट्रीय स्तर पर यह बढ़ोतरी 6.6 प्रतिशत की दर से होगा.

Next Article

Exit mobile version