Bihar Budget Session: बिहार विधानसभा के बजट सत्र का आज आठवां दिन है. समझा जा रहा है कि आज का दिन भी हंगामेदार होगा. एक तरफ सत्ता पक्ष भाजपा और केंद्र सरकार पर एजेंसियों के गलत इस्तेमाल, फंड में कमी आदि मुद्दों पर घेरेगी. वहीं, भाजपा सरकार को अपराध, बिहार में शिक्षक बहाली, आदि मुद्दों पर राज्य सरकार पर हमला करेगी. सोमवार को भी विधान परिषद में भाजपा के जनक राम ने 2023-24 के बजट पर सामान्य वाद-विवाद पर चर्चा में भाग लेते हुए कटाक्ष किया कि प्रदेश के शिक्षा मंत्री विभाग नहीं, अपना राजनीतिक एजेंडा चलाने में व्यस्त हैं. जनक राम ने कहा कि पिछले करीब तीन दशक से शिक्षा विभाग राजद और जदयू के ही शिक्षा मंत्री रहे हैं. प्रदेश की शिक्षा बदहाली के दौर से गुजर रही है.
जनक राम ने बताया कि शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह खराब दौर से गुजर रही है. उन्होंने प्रदेश में चीनी मिलों विशेषकर गोपालगंज की चीनी मिलों के बंद होने पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि उनके कर्मचारियों को अभी भी वेतन नहीं मिला है. उन्होंने मांग रखी कि रविदास मोचियों के लिए दुकानों के आवंटन में जगह दी जाये.
सर्वेश कुमार ने कहा कि बजट में कृषि के लिए बजटीय प्रावधान बेहद कम है. इसे बढ़ाये जाने की जरूरत है. साथ ही प्रदेश के दुधारू पशुओं के दूध उत्पादन को बढ़ाने के लिए काम करने की जरूरत है. डाॅ प्रमोद कुमार ने कहा कि पेश किया गया बजट आम लोगों की भलाई वाला नहीं है. लोगों की क्रय शक्ति में कमी आयी है. जदयू के विजय कुमार सिंह ने बजट की तारीफ करते हुए कहा कि इससे विकास को गति मिलेगी.
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विधान परिषद में सोमवार को पंचायत प्रतिनिधियों के वेतनमान बढ़ाने की मांग उठी. विधान पार्षदों ने सदन में मौजूद वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी की प्रशंसा करते हुए आग्रह किया कि इस बारे में वह सहयोग करें. दरअसल, इन लोगों का कहना था कि हम पंचायत प्रतिनिधियों से चुने हुए 24 लोग आते हैं. अगर पंचायत प्रतिनिधियों का वेतन भत्ताबढ़ जायेगा तो हम लोगों को उनके बीच जाने में आसानी होगी. अन्यथा असहज स्थिति बन जाती है. इस पर वित्त मंत्री चौधरी ने बड़ा ही रोचक जवाबदिया. कहा कि एक मंत्री का समझदार होना इतना मायने नहीं रखता, जितना कि आप लोगों का चुन कर आना. आप 24 लोग चुन कर आते रहें, ऐसी मेरी शुभकामना है. विजय सिंह मांग रखी थी पंचायत प्रतिनिधियों के वेतन बढ़ाये जायें. उनकी इस मांग का समर्थन कई विधान पार्षदों ने किया.