Bihar Budget : तारकिशोर आज पेश करेंगे बिहार का बजट, शिक्षा व रोजगार पर रहेगा फोकस
चालू वित्तीय वर्ष का बजट दो लाख 18 हजार करोड़ रुपये का है. पिछले वित्तीय वर्ष 2020-21 का बजट दो लाख 11 हजार करोड़ रुपये का था. इस वर्ष बजट आकार में 10 फीसदी के कम बढ़ोतरी की आशंका है.
पटना. वित्तमंत्री तारकिशोर प्रसाद सोमवार को बिहार का बजट पेश करेंगे. तारकिशोर प्रसाद दूसरी बार बजट पेश करेंगे. इस बार राज्य के बजट में शिक्षा, रोजगार और आधारभूत संरचना पर खासतौर से फोकस रहेगा. राज्य सरकार पूंजीगत व्यय पर विशेष तौर पर ध्यान देगी, जिसका प्रभाव स्पष्ट तौर पर नये वित्तीय वर्ष 2022-23 के बजट पर दिखेगा. केंद्र सरकार ने इस बार एक लाख करोड़ का ‘कैपेक्स’ फंड बनाया है.
इससे बिहार को केंद्रीय पुल से मिलने वाली राज्य शेयर की हिस्सेदारी के बराबर राशि यानी 10.56 प्रतिशत (करीब 11 हजार करोड़ रुपये) तक ब्याज मुक्त ऋण के तौर पर 50 वर्ष के लिए मिल जायेगी. इस राशि का उपयोग सिर्फ योजना या पूंजीगत व्यय में ही कर सकते हैं.
ऐसे में राज्य को अपनी योजनाओं खासकर आधारभूत योजनाओं को गति देने में अतिरिक्त सहायता मिल सकेगी. इसके अलावा नये बजट में कोरोना को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य सेक्टर के लिए भी कुछ खास प्रावधान किये जा सकते हैं. जल-जीवन-हरियाली और कृषि रोडमैप के लिए पहले से तय प्रावधानों के तहत राशि दी जायेगी.
बजट आकार में 10 फीसदी के कम बढ़ोतरी
चालू वित्तीय वर्ष का बजट दो लाख 18 हजार करोड़ रुपये का है. पिछले वित्तीय वर्ष 2020-21 का बजट दो लाख 11 हजार करोड़ रुपये का था. पिछले दोनों वित्तीय वर्ष कोरोना से प्रभावित होने से इनमें महज सात हजार करोड़ की बढ़ोतरी हुई थी. हालांकि, इस बार स्थिति पिछले वित्तीय वर्षों से बेहतर है, लेकिन उतनी भी बेहतर नहीं है.
पिछली बार और इस बार के लॉकडाउन की वजह से आर्थिक गतिविधि कुछ महीनों के लिए प्रभावित हुई है. इस वजह से बजट आकार में 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी होने की संभावना कम है. इस बार का बजट आकार दो लाख 20 से 25 हजार करोड़ रुपये के आसपास रहने की संभावना है.
इस बार के बजट में गैर-योजना या प्रतिबद्ध व्यय का आकार योजना या पूंजीगत व्यय की तुलना में अधिक हो जायेगा. इसके मौजूदा आकार एक लाख 17 हजार करोड़ से बढ़ कर एक लाख 27 या 29 हजार करोड़ रुपये तक होने की संभावना है.
इस बार 90 फीसदी से ज्यादा खर्च हो जायेगी राशि
चालू वित्तीय वर्ष की अंतिम तिमाही में आर्थिक गतिविधि एकदम तेज होने से टैक्स संग्रह बेहतर हुआ है. इस कारण इस बार के कुल बजट आकार दो लाख 18 हजार करोड़ रुपये में दो लाख 11 हजार करोड़ यानी करीब 91 फीसदी तक राशि खर्च होने का अनुमान लगाया जा रहा है. पिछले वित्तीय वर्ष के योजना आकार में एक लाख 66 हजार करोड़ रुपये खर्च हो पाये थे.