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मुजफ्फरपुरः बिजनेस कनेक्ट कार्यक्रम में कागजी प्रक्रिया पूरी, 800 करोड़ से लगेगा 2जी इथेनॉल प्लांट

राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के लिए इस तरह की परियोजना बेहद जरूरी है. इससे मक्का किसानों को भी फायदा होगा. दो दिनों तक चलने वाले इस कार्यक्रम में मुजफ्फरपुर के लिए और भी ब्रांडेड कंपनी के साथ एमओयू होने की उम्मीद है.

मुजफ्फरपुर में इथेनॉल प्लांट का हब बनने की ओर तेजी से बढ़ रहा है. जिले में एक और 2जी इथेनॉल प्लांट लगाया जायेगा. यहां बढ़ रहे इंडस्ट्री को लेकर पटना से अच्छी खबर सामने आयी है. बिहार बिजनेस कनेक्ट कार्यक्रम के ग्लोबल मीट के दौरान बुधवार को इथेनॉल प्लांट के लिए समझौता ज्ञापन (एमओयू ) पर हस्ताक्षर की प्रक्रिया पूरी की गयी. संबंधित कंपनी से जुड़े एपी सिन्हा ने खुद यह जानकारी साझा की है. उन्होंने बताया है कि यह प्रोजेक्ट 800 करोड़ रुपये की होगी.

वहीं 100 केएलपीडी टूजी इथेनॉल प्लांट को लेकर बिहार सरकार के साथ समझौता किया गया है. इसके तहत हमारे उत्पादों को एग्रो वेस्ट का मूल्य मिलने के साथ पेट्रोलियम में इथेनॉल मिश्रण के लक्ष्य को पूरा करता है. उन्होंने यह भी कहा है कि राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के लिए इस तरह की परियोजना बेहद जरूरी है. इससे मक्का किसानों को भी फायदा होगा. दो दिनों तक चलने वाले इस कार्यक्रम में मुजफ्फरपुर के लिए और भी ब्रांडेड कंपनी के साथ एमओयू होने की उम्मीद है. एमओयू के समय उद्योग विभाग के अपर मुख्य सचिव संदिप पौंड्रिक के साथ कई अधिकारी उपस्थित थे.

पहले से दो प्लांट चालू है, एक निर्माणाधीन

मुजफ्फरपुर में पहले से मोतीपुर इलाके में दो इथेनॉल प्लांट चालू है. इससे उत्पाद शुरू हो चुका है. एक ब्रांडेड कंपनी बायोफ्यूल प्लांट लगा रही है, जो निर्माणधीन है. हाल में संबंधित कंपनी के एमडी का उद्योग विभाग की ओर से एक वीडियो भी जारी किया गया था. इसमें उन्होंने बताया था कि इस प्लांट को लेकर बिहार व विभाग के अधिकारियों के साथ उनका अनुभव अच्छा रहा है. बिहार बिजनेस कनेक्ट कार्यक्रम को लेकर जानकारी दी थी कि यहां निवेश के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर भी डेवलप हो चुका है. अन्य उद्यमियों को भी प्लांट लगाने के लिए प्रोत्साहित किया था. दो और नये इथेनॉल प्लांट लगने के बाद क्षेत्र में रोजगार की संभावना काफी बढ़ जायेगी.

क्या है टूजी इथेनॉल प्लांट

2जी इथेनॉल उत्पादन से पर्यावरण अनुकूल ईंधन मिलता है, जो परिवहन व्यवस्था को कार्बन मुक्त करने में मदद करेगा. वहीं यह कृषि उत्पादन के लिए बेहतर उपयोग हो सकेगा, क्योंकि ये केवल खाद्यान्न भागों के बजाय पूरे पौधों में उपयोग होगा.

 मुजफ्फरपुर स्थित बेला स्थित बियाडा औद्योगिक क्षेत्र में जल्द ही विदेशी कंपनियों की यूनिट खुलेगी. बुधवार को बिहार बिजनेस कनेक्ट कार्यक्रम के तहत ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में शामिल होने वाले ब्रांडेड कंपनियों के प्रतिनिधि मुजफ्फरपुर पहुंचे. बेला में निरीक्षण के लिए पहुंचे कुल 60 निवेशकों में से 15 विदेशी कंपनियों के थे. बियाडा के उप महाप्रबंधक रवि रंजन प्रसाद के नेतृत्व में प्रतिनिधियों ने सबसे पहले बैग क्लस्टर को देखा. कैसे बैग तैयार होता है, फिलहाल कितने लोग उत्पादन से जुड़े हैं, मार्केटिंग की क्या व्यवस्था है. इस संबंध में बाहर से आये प्रतिनिधियों ने पूछताछ की.

इसके बाद सभी प्रतिनिधियों को टेक्सटाइल क्लस्टर को घुमाया गया. काम कर रहे लोगों से भी बाहर से आये निवेशकों ने बात की. रोड कनेक्टिविटी से लेकर एक्सपोर्ट की व्यवस्था के बारे में जानकारी हासिल की. देश व विदेश से आये हुए निवेशक संचालित यूनिट को देख कर काफी उत्साहित थे. वहीं आने वाले दिनों में यूनिट लगाने को लेकर इच्छा भी जतायी. बियाडा के उप महाप्रबंधक ने बताया कि बाहर से आये सभी निवेशकों ने काफी तारीफ की. इस दौरान जीविका की डीपीएम अनिशा गांगुली भी मौजूद थी.

अमेरिका से लेकर सउदी अरब के निवेशक पहुंचे

पटना में शुरू हुए बिजनेस कनेक्ट कार्यक्रम के तहत ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के पहले दिन ही विदेश से पहुंचे निवेशकों को मुजफ्फरपुर घुमाया गया. इसमें भारत के अलावा अमेरिका, ताइवान, जापान, जर्मनी, सउदी अरब, रूस, नीदरलैंड, हंगरी, बांग्लादेश, वियतनाम और उज्बेकिस्तान समेत कई देशों के निवेशक शामिल हुए. पटना समिट में भारतीय व्यापारिक घरानों के प्रतिनिधियों समेत कुल 600 इन्वेस्टर्स ने हिस्सा लिया है. पटना में मुजफ्फरपुर से 12 यूनिटों के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर हुए हैं.

उद्योग का मॉडल बन चुका है मुजफ्फरपुर

पिछले वर्ष दिसंबर माह में ही बेला औद्योगिक क्षेत्र में बैग क्लस्टर की शुरुआत हुई थी. उसके बाद प्लग एंड प्ले योजना के तहत इंड्रस्ट्रियल एरिया में नयी यूनिट की रफ्तार तेज हो गयी. बैग के बाद बेला में चार महीने पहले टेक्सटाइल क्लस्टर की भी शुरुआत हो चुकी है. इसमें परिधानों का उत्पादन हो रहा है. चॉकलेट से लेकर आइटी कंपनी तक को जगह आवंटित की गयी है. इसी वजह से बीते एक वर्ष में बाहर से आने वाले प्रतिनिधियों को यहां के डेवलपमेंट के बारे में दिखाया जाता है. दूसरी मेगा फूड पार्क, लेदर पार्क, इथेनॉल प्लांट को लेकर भी उद्योग में जिले की दावेदारी मजबूत हुई है.

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