बिहार बिजनेस कनेक्ट 2023: जल्द पूरा होगा औद्योगिक बिहार का सपना, पहले सत्र में ही हुए चार एमओयू
मंत्रियों ने कहा कि बिहार में निवेश के अनुकूल माहौल है. राज्य सरकार निवेशकों को हर संभव मदद दे रही है. इस पर देश और विदेश के निवेशकों इस तरह के आयोजन की तारीफ करते हुए बिहार में निवेश की इच्छा जाहिर की है. इस दौरान चार कंपनियों ने राज्य सरकार के साथ करीब 900 करोड़ रुपये का एमओयू किया है.
पटना. बिहार बिजनेस कनेक्ट 2023 के तीसरे सत्र में ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव, सूचना एवं जनसंपर्क सह जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा सहित उद्योग विभाग के अधिकारियों ने निवेशकों से बिहार में निवेश की अपील की है. सभी ने अपने-अपने संबोधन में कहा है कि बिहार में निवेश के अनुकूल माहौल है. राज्य सरकार निवेशकों को हर संभव मदद दे रही है. इस पर देश और विदेश के निवेशकों इस तरह के आयोजन की तारीफ करते हुए बिहार में निवेश की इच्छा जाहिर की है. इस दौरान चार कंपनियों ने राज्य सरकार के साथ करीब 900 करोड़ रुपये का एमओयू किया है.
उद्योग के लिए जो चाहिए वो सब अब बिहार में मौजूद
इस समारोह में ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि उद्योग लगाने के मूलभूत आवश्यकताओं में परिवहन, ऊर्जा और पानी शामिल है. बिहार तीनों क्षेत्र में समृद्ध है. वाजपेयी सरकार में मंत्री रहने के दौरान नीतीश कुमार के कार्यकाल में ही इस्ट-वेस्ट कॉरिडोर बना जो बिहार में करीब 400 किमी लंबाई में गुजरता है. वहीं गोल्डन कोरिडोर के अंतर्गत दक्षिण बिहार से सड़कें गुजरती हैं. यहां हिमालय से निकलने वाली सात नदियां हैं, जिनसे पानी की कमी नहीं है. ऊर्जा के क्षेत्र में इस साल करीब 7200 मेगावाट की बिजली की मांग को पूरा किया गया. इसका आगे भी विस्तार होगा. यहां मानवबल उपलब्ध है. एमएस स्वामीनाथन ने कहा था कि पूर्वी भारत में साल में तीन फसलें होती हैं. अगली कृषि क्रांति पूर्वी भारत में होगी. यहां बांस, मकई और मखाना की बहुलता है. मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने अपराध की घटनाओं की तरफ इशारा कर कहा कि कुछ घटनाएं तो अमेरिका में भी होती हैं.
करीब 10-15 साल पहले निवेश के लिए नहीं थी आधारभूत सुविधा
सूचना एवं जनसंपर्क सह जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने कहा कि बिहार में करीब 10-15 साल पहले निवेश के लिए आधारभूत सुविधा नहीं थी. अब यहां सभी जरूरी आधारभूत सुविधा उपलब्ध है. सड़क नेटवर्क का उस दौर के मुकाबले 130 फीसदी से अधिक विस्तार हो चुका है. बिजली उपलब्ध है. यहां का विकास दर लगातार दो अंकों में है. यहां 35 साल से कम उम्र के करीब 53 फीसदी युवा हैं. राज्य सरकार की उद्योग नीति बेहतर है, जिससे निवेशकों को हर संभव मदद मिल रही है. कृषि क्षेत्र में यहां क्रांति हो चुकी है. दरभंगा जैसे जगह में एयरपोर्ट बनने से पहले ऐसा समझा जाता था कि वहां से कौन यात्रा करेगा. आज वहां भी टिकट के लिए मारामारी है. बिहार के पास ही नेपाल, बंगलादेश और भूटान होने से एक बड़ा बाजार मौजूद है. ऐसे में बिहार निवेशकों के लिए पूरी तरह तैयार है.
एसीएस ने दिया प्रजेंटेशन
उद्योग विभाग के अपर मुख्य सचिव (एसीएस) संदीप पौंड्रिक ने इस कार्यक्रम में प्रजेंटेशन के माध्यम से बिहार में निवेश के लिए मौजूद सभी आधारभूत सुविधाओं की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि यहां औद्योगिक जमीन का बैंक करीब तीन हजार एकड़ में है. चार से आठ रुपये प्रति वर्ग फीट प्रति माह की दर से प्लग एंड प्ले की सुविधा उपलब्ध है. यह मुजफ्फरपुर, बिहटा, रोहतास, बेतिया सहित अन्य जगहों पर उपलब्ध है. यहां मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक पार्क फतुहा और गया के डोभी में उपलब्ध है. बिहार की विकास दर 2022-23 में 10.9 फीसदी रही. राज्य सरकार ने आधारभूत सुविधाओं के लिए पिछले एक साल में करीब दो हजार करोड़ रुपये खर्च किये. इस कार्यक्रम की शुरुआत उद्योग निदेशक पंकज दीक्षित ने की. इसे निवेशकों ने भी संबोधित किया.
इन्होंने किया एमओयू
चार कंपनियों ने राज्य सरकार के साथ एमओयू किया. इसमें निलियस प्री कोटेड स्टील प्रालि की परियोजना लागत 600 करोड़ रुपये थी. हाइडा ग्रुप इंडस फार्मर्स कंपनी लिमिटेड की परियोजना लागत 100 करोड़ रुपये थी. ब्रेवो फार्मा की परियोजना लागत 100 करोड़ रुपये थी. साथ ही पाइनेक्स स्टील की परियोजना लागत 100 करोड़ रुपये थी.
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