बिहार बिजनेस कनेक्ट: फूड प्रोसेसिंग सेक्टर में हुआ जमकर निवेश, गोदरेज समेत इन कंपनियों ने किया कारोबारी समझौता
उद्योग विभाग के अपर मुख्य सचिव संदीप पौंड्रिक ने कहा कि हाल के समय में बिहार ने फूड प्रोसेसिंग सेक्टर में काफी प्रगति की है. वर्ल्ड फूड इंडिया 2023 में राज्यों की श्रेणी में बिहार को पहला स्थान प्राप्त हुआ था. फूड प्रोसेसिंग के लिए राज्य में रॉ मेटेरियल्स की प्रचुरता है.
पटना. खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के लिए विभिन्न जिलों से 15 प्रमुख उद्योगों के साथ 10305 करोड़ समझौता हुआ. पटेल एग्री इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड ने सबसे बड़ी राशि 5,230 करोड़ के निवेश करेगी, जबकि देव इंडिया प्रोजेक्ट और स्प्रे इंजीनियरिंग डिवाइसेज लिमिटेड क्रमशः 1,600 करोड़ और 800 करोड़ रुपये के निवेश से इस क्षेत्र में अपनी मौजूदगी दर्ज कराने जा रही हैं. वरुण बेवरेजेज लिमिटेड 674.19 करोड़, चंद्रिका पावर प्राइवेट लिमिटेड 307.00 करोड़, गोल्डन ट्यूलिप रिटेल प्राइवेट लिमिटेड 300 करोड़, अरो सुंदरम इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड 250 करोड़, एमएस एपिक एग्रो प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड 246.48 करोड़, अनमोल इंडस्ट्रीज 200 करोड़, एसबीजे फूड्स प्राइवेट लिमिटेड 200 करोड़, वेस्टवेल बायोरेफिनेरीज प्राइवेट लिमिटेड 150 करोड़, सोना बिस्कुट्स लिमिटेड 147.24 करोड़, आरएस इन्फ्राटेक लिमिटेड 100 करोड़, एससीआइ इंडिया लिमिटेड 100 करोड़ और गोयल इंडस्ट्रीज 90 करोड़ शामिल हैं.
फूड प्रोसेसिंग सेक्टर में निवेश के लिए बिहार सबसे उपयुक्त डेस्टिनेशन
विकास आयुक्त विवेक कुमार सिंह ने कहा कि फूड प्रोसेसिंग सेक्टर में निवेश के लिए बिहार सबसे उपयुक्त डेस्टिनेशन है. इसके लिए उन्होंने फाइव पी का उल्लेख किया है.पहला पी राज्य सरकार द्वारा फूड प्रोसेसिंग क्षेत्र के लिए बनायी गयी पॉलिसी है. उद्यमियों के लिए कई तरह की सुविधा और प्रोत्साहन सरकार दे रही है. दूसरा पी, पोटेंसियल है. बिहार में इस सेक्टर के लिए सीड उत्पादन से लेकर फाइनल उत्पाद तक के लिए स्कोप है. वहीं बिहार की जनसंख्या यानी पोपुलेशन को तीसरा पी बताते हुए उन्होंने कहा कि यहां कुशल और सस्ता मानव संसाधन उपलब्ध है. विकास आयुक्त बुधवार को ज्ञान भवन में बिहार बिजनेस कनेक्ट 2023 के पहले दिन के दूसरे सत्र में फूड प्रोसेसिंग सेक्टर के निवेशकों को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि बिहार सरकार की आकर्षक नीतियों के कारण यहां उद्योग में निवेश के लिए एक बेहतर मौका है.यहां आइए और निवेश कीजिए क्यों कि यही सबसे उपयुक्त मौका है.
बिहार के क्षेत्र विशेष के कृषि उत्पादों की अपनी महत्ता : संदीप पौंड्रिक
उद्योग विभाग के अपर मुख्य सचिव संदीप पौंड्रिक ने कहा कि हाल के समय में बिहार ने फूड प्रोसेसिंग सेक्टर में काफी प्रगति की है. वर्ल्ड फूड इंडिया 2023 में राज्यों की श्रेणी में बिहार को पहला स्थान प्राप्त हुआ था. फूड प्रोसेसिंग के लिए राज्य में रॉ मेटेरियल्स की प्रचुरता है. यहां खासियत यह है कि बिहार के हर क्षेत्र में अगल-अलग तरह की कृषि उत्पादों की अपनी विशेषता है.दरभंगा,मधुबनी व सीतामढ़ी में जहां मखाने की खेती होती है,वहीं पूर्णिया, खगड़िया और कटिहार में मक्के की.नालंदा में फल और सब्जी, रोहतास,बक्सर और कैमूर में चावल का.अपर मुख्य सचिव ने कहा कि यूरोप और अमेरिका अब मखाना की महत्ता का समझ लिया है और वहां इसकी मांग लगातार बढ़ रही है.मखाना के निर्यात में भी काफी संभावनाएं हैं.
बिहार कृषि निवेश प्रोत्साहन पॉलिसी का निवेशक ले सकते हैं लाभ : संजय अग्रवाल
कृषि विभाग से सचिव संजय अग्रवाल ने कहा कि बिहार में फूड प्रोसेसिंग सेक्टर के लिए प्रचुर रॉ मटेरियल उपलब्ध है.कृषि रोडमैप के कारण बिहार ने कृषि के क्षेत्र में तेजी से विकास किया है.धान के उत्पादन में तीन गुनी बढ़ोतरी हुई है. गेहूं और मक्का की उपज अब दोगुनी हो गयी है. बिहार को लगातार कृषि कर्मण पुरस्कार मिल चुके हैं.लीची, मखाना और मशरूम के उत्पादन में बिहार देश में नंबर एक पर है. इसलिए यहां फूड प्रोसेसिंग सेक्टर में निवेश के अनुकूल स्थिति है. यहां के कृषि उत्पाद कलस्टर में संयोजित हैं, बिखरे हुए नहीं है. यह उद्यम शुरू करने के लिए बहुत फायदेमंद है. उन्होंने कहा कि बिहार में फूड प्रोसेसिंग के साथ-साथ कृषि निवेश प्रोत्साहन पॉलिसी भी है, जिसका लाभ निवेशक ले सकते हैं. कृषि विभाग के सचिव ने कहा चतुर्थ कृषि रोडमैप के पांच वर्ष में सरकार 1.60 लाख करोड़ खर्च करने जा रही है.
फूड प्रोसेसिंग में निवेश की संभावना तलाश रही है गोदरेज : राकेश स्वामी
गोदरेज ग्रुप के ग्रुप प्रेसिडेंट राकेश स्वामी ने कहा कि बिहार में फूड प्रोसेसिंग के क्षेत्र में निवेश की काफी संभावना है. कंपनी हाजीपुर में 193 करोड़ निवेश किया है और आगे भी करेगी. उन्होंने कहा कि फूड प्रोसेसिंग सेक्टर में इज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने की जरूरत है. हालांकि, राज्य सरकार इस दिशा में काम कर रही है. श्री स्वामी ने कहा कि कुल कृषि उत्पाद का 40% उत्पाद प्रोसेसिंग सुविधा नहीं होने के कारण खराब हो जाती है और उसकी कीमत 50 हजार करोड़ के करीब है.बिहार मखाना,आम और लीची जैसे उत्पादों को प्रोसेस करके अंतरराष्ट्रीय बाजार में अपनी पहुंच बढ़ा सकता है.
मुजफ्फरपुर से शुरुआत कर बने आज देश अग्रणी कंपनी
अनमोल फीड्स के मालिक अमित सरावगी ने कहा कि मेरी औद्योगिक यात्रा बिहार के मुजफ्फपुर में पॉल्ट्री फीड्स की फैक्ट्री से शुरू हुई थी. अब इसकी सात इकाइयां हैं. उद्यमियों को सब्सिडी और प्रोत्साहन देने में बिहार, देश का अग्रणी राज्य है. जिस सुविधा का वायदा करता है उसे समय पर मुहैया भी कराता है. स्नैक्स के रूप में मखाना मुझे काफी पंसद,अब लोगों को भी कहेंगे इसका उपयोग करने. अहमद मोहम्मद मुबारक नजीम संयुक्त अरब अमीरात के वरीय आर्थिक सलाहकार अहमद मोहम्मद मुबारक नजीम ने बिहार बिजनेस कनेक्ट में आमंत्रित करन के लिए राज्य सरकार दिया. कहा कि हाल ही में भारत और यूएइ के बीच एक व्यापारिक समझौता हुआ, जिससे द्विपक्षीय व्यापार के लिए एक नाया वातावरण बना है.यूएइ ने भारत से 2 मिलियन डॉलर का मखाना आयात किया है. मुझे भी स्नैक्स के रूप में मखाना काफी पसंद है और यूएइ में एक लोकप्रिय खाद्य सामग्री बनता जा रहा है.