बिहार के व्यवसायी मिथिलेश व ड्राइवर का अपहरण कर हत्या मामले का खुलासा, झारखंड पुलिस का जवान निकला मास्टरमाइंड
बिहार के औरंगाबाद व्यवसायी मिथिलेश प्रसाद और उसके ड्राइवर श्रवण प्रजापति का अपहरण कर हत्या मामले का झारखंड की पलामू पुलिस ने खुलासा किया है. इस मामले का मास्टरमाइंड झारखंड पुलिस का जवान प्रेमनाथ यादव निकला.
Jharkhand Crime News (अजीत मिश्रा, मेदिनीनगर, पलामू) : पलामू जिला की पुलिस ने बिहार के औरंगाबाद के व्यवसायी मिथिलेश प्रसाद और उनके ड्राइवर श्रवण प्रजापति का अपहरण कर हत्या मामले का खुलासा किया है. इस मामले का मास्टरमाइंड झारखंड का पुलिस जवान प्रेमनाथ यादव निकला, जो देवघर में पदस्थापित था. पुलिस ने इस मामले जवान प्रेमनाथ सहित चार अपराधियों को गिरफ्तार किया है. इस बात की जानकारी पलामू एसपी चंदन कुमार सिन्हा ने पत्रकारों को दी.
क्या है पूरा मामला
गत 25 मई को बिहार के औरंगाबाद के व्यवसायी मिथिलेश प्रसाद और उनके ड्राइवर श्रवण प्रजापति का अपहरण कर हत्या करने के बाद अपराधियों ने 10 लाख रुपये कह फिरौती ली और उसके बाद परिजनों से संपर्क बंद कर दिया. इस मामले ने पुलिस ने SIT का गठन किया था. टीम ने घटना के लगभग तीन माह बाद गढवा जिला के रमकंडा से दो नरकंकाल बरामद किया था.
पलामू एसपी चंदन कुमार सिन्हा ने बताया कि गत 25 मई, 2021 को नावाबाजार थाना क्षेत्र के कंडा घाटी में छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर से मिथिलेश प्रसाद (68 वर्ष) व उनकी पत्नी रीता देवी अपने घर बिहार के औरंगाबाद स्थित दागी बिगहा जा रहे थे. इसी क्रम में अज्ञात अपराधियों द्वारा कंडाघाटी से रात्रि में ही अपहरण कर लिया गया था. अपह्रत मिथिलेश प्रसाद एवं कार चालक श्रवण प्रजापति को अपहरणकर्ताओं ने कार को ओवरटेक कर रोक दिया एवं बहस करने के बाद दोनों व्यक्ति को अपने साथ दूसरी कार में बैठा कर ले गये, जबकि मिथिलेश प्रसाद की पत्नी रीता देवी को उसी कार में छोड़ दिया.
जब काफी देर हो गयी, तो रीता देवी ने कुछ दूर पर स्थित एक होटल वालों से मदद ली और इसकी सूचना नावाबाजार थाना पुलिस को दी. सूचना मिलते ही पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए छानबीन शुरू किया. इस दौरान एसपी श्री सिन्हा के निर्देश पर प्रशिक्षु IPS के विजय शंकर एवं विश्रामपुर SDPO सुरजीत कुमार के नेतृत्व में SIT टीम का गठन किया गया जो लगातार अनुसंधान कार्य को जारी रखा.
एसपी श्री सिन्हा ने कहा कि तकनीकी सहयोग एवं गुप्त सूचना के आधार पर पूछताछ के लिए दो लोगों को हिरासत में लिया गया. यह दोनों व्यक्ति पूर्व में इस प्रकार के कांडों में शामिल रहे हैं. इसलिए इन दोनों के साथ कड़ाई से पूछताछ की गयी, तो इनलोगों ने कंडा घाटी में अपहरण कांड में शामिल होने की बात को स्वीकार करते हुए पूरे घटनाक्रम की जानकारी देते हुए पुलिस को अपहरण कांड में शामिल अन्य सभी लोगों का नाम व पता बताया. इसकी निशानदेही पर पुलिस ने अन्य 4 लोगों को गिरफ्तार किया है.
एसपी ने बताया कि इस अपहरण कांड का मास्टरमाइंड गढ़वा जिला के रमकंडा थाना क्षेत्र के पुनदागा गांव निवासी सीताराम यादव का पुत्र प्रेमनाथ यादव है. प्रेमनाथ झारखंड पुलिस जिला बल, देवघर में कार्यरत हैं. इसके अलावे इसका ममेरा भाई अजय यादव एवं चचेरा भाई अमरेश यादव के अलावे चैनपुर थाना क्षेत्र के बूढ़ीबीर टोला बेलवाधाम निवासी शफीक अंसारी एवं इसी गांव के ओमप्रकाश चंद्रवंशी भी शामिल है.
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उन्होंने कहा कि यह गिरोह बीते कई महीनों से पलामू-गढ़वा जिला क्षेत्र में सक्रिय रहते हुए कई लूटकांडों को अंजाम दिया है. साथ ही कहा कि कंडाघाटी लूटकांड में शफीक प्रेमनाथ का दाहिना हाथ है, जो हथियार व गोली का सप्लाई करता था तथा प्रेमनाथ द्वारा बताये अनुसार काम करता था, जबकि ओम प्रकाश अपहरण किये गये व्यक्तियों को सुरक्षा प्रदान करता था. अजय यादव एवं अमरेश यादव दोनों अपहरण किये गये व्यक्तियों को खाना खिलाता एवं फिरौती की रकम लेने में प्रेमनाथ यादव के साथ रहता था. साथ ही हत्या कर शव को छुपाने का काम करता था.
एसपी श्री सिन्हा ने बताया कि रमकंडा थाना क्षेत्र के जंगली क्षेत्र से पहाड़ के बीच में श्रवण प्रजापति का कंकाल बरामद किया गया जबकि इससे 400 मीटर दूर पर स्थित एक नाला के किनारे से मिथिलेश प्रसाद का कंकाल बरामद किया गया. आरोपियों ने शव को दफना दिया था जिसे पुलिस ने गड्ढा खोदकर दोनों कंकाल को निकाला. वहां से कपड़ा और जूता भी बरामद किया.
अपहरणकर्ताओं ने मिथिलेश प्रसाद के परिजनों से लगातार दूसरे-दूसरे सिम से फोन कर फिरौती की मांग करते थे. वह भी लूटी हुई मोबाइल से ही आवाज बदल-बदल कर फिरौती की रकम मांगते थे. अपहरणकर्ताओं ने मिथिलेश प्रसाद के परिजनों को फोन कर छत्तीसगढ़ के रामानुजगंज बुलाया. उसके बाद रात होने का बहाना बनाकर पलामू जिला के हरिहरगंज थाना क्षेत्र में आने को बोला.
साथ ही यह निर्देश दिया कि सड़क किनारे एक बाइक खड़ी रहेगी जिसमें लाल रंग का कपड़ा बांधा हुआ होगा. पैसा उसी में रख देना है. उनलोगों के बताये अनुसार, परिजन हरिहरगंज थाना क्षेत्र में जाने लगे, तो अपहरणकर्ताओं ने दूर अंधेरे में छिपकर टॉर्च की रोशनी दिखा कर पैसा रखने का इशारा किया. इधर, पुलिस परिजनों के मोबाइल नंबर को लगातार सर्च कर रही थी. अपहरणकर्ता जिस-जिस मोबाइल नंबर से बात करते थे वह जांच में फर्जी निकलता था. पता चलता कि यह मोबाइल लूट की है.
एसपी ने बताया कि इनलोगों द्वारा चैनपुर, भंडारिया, रमकंडा, नावाबाजार, रेहला समेत कई क्षेत्रों में अपहरण और लूटकांड की घटनाओं को अंजाम दिया था. पुलिस ने अपहरण में शामिल लोगों के पास से अपहरण में प्रयुक्त कार, चार राइफल, 80 गोली, मोबाइल फोन, सिम के साथ एक बाइक भी बरामद किया है.
एसपी के अनुसार, अनुसंधान के क्रम में यह पता चला कि अपराधियों ने एक जून को ही दोनों की हत्या कर दी. उसके बाद 9 जून को फिरौती के रूप 10 लाख रुपये लेने के बाद अपराधियों ने परिजनों से संपर्क बंद कर दिया. प्रेस काफ्रेंस में SDPO सुरजीत कुमार, चैनपुर थाना प्रभारी उदय कुमार गुप्ता, हरिहरगंज थाना प्रभारी सुदामा कुमार दास, नावाबाजार थाना प्रभारी लालजी यादव, रामगढ़ थाना प्रभारी प्रभात रंजन राय समेत अन्य पुलिसकर्मी शामिल थे.
Posted By : Samir Ranjan.