Bihar: इन इलाकों में जमीन की खरीद-बिक्री होने वाली है महंगी, सरकार फिर से तय कर रही है रेट, देखें लिस्ट
मुजफ्फरपुर के नवगठित नगर पंचायत (सकरा, मुरौल, कुढ़नी के तुर्की, माधोपुर सुस्ता, सरैया, मीनापुर व बरुराज) में बनी सड़कों का वर्गीकरण होगा. नगर निगम क्षेत्र की तरह इन सातों नगर पंचायत में भी प्रधान व मुख्य सड़कों की श्रेणी के साथ जमीन की सरकारी दर तय हाेगी.
मुजफ्फरपुर के नवगठित नगर पंचायत (सकरा, मुरौल, कुढ़नी के तुर्की, माधोपुर सुस्ता, सरैया, मीनापुर व बरुराज) में बनी सड़कों का वर्गीकरण होगा. नगर निगम क्षेत्र की तरह इन सातों नगर पंचायत में भी प्रधान व मुख्य सड़कों की श्रेणी के साथ जमीन की सरकारी दर तय हाेगी. नगर निकाय का चुनाव खत्म होते ही मुख्यालय स्तर से इसकी प्रशासनिक कवायद तेज हो गयी है. डिस्ट्रिक्ट सब रजिस्ट्रार राकेश कुमार ने बताया कि जिन सात नगर पंचायतों का गठन किया गया है, उनमें 37 मौजा का पूर्ण व अंश भाग पड़ता है. अभी जो जमीन की रजिस्ट्री होती है, रजिस्ट्री शुल्क में मात्र दो प्रतिशत (स्टांप ड्यूटी) की वृद्धि की गयी है. जमीन की जो पुरानी सरकारी दर (एमवीआर) तय है, उसी आधार पर रजिस्ट्री होती है. लेकिन, जब नगरीय सुविधा लोगों को मिलेगी, तब रेट में भी वृद्धि होगी. नये वित्तीय वर्ष से हर हाल में बदलाव होगा. इसका प्रस्ताव मुख्यालय को भेज दिया गया है.
अभी पांच श्रेणी में तय है जमीन की किस्म
नगर पंचायत का दर्जा मिलने से पहले जिन गांवों को शामिल किया गया है, उसकी जमीन की रजिस्ट्री एक फसला, दो फसला, विकासशील, आवासीय व व्यावसायिक श्रेणी में तय है. लेकिन, जब से पंचायती राज के अस्तित्व को खत्म कर नगर निकाय के अधीन कुढ़नी के तुर्की, माधोपुर सुस्ता, बरुराज, सरैया, मीनापुर, सकरा व मुरौल नगर पंचायत का गठन हुआ है, तब से रजिस्ट्री होने वाली जमीन की श्रेणी (किस्म) बदल गयी है. लेकिन, एमवीआर में बदलाव नहीं होने के कारण रजिस्ट्री शुल्क पुरानी दर पर ही लग रहा है. अब जब तक चुनी गयी नगर पंचायत की सरकार इस पर मुहर नहीं लगायेगी, प्रशासनिक स्तर पर न तो श्रेणी बदला जा सकता है और न ही रेट.
दो प्रतिशत का लगता है अतिरिक्त रजिस्ट्री शुल्क
फरवरी 2021 में विभागीय स्तर पर जैसे ही गांव से नगर पंचायत को लेकर नोटिफिकेशन जारी हुआ है, तब से रजिस्ट्री ऑफिस पूर्व से तय जमीन के सर्किल रेट (एमवीआर) पर दस प्रतिशत रजिस्ट्री शुल्क जमा करा रहा है. जब तक पंचायती राज में था, तब आठ प्रतिशत शुल्क पर रजिस्ट्री होती थी.
क्या कहते हैं अधिकारी
नगर पंचायत में शामिल मौजा को अलग कर उसके अधीन आने वाली जमीन की श्रेणी बदल दी गयी है. लेकिन, अंतिम मुहर चुनी गयी नगर पंचायत की सरकार लगायेगी. कीमत बढ़ाने का निर्णय विभागीय स्तर पर लिया जायेगा. इसकी रिपोर्ट काफी पहले भेजी जा चुकी है.
राकेश कुमार, जिला अवर निबंधक, मुजफ्फरपुर